क्या CPEC परियोजना से हाथ पीछे खींच लेगा चीन?
29 March 2024
भारत के आंतरिक मामलों में क्यों दखल दे रहा अमेरिका?
29 March 2024
Bhagat Ram Talwar Biography: यदि आपको गुप्तचर और उनकी कार्यशैली में रुचि है, तो आपने जेम्स बॉन्ड पर अवश्य ध्यान दिया होगा। ब्रिटिश इंटेलिजेंस सेवा के लिए कार्यरत इस गुप्तचर को इयान फ्लेमिंग ने रचा था। जिनके भ्राता, पीटर फ्लेमिंग स्वयं ब्रिटिश इंटेलिजेंस में कार्यरत थे। परंतु क्या आपको पता ...
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां कई देशों के नागरिक फंस गए हैं। भारत सरकार ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया है। बड़े पैमाने पर भारतीय नागरिकों को बस तथा अन्य यातायात के साधनों के माध्यम से यूक्रेन से बाहर निकालकर यूक्रेन के ...
19 दिसंबर को अफगानिस्तान के मुद्दे पर दो महत्वपूर्ण मंच पर चर्चा हो रही है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा के लिए ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉरपोरेशन अर्थात् OIC का मंच चुना है और भारत ने तृतीय भारत मध्य एशिया डायलॉग में अफगानिस्तान के मुद्दे को उठाया है। पाकिस्तान ...
कच्छ के मुंद्रा बंदरगाह पर दो कंटेनरों से 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त किए जाने के बाद अब एक बार फिस से यह बंदरगाह चर्चा में है। गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर पाकिस्तान से चीन जाने वाले पोत से रेडियोएक्टिव मैटेरियल जब्त किया गया है। रेडियोएक्टिव मैटेरियल से लदा हुआ विदेशी ...
आतंक का नाम सुनते ही सबसे पहले एक ही देश की छवि मन-मस्तिष्क में उभरती है, वो है पाकिस्तान। भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान एक आतंकी देश है इसमें कोई संदेह नहीं है। अब तक यह देश न सिर्फ आतंकियों को शह देता था, बल्कि उनका बचाव भी करता था। ...
जब से तालिबान ने पाकिस्तान की सहायता से पुनः अफगानिस्तान में आधिपत्य जमाया है, पाकिस्तान के हौसले बुलंद हो चुके हैं। इसका एक असर कश्मीर घाटी में भी दिख रहा है, जहां पर फिर से 1990 की भांति चुन-चुनकर गैर कश्मीरियों, विशेषकर हिंदुओं को निशाना बनाकर मारा जा रहा है। ...
अफगानिस्तान में अमेरिका अपने पीछे तालिबान के रूप में सिर्फ एक कट्टरपंथी संगठन को छोड़कर नहीं गया, असल में वो कई आतंकी संगठनों के लिए मजबूत नींव तैयार करके गया है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अफगानिस्तान में अमेरिकी सरकार द्वारा जो हथियार छोड़ा गया, अब वह कौड़ियों ...
पड़ोसी देश पाकिस्तान एक तरफ जहां अपनी आतंक समर्थक छवि का विस्तार तालिबान के माध्यम से अफगानिस्तान में करना शुरु कर चुका है, तो दूसरी ओर उसे आर्थिक स्तर पर दिन प्रतिदिन नई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बार तालिबान के साथ आतंक की नई धारा बहाने ...
यह तय हो चुका है कि अफ़ग़ानिस्तान पूर्णतः तालिबान के कब्जे में जा चुका है। पंजशीर के अतिरिक्त कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जो तालिबानी आधिपत्य का विरोध कर सके। ऐसे में भारत सरकार ने तालिबान से पहली बार आधिकारिक रूप से कोई बातचीत की है। देखा जाए तो ...
शरणार्थी जो आते तो आस्थाई आश्रय की उम्मीद से हैं, लेकिन कई बार ये बड़े देशों के लिए अराजकता का पर्याय बन जाते हैं। बांग्लादेशियों एवं म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिमों के रूप में आए इन्हीं शरणार्थियों को शरण देने का दंश भारत पहले से ही झेल रहा है। ऐसे में ...
अफगानिस्तान की धरती पर सनातन धर्म का गौरवशाली इतिहास अफगानिस्तान का सनातन इतिहास : “कुछ हिंदुओं ने मुझसे काबुल छोड़ने का आग्रह किया और मेरी यात्रा और ठहरने की व्यवस्था का प्रस्ताव भी दिया, परंतु मेरे पूर्वजों ने सैकड़ों वर्षों तक इस मंदिर की सेवा की। मैं इसे नहीं छोड़ूँगा। ...
आईएसआईएस-के : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भले ही खुद डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) से पीड़ित हैं लेकिन वो अमेरिका को फर्जी तुष्टिकरण आधारित उदारवाद का रोग दे रहे हैं। आपको इतना ज्यादा भी उदार होने की आवश्यकता नहीं है कि आप सही और गलत में अंतर करना बंद कर ...