बांग्लादेश के मैमनसिंह में हिंदू युवक दीपु चंद्र दास की भीड़ द्वारा की गई निर्मम हत्या को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कड़ा विरोध जताया है। मंगलवार को मुंबई में आयोजित पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए वीएचपी के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री आलोक कुमार ने इस घटना की तीखी निंदा करते हुए इसे अस्वीकार्य और अमानवीय करार दिया।
आलोक कुमार ने बताया कि गुरुवार रात दीपु चंद्र दास पर कथित ईशनिंदा का आरोप लगाकर भीड़ ने उसे जिंदा जला दिया। रिपोर्टों के अनुसार, दीपु ने कथित तौर पर यह लिखा था कि “सभी भगवान अलग-अलग नामों से एक ही हैं”, जिसे ईशनिंदा बताकर उसके खिलाफ हिंसा की गई। वीएचपी अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह की घटनाएं बांग्लादेश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
उन्होंने कहा कि निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका और मानवाधिकार कार्यकर्ता तस्लिमा नसरीन ने भी सार्वजनिक रूप से यह दावा किया है कि दीपु चंद्र दास पर लगाया गया ईशनिंदा का आरोप झूठा था और पुलिस संरक्षण में होने के बावजूद उसे छोड़ दिया गया। यह घटना बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था के पूर्ण पतन और राज्य की जिम्मेदारी से पीछे हटने का संकेत देती है।
आलोक कुमार ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश इस समय अराजकता और कानूनविहीनता के दौर से गुजर रहा है, जहां कट्टरपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह हत्या कोई अलग घटना नहीं, बल्कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और भय के माहौल का हिस्सा है।
वीएचपी अध्यक्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना वैश्विक मानवाधिकार संस्थाओं की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया और मानवाधिकार मंच इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं।
भारत की भूमिका पर बोलते हुए आलोक कुमार ने कहा कि भारत ऐसे हालात में मूक दर्शक नहीं बन सकता। उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सभी कूटनीतिक और मानवीय उपाय अपनाए।
उन्होंने मुहम्मद यूनुस को दिए गए नोबेल शांति पुरस्कार को वापस लेने की मांग भी की और आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों की रक्षा में विफल नेतृत्व को अंतरराष्ट्रीय वैधता नहीं मिलनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने शरीफ उस्मान हादी को राजकीय सम्मान दिए जाने की भी निंदा की, जिसने कथित तौर पर “ग्रेटर बांग्लादेश” का नक्शा साझा कर भारत को चुनौती दी थी।
वीएचपी ने घोषणा की कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा के विरोध में और न्याय की मांग को लेकर संगठन भारत भर में देशव्यापी आंदोलन करेगा। संगठन ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में जल्द ही लोकतंत्र, कानून का शासन और सौहार्द बहाल होगा
