रूस को क्यों है भारत की जरूरत?
16 April 2024
टेस्ला की कारों के लिए सेमीकंडक्टर चिप बनाएगी टाटा।
16 April 2024
आज सोशल मीडिया एक ताकतवर हथियार बन चुका है। सोशल मीडिया के मजबूत होने से आज विषैले एजेंडे को फैलाने वालों की पोल खुलने में समय नहीं लगता है। भारत के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो कुछ मीडिया हाउस हैं, जिनका काम ही देश में वैमनस्य फैलाना है और वे ...
भारत द्वारा पाकिस्तान की क्रिकेट कुटाई को लगभग एक पखवाड़ा बीतने को है, परन्तु अपने खान मार्केट मण्डली का दुःख ख़त्म ही नहीं होता! मैदान पर अपनी प्रिय क्रिकेट टीम की पिटाई के बारे में उतना नहीं रो रहे हैं; यह "मैदान से बाहर की पिटाई" है पर पगलाए हुए ...
आरफ़ा खानम शेरवानी का नाम आपने सुना होगा, यदि नहीं सुना है तो हम आपको बता देते हैं, आरफ़ा खानम शेरवानी स्वयं को पत्रकार बताती हैं और वो The Wire नाम की एक कथित न्यूज़ वेबसाइट में काम करती हैं। कांग्रेस की सरकार के समय यह कथित पत्रकार सरकार के ...
लंबे समय से राज्यसभा में अटका ट्रिपल तलाक बिल मंगलवार को सर्वसम्मति से पास हो गया। उपस्थित सदस्यों में से 99 मत इस बिल के पक्ष में पड़े, जबकि लगभग 84 मत इस बिल के विरोध में डाले गए। इस निर्णय का स्पष्ट संदेश है कि तीन तलाक की रूढ़िवादी ...
Jubilee web series review: भारतीय सिनेमा एक अबूझ पहेली के समान है। यहाँ कुछ भी नॉर्मल नहीं होता, और कई बार यहाँ का सत्य कल्पना के भी परे होता है। बहुत लोगों ने इस उद्योग की वास्तविकता दिखाने का दावा किया, परंतु उनके दावे अधिकतम फुस्स सिद्ध हुए। तो क्या ...
आमिर खान और शाहिद आफरीदी में बताये क्या समानता है? दोनों ऊँची ऊँची हांकते हैं, दोनों मुंह के बल गिरते हैं, गाली इनका परमानेंट भोजन है, और बार बार रिटायर होने का दावा ये पुनः मैदान में उतर आते हैं। इस लेख में पढिये कि कैसे आमिर खान अपनी हरकतों ...
बॉक्स ऑफिस पर दिखा पठान का दम! पठान पर झूमा पूरा हिंदुस्तान! KGF 2 का किला ध्वस्त, बाहुबली का घमंड हुआ धुआँ धुआँ! बॉलीवुड इज बैक! Pathaan box office collection scam: किसी महापुरुष ने ठीक ही कहा था कि “शब्दों पर नहीं, दृश्यों पर ध्यान दो!” अब ऐसा क्यों कहा, ...
एक होते हैं गिरगिट, एक होते महागिरगिट और तब आते हैं लिबरल गिरगिट। पिछली तीनों श्रेणियों में लिबरल गिरगिट सबसे विनाशक श्रेणी है जो अपने कहे को एक पक्ष तक सीमित रख अपना स्वार्थ साधते हैं। इन्हीं तत्वों के लिए नूपुर शर्मा विनाश का कारक, समाज की विभाजक हैं पर ...
‘अगर हम नहीं रोए तो अब्बा गुस्सा हो जाएंगे’ हमारे देश में एक कुनबे का हर बार यही जवाब होता है जब कोई कट्टरपंथी कानून के शिकंजे में आता है। उस कट्टरपंथी को बचाने के लिए लिब्रांडुओं का पूरा इकोसिस्टम खड़ा हो जाता है। फैक्ट चैक के नाम पर एजेंडा ...
“जब कुर्बानी दी जाती है तो हमेशा सिपाही की दी जाती है, राजा और राजकुमार तो जिंदा रहते हैं।” मिर्जापुर के इस संवाद का अपना अलग ही अर्थ है, क्योंकि घर फूँक कर तमाशा देखने का सबसे स्पष्ट उदाहरण हमारे देश के कट्टरपंथी मुसलमानों से बेहतर कोई नहीं दे सकता। ...
नूपुर शर्मा का विवाद इस समय चर्चाओं के केंद्र में है। कुछ भारतीय तो पैगंबर को प्राथमिकता देते हुए राष्ट्र को अपमानित करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। नये-नये प्रकार के टूलकिट और ट्रेंड को अपनी बातों को सही साबित करने का हथियार बना चुके हैं। नूपुर शर्मा ...
मार्च महीना लिबरलों के लिए दुःख के साथ आया और दुःख देकर ही जाता दिख रहा है। शुरुआत मन को तोड़ने के साथ हुई जब लिबरलों की इच्छा विरुद्ध पांच राज्यों में से 4 राज्यों में पुनः भाजपा सरकार आ गई, पंजाब को अपवाद के तौर पर छोड़ दें तो ...