कंबोडिया में भगवान विष्णु की एक प्राचीन मूर्ति को कथित तौर पर ध्वस्त किए जाने की घटना पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आरोप है कि यह कृत्य थाई सेना की कार्रवाई के दौरान हुआ। भारत सरकार ने बुधवार (24 दिसंबर) को इस घटना की तीखी निंदा करते हुए कहा कि ऐसे अपमानजनक कृत्य दुनियाभर में हिंदू श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं और इन्हें किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
नई दिल्ली ने स्पष्ट किया कि धार्मिक स्थलों और आस्थाओं का सम्मान अंतरराष्ट्रीय मूल्यों का हिस्सा है, और इस तरह की घटनाएं क्षेत्रीय शांति व सौहार्द को नुकसान पहुंचाती हैं। भारत ने थाईलैंड और कंबोडिया—दोनों देशों से संयम बरतने, शांति बनाए रखने तथा जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए संवाद और कूटनीति का रास्ता अपनाने की अपील की है।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”>भगवान विष्णु का दशावतार रूप 🙏🏻<br><br>महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव के जीवन से जुड़ी बटद्रवा सत्र की भूमि को असम सरकार ने अतिक्रमणमुक्त किया। उसी पावन स्थल पर एक सांस्कृतिक परियोजना को साकार रूप दिया गया है, जहां सनातन परंपरा और असम की समृद्ध संस्कृति को सुंदर रूप में प्रदर्शित किया गया है। <a href=”https://t.co/FnNrNGF1Vn”>pic.twitter.com/FnNrNGF1Vn</a></p>— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) <a href=”https://twitter.com/himantabiswa/status/2004043172209680431?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 25, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की सुरक्षा सभी देशों की साझा जिम्मेदारी है। साथ ही, क्षेत्र में बढ़ते तनाव को कम करने के लिए बातचीत ही एकमात्र प्रभावी समाधान है।
यह घटना न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा विषय बन गई है, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया में सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
