लंबे वक्त से अटके भाजपा संगठन बदलाव को आख़िरकार हरी झंडी मिल गई है। पार्टी के संगठन चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने अध्यक्ष पद के चुनावों को लेकर जानकारी दी। उन्होने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए 13 दिसंबर को दोपहर 1:00 बजे से 2:00 बजे तक लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे, वहीं 14 दिसंबर को केंद्रीय चुनाव अधिकारी व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की निगरानी में चुनाव प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।
दरअसल 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो रहे हैं और पार्टी इससे पहले ही यूपी में संगठन बदलाव की प्रक्रिया पूरी कर लेना चाहती है।
हालांकि संभावना ये है कि 12 या 13 दिसंबर तक ही नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर सहमति बन जाए और चुनाव की नौबत ही न आए।
कौन कौन रेस में?
पार्टी नेतृत्व और उत्तर प्रदेश भाजपा के भीतर कई नेताओं के नाम चर्चा में हैं, जिसमें केंद्रीय मंत्री रहीं साध्वी निरंजन ज्योति का नाम भी आगे बताया जा रहा है।
ओबीसी वर्ग से आने वाली साध्वी निरंजन ज्योति ने कुछ दिन पहले ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाक़ात की थी, जिसके बाद से ही उनके नाम पर क़यास लगाए जा रहे हैं।
इसके अलावा ओबीसी चेहरे के ही रूप में योगी सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह और राज्यसभा सांसद अमरपाल मौर्य के नाम भी रेस में बताए जा रहे हैं।
वहीं अगर पार्टी ब्राह्मण चेहरे को संगठन की कमान सौंपती है तो पूर्व डिप्टी सीएम रहे दिनेश शर्मा के नाम की भी चर्चा है।
इसके अतिरिक्त दलित समुदाय के नेता तौर पर विद्यासागर सोनकर का नाम भी जोड़ा जा रहा है, तो वहीं पंकज चौधरी और स्वतंत्र देव सिंह जैसे नेताओं के नाम भी संभावित लिस्ट में बताए जा रहे हैं। हालांकि माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व की प्राथमिकता किस चेहरे पर रहेगी, ये जल्दी ही सामने आ जाएगा।
मौजूदा स्थिति क्या है?
बीजेपी ने पहले ही प्रदेश के 327 प्रांतीय परिषद सदस्यों के नाम घोषित कर दिए हैं, जो नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए वोट करेंगे। इसके साथ ही 84 से अधिक जिलाध्यक्षों का चुनाव भी पूरा कर लिया गया है, जिससे संगठनात्मक चुनाव का रास्ता पहले ही साफ़ हो गया है।
विश्लेषकों के अनुसार, पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले संगठन में मजबूती लाने के साथ सामाजिक समीकरणों के संतुलन की कोशिश कर रही है, और इसलिए कुछ वरिष्ठ नेताओं के बजाय ओबीसी चेहरे को आगे लाने की रणनीति पर भी विचार किया जा रहा है।
यूपी भाजपा के संगठन का चुनाव इसलिए भी जरुरी है, क्योंकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की चाभी भी यूपी में ही छिपी हुई है। दरअसल राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए राष्ट्रीय परिषद होना जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जैसे दिग्गज नेता यूपी से ही आते हैं, ऐसे में राष्ट्रीय परिषद में उनकी मौजूदगी के लिए भी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव जरूरी है।
