दिल्ली को मिज़ोरम की राजधानी आइजोल से जोड़ने वाली सैरंग राजधानी एक्सप्रेस आज तड़के हादसे का शिकार हो गई। ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना तब हुई जब ट्रेन संख्या 20507 सैरंग राजधानी एक्सप्रेस मिजोरम के सैरंग से दिल्ली आ रही थी, तभी असम में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के लुमडिंग मंडल के अंदर आने वाले जमुनामुख–कंपूर सेक्शन में हाथियों के एक झुंड से टकरा गई। यह हादसा रात करीब 2:15 बजे, गुवाहाटी से लगभग 126 किलोमीटर दूर हुआ।
टक्कर के बाद ट्रेन का इंजन और पांच कोच पटरी से उतर गए, जबकि आठ हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में किसी भी यात्री या रेलवे कर्मी को चोट नहीं आई। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार लोको पायलट ने ट्रैक पर हाथियों को देखते ही इमरजेंसी ब्रेक लगाए, लेकिन ट्रेन समय रहते नहीं रुक सकी और झुंड से टकरा गई। टक्कर इतनी तेज थी कि ट्रेन की चपेट में आने से हाथियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि ट्रेन भी पटरी से उतर गई।
ट्रैक को दोबारा शुरू किया गया
घटना की सूचना मिलते ही पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी, रिलीफ ट्रेन और तकनीकी टीमों के साथ मौके पर पहुंचे। प्राथमिकता के आधार पर बहाली कार्य शुरू किया गया, जिसे बाद में पूरा कर लिया गया।
इस हादसे में कुल 5 कोच पटरी से उतरे थे, जिन्हें ट्रेन से अलग कर दिया गया और उनके यात्रियों को दूसरे कोचों में खाली सीटों पर भेज कर ट्रेन को सुबह 6:15 बजे गुवाहाटी के लिए फिर से रवाना कर दिया गया। जहां गुवाहाटी में नए कोच जोड़े गए।
वन्यजीव–ट्रेन टकराव पर बढ़ती चिंता
रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह हादसा किसी घोषित हाथी कॉरिडोर में नहीं हुआ। लेकिन एहतियात के तौर पर प्रभावित खंड से गुजरने वाली ट्रेनों को अप लाइन से डायवर्ट किया जा रहा है। अधिकारियों ने दोहराया कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और वन्यजीव–प्रभावित क्षेत्रों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपायों की समीक्षा की जा रही है।
रेलवे ट्रैक पार करते समय हाथियों के ट्रेन से टकराने की घटनाएं, खासकर पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) क्षेत्र में, बार–बार सामने आती रही हैं। दुर्गम इलाकों और घने जंगलों से होकर गुजरने वाली रेल लाइनों के कारण यह खतरा और बढ़ गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019–20 से 2023–24 के बीच ट्रेन टक्करों में 81 हाथियों की मौत हुई है। यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी थी।
इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने एक मिटिगेशन प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसके तहत 14 राज्यों में फैले 77 संवेदनशील रेलवे खंडों, कुल 1,965.2 किलोमीटर लंबाई वाले हिस्सों को प्राथमिकता पर रखा गया है। इन खंडों में स्थल–विशेष उपाय लागू किए जा रहे हैं, ताकि ट्रेन के गुजरने के दौरान जंगली जानवर रेलवे ट्रैक से दूर रहें और ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
