भारत के आंतरिक मामलों में क्यों दखल दे रहा अमेरिका?
29 March 2024
देश की आजादी में वीर सावरकर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है लेकिन कांग्रेसियों की कुंठा, वामपंथियों का एजेंडा और कट्टरपंथियों ने अपने घृणित खेल से उनके योगदान को धुंधला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज भी स्थिति ऐसी है कि घृणित मानसिकता वाला कुनबा वीर सावरकर ...
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम...ये शब्द हमने देश की राजनीति में दो पार्टियों के गठबंधन के दौरान कई बार सुना है। इसको लेकर राजनीतिक पार्टियों का तर्क रहता है कि गठबंधन कुछ समान जनहित के मुद्दों पर होगा। इसके विपरीत ऐसे गठबंधन मात्र राजनीतिक महत्वाकांक्षा के पर्याय होते हैं। महाराष्ट्र की महाविकास ...
स्वतंत्रता के बाद जब जवाहरलाल नेहरू युग में वामपंथी इतिहासकार एक-एक कर देश के इतिहास की धज्जियां उड़ा रहे थे तब एक ऐसे इतिहासकार हुए जिन्होंने उस जमाने में भी भारतवर्ष के इतिहास को बचाने की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ली। उस इतिहासकर का नाम था RC मजूमदार! यही काम ...
‘नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा, मेरी आवाज़ ही पहचान है’ ‘अजीब दास्तान है यह, कहाँ शुरू कहाँ खत्म, यह मंज़िलें हैं कौन सी, न वो समझ सकें न हम!’ कुछ ऐसे ही कर्णप्रिय गीतों से हमें मोहित कर देने वाली ‘सुर साम्राज्ञी’ लता मंगेशकर का आज 93वां जन्मदिवस ...
बाबर का इतिहास ज़हिर उद-दिन मुहम्मद उर्फ़ बाबर। एक ऐसा आक्रमणकारी जिसे योद्धा बताया गया। एक ऐसा जिहादी जिसे धर्मनिरपेक्ष बताया गया। एक ऐसा क्रूर शासक जिसे इतिहास में महान बताया गया। असल में सिर्फ और सिर्फ एक आक्रांता था, एक लुटेरा था जो भारत भूमि को लूटने आया था। ...