रूस को क्यों है भारत की जरूरत?
16 April 2024
टेस्ला की कारों के लिए सेमीकंडक्टर चिप बनाएगी टाटा।
16 April 2024
भारत अमेरिका संबंध: इन दिनों अमेरिका, भारत का बहुत बड़ा हितैषी बन रहा है। आर्थिक संबंधों से लेकर सामरिक संबंधों तक अमेरिका बार-बार व्यापक परिर्वतन करने को उद्यत दिखाई देता है। दूसरी ओर विपक्षी पार्टी यानी रिपब्लिकन पार्टी भी पीछे नहीं है और भारत को आकृष्ट करने के लिए एड़ी ...
भारत की गिनती आज के समय में सबसे शक्तिशाली देशों के तौर पर होती है लेकिन वैश्विक स्तर पर भारत के पास कुछ ताकतों की अभी भी कमी है। इस कमी में से एक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता है और इसके लिए चीन को छोड़कर लगातार सभी ...
रूस यूक्रेन विवाद का वर्तमान संकट तो छोटी बात है, भारत और रूस के संबंधों पर पाश्चात्य देशों की कुदृष्टि से कोई अनभिज्ञ नहीं है। उनका बस चले तो भारत को सम्पूर्ण संसार से अलग थलग करके ही दम ले, परंतु अब भारत ने भी ठान लिया है, झुकेगा नहीं! ...
रूस-यूक्रेन मामले को लेकर पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हुई है। पश्चिम समेत दुनिया के तमाम देश रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं, लेकिन भारत अपने सदाबहार दोस्त रूस के साथ अप्रत्यक्ष रूप से ही सही, पर हर कदम पर खड़ा है। रूस-यूक्रेन मामले पर ...
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से वैश्विक स्तर पर भारत की कद में जबरदस्त इजाफा हुआ है। कुछ धूर्त देशों को छोड़ दें, तो दुनिया के लगभग सभी बड़े और मजबूत देशों के साथ भारत का संबंध काफी बेहतर है। भारत गुटनिरपेक्षता के अतीत से बाहर निकल ...
भारत के बढ़ते प्रभाव को अब अमेरिका भी स्वीकार करने लगा है। इसी का एक परिणाम बीते पिछले दिनों देखने को मिला, जब बाइडन प्रशासन ने 'यूएस कमिशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ़्रीडम' के दबाव के बावजूद भारत को धार्मिक स्वतंत्रता के अपनी 'रेड लिस्ट' या Countries of Particular Concern में ...
पिछले एक साल से कच्चे तेल की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। तेल उत्पादन करने वाले देश जैसे OPEC तेल की कीमतों पर अपना वर्चस्व बनाए हुए हैं, जिस पर उनका एकाधिकार बना हुआ है। कच्चे तेल की कीमत पहले $50 प्रति बैरल, फिर $75 से बढ़कर अब $85 ...
दो अमेरिकी सीनेटरों ने बीते दिन मंगलवार को राष्ट्रपति जो बाइडन को पत्र लिख कर भारत द्वारा रूस से S-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने की स्थिति में प्रतिबंध न लगाए जाने की मांग की। अमेरिकी सीनेटर ने आग्रह किया कि राष्ट्रपति बाइडन भारत के खिलाफ ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ ...
आईएसआईएस-के : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भले ही खुद डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) से पीड़ित हैं लेकिन वो अमेरिका को फर्जी तुष्टिकरण आधारित उदारवाद का रोग दे रहे हैं। आपको इतना ज्यादा भी उदार होने की आवश्यकता नहीं है कि आप सही और गलत में अंतर करना बंद कर ...
कोरोना से समय बर्बाद हुई हुवावे एक बार फिर से अपने बिजनेस को बढ़ाने जा रही है और इसका कारण कोई और नहीं है बल्कि जो बाइडन हैं। अब हुवावे जो बाइडन की मदद से एक बार फिर अफ्रीकी देशों के साइबर स्पेस पर कब्जा जमाएगी। कोरोना जब शुरू हुआ ...
हाल ही में तालिबान ने दो दशक के बाद अफगानिस्तान के शासन पर पुनः आधिपत्य जमाया है और उसके व्यवहार को देखते हुए ऐसा बिल्कुल नहीं लगता है कि पहले के तालिबान और अब के तालिबान में कोई विशेष अंतर है। इसके बाद भी अमेरिका का बाइडन प्रशासन न केवल ...
अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है और अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिको को निकाल लिया है। एक तरह से इसे अमेरिका की हार की तरह देखा जा रहा है और सवाल उठ रहे हैं कि क्या संयुक्त राज्य अमेरिका पिछले 20 वर्षों से अफगानिस्तान में दिशाहीन ...