क्या CPEC परियोजना से हाथ पीछे खींच लेगा चीन?
29 March 2024
भारत के आंतरिक मामलों में क्यों दखल दे रहा अमेरिका?
29 March 2024
जो देश को दो खंडित करने में विश्वास करे वो है PFI, जो देश को जलाने की बात करे वो है पीएफआई, जो भारत में तालिबानी शासन लाने के स्वप्न देखे वो है पीएफआई। भारत के अंदर पल रहे ऐसे संगठन की बात आए जो भारत को तालिबानी और इस्लामिक ...
जब से मोदी सरकार ने कृषि कानून वापस लिए हैं, तभी से किसान संगठनों और विपक्षी दलों के पास मोदी सरकार को घेरने तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसान विरोधी दिखाने के लिए कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है। ऐसे में किसान संगठनों तथा विपक्षी दलों द्वारा यह झूठी अफवाह ...
भारत एक कृषि प्रधान राष्ट्र है और यह देश के 50 प्रतिशत रोजगार का सृजनकर्ता है। देश के सकल घरेलू आय में लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा कृषि का है। ये तथ्य कितने अच्छे व लुभावने लगते हैं! परंतु, जब आप इन तथ्यों को एक तार्किक और जिम्मेदार नागरिक की तरह ...
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानून को वापस लेने के ऐलान के बाद, एक प्रश्न अभी भी मोदी विरोधियों और समर्थकों को खाये जा रही है, वो यह है कि “क्या पीएम मोदी सच में झुक जाएंगे?’’ देश नहीं झुकने देने की सौगंध खानेवाला क्या सचमुच में देश को झुकने ...
कुछ लोगों का जीवन उनका भाग्य तय करता है और कुछ लोग अपने कर्मों से अपना भाग्य खुद तय करते हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह उन्हीं में से एक हैं। कांग्रेस से भले ही उनका नाता टूट गया हो, परंतु वे गांधी-वाड्रा परिवार के हाथों अपना अपमान ...
पंजाब की राजनीति में लाभ की नीति के तहत कांग्रेस ने जो भी कदम उठाए थे, वो विधानसभा चुनाव आते-आते कांग्रेस पर ही भारी पड़ते दिख रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपमानित करने के बाद पहले ही कांग्रेस पार्टी में दो गुट बन गए हैं, वहीं पार्टी ने पर्दे ...
‘भय बिन होय न प्रीत’ श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड की ये पंक्ति दिल्ली की सभी सीमाओं पर बैठे तथाकथित किसानों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन पर बिल्कुल ही चरितार्थ होती हैं, लेकिन इसके विपरीत सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि ये किसान मोदी सरकार के लिए ही भय की स्थिति ला ...
किसान आंदोलन को लेकर पहले से ही राजनीतिक नौटंकियां चल रही हैं। पिछले एक वर्ष से लगातार किसी न किसी विषय को तथाकथित किसानों से सीधे जोड़कर राजनीतिक लाभ लेने के प्रयास किए जाते रहे हैं। किन्तु, अब ये राजनीतिक लाभ विरोध की पराकाष्ठा को पार करते हुए शारदीय नवरात्रि ...
मोदी सरकार ने किसानों के लाभ के लिए तीन कृषि कानून पारित करवाए, तो अपनी राजनीतिक और आर्थिक विरासत के खत्म होने का पंजाब, हरियाण के कथित किसानों ने खूब विरोध किया। हालांकि, इससे कोई फर्क नहीं पड़ा है। इसके विपरीत गठबंधन और पूर्ण बहुमत की सरकारों के बीच अंतर ...
उत्तर प्रदेश की राजनीति में वामपंथी मीडिया का सदैव एक फॉर्मूला रहा है कि भाजपा के विरुद्ध माहौल बनाने के लिए झूठे राजनीतिक समीकरण खड़े किए जाएं। 2014 से लेकर अब तक प्रत्येक स्तर के चुनाव में कभी दलित-मुस्लिम, तो कभी यादव-मुस्लिम वोट बैंक की कल्पना गढ़ी गईं। वहीं कथित ...
मुगलों के विरुद्ध सिख समाज के गुरुनानक देव से लेकर गुरु तेगबहादुर सिंह ने अनेकों युद्ध लड़े, लेकिन अब पाकिस्तान में उन्हीं मुगलों के वंशजों के साथ खालिस्तानी सिख दोस्ती कर चुके हैं, क्योंकि उनका मुख्य मुद्दा भारत विरोध का है। ऐसे में ये लोग मुस्लिम-सिख एकता की नौटंकी करते ...
अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें लगता है कि दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन केवल कृषि अधिनियमओं से जुड़ा है तो आप गलत हैं। हालांकि, मुख्य रूप से पंजाब के किसानों द्वारा संचालित, दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और इसकी सीमाओं में हो रहे इस ...