अंडमान–निकोबार में शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक ही नहीं, राजनीतिक रूप से भी बेहद अहम रहने वाला है। क्योंकि आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत एक ही मंच पर नजर आएंगे। सावरकर स्मृति से जुड़े दो प्रमुख आयोजनों में दोनों की उपस्थिति को संघ–भाजपा के बीच मजबूत बॉन्डिंग के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
वीर सावरकर की प्रतिमा का अनावरण
दोपहर 2:30 बजे दक्षिण अंडमान स्थित ब्योदनाबाद पब्लिक गार्डन (श्री विजयपुरम) में स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा।प्रतिमा अनावरण के दौरान सावरकर के विचारों और उनके क्रांतिकारी योगदान को याद किया जाएगा। यह आयोजन उस धरती पर हो रहा है हुआ, जहां कभी सावरकर ने काला पानी की सज़ा भुगती थी।
‘सागरा प्राण तळमळला’ के 115 वर्ष: सांस्कृतिक कार्यक्रम में उमड़ा उत्साह
दोपहर 3:15 बजे डॉ. भीमराव अंबेडकर ऑडिटोरियम (श्री विजयपुरम) में सावरकर की प्रसिद्ध कविता ‘सागरा प्राण तळमळला’ के 115 वर्ष पूरे होने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हो रहा है।
1909 में सेलुलर जेल में लिखी गई इस कविता को सावरकर की भावनाओं और मातृभूमि की याद का संवेदनशील प्रतीक माना जाता है।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री आशीष शेलार, प्रसिद्ध संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर, अभिनेता रणदीप हुड्डा और इतिहासकार विक्रम संपत जैसी प्रमुख हस्तियाँ मौजूद रहेंगी।
भाजपा–संघ के रिश्तों पर सवाल उठाने वालों को जवाब
पिछले कुछ समय से राजनीतिक हलकों में, ख़ासकर एक वर्ग संघ और भाजपा आलाकमान के बीच दूरियों और दरारों की चर्चाओं को हवा दे रहा था। कोई संघ–भाजपा और सरकार के बीच जमी बर्फ बता रहा था तो कोई इसे दोनों संगठनों की रणनीतिक प्राथमिकताओं में अलग–अलग दृष्टिकोण से जोड़कर देखा जा था। वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषक तो इसे संघ प्रमुख की ‘नाराजगी’ बताने में भी कोताही नहीं बरत रहे थे। लेकिन आज जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और संघ प्रमुख मोहन भागवत एक मंच पर होंगे तो सबसे ज्यादा दुख इस वर्ग को ही अपने नैरेटिव के धराशाई होने पर होगा।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार“अमित शाह और मोहन भागवत का एक साथ मंच साझा करना अपने आप में एक मजबूत संदेश है कि संघ–भाजपा का समन्वय पहले की तरह सुदृढ़ है।”
जो लोग दोनों के रिश्तों को लेकर ‘मतभेद’ या ‘दूरी’ की राजनीति चलाते रहे, उनके लिए आज ये तस्वीरें निस्संदेह झटके जैसी होंगी।
भागवत और शाह के कार्यक्रमों का व्यापक महत्व
सरसंघचालक मोहन भागवत अंडमान–निकोबार के चार दिन के दौरे पर हैं। यह दौरा उनके ‘सरसंघचालक’ कार्यकाल का पहला अंडमान दौरा है।वहीं अमित शाह जनवरी 2023 के बाद यहां दूसरी बार पहुंचे हैं। दोनों नेता सावरकर के सम्मान में आयोजित कई कार्यक्रमों में साथ रहेंगे, जिसे संगठन की वैचारिक एकता और संगठनात्मक तालमेल के संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है।
