“Quebec movement” में भारत की रूचि बढ़ा रही ट्रूडो की चिंता!
27 September 2023
“नमस्ते फ्रॉम भारत”: वैश्विक व्यवस्था के लिए जयशंकर का स्पष्ट सन्देश!
27 September 2023
बेनेगल नरसिंह राऊ: “आपको लगता है कि सारा प्रयास मेरा है, परंतु ऐसा नहीं है। अगर ऐसे अभूतपूर्व व्यक्तित्व का साथ नहीं होता, और उनका मार्गदर्शन नहीं होता, तो मुझसे ये काम अकेले संभव नहीं था” ये शब्द थे संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के प्रमुख डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जिन्हे ...
“आपके पांव देखे, बड़े हसीन हैं, इन्हें जमीन पर मत रखिएगा मैले हो जाएंगे!” किसी रोज़ जब राजकुमार ने “पाकीज़ा” में ये संवाद मीना कुमारी के लिए बोला था, तो अनेकों सिनेमाघर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठे थे। परंतु कई लोग आज भी इस संवाद से वास्ता नहीं रखते ...