क्या CPEC परियोजना से हाथ पीछे खींच लेगा चीन?
29 March 2024
सावरकर का नाम सुनते ही कांग्रेस का पारा सातवें आसमान पर चढ़ जाता है। आपको बस सावरकर बोलना है और कांग्रेसी तुरंत आपको 'देशद्रोही' साबित करने में लग जाएंगे। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के शासन में तो प्रतिस्पर्धा होती थी कि इस अमर क्रांतिकारी को कौन अधिक अपमानित करेगा, जिसमें ...
जब इतिहास को तोड़ने मरोड़ने की बात आती है तो वैश्विक इतिहासकारों में ऑड्रे ट्रुशके का नाम काफी ज़ोर शोर से सामने आता है। औरंगज़ेब का दिन रात जाप करने वाली इस फर्जी इतिहासकार को इसी कारण से सोशल मीडिया पर लोग ग्लोबल डिस्टोरीयन की उपाधि भी दिए हैं यानी ...
स्वतंत्रता के बाद जब जवाहरलाल नेहरू युग में वामपंथी इतिहासकार एक-एक कर देश के इतिहास की धज्जियां उड़ा रहे थे तब एक ऐसे इतिहासकार हुए जिन्होंने उस जमाने में भी भारतवर्ष के इतिहास को बचाने की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ली। उस इतिहासकर का नाम था RC मजूमदार! यही काम ...
बेइज्ज़ती का दूसरा नाम राजदीप सरदेसाई है या राजदीप सरदेसाई का पहला नाम बेइज्ज़ती, इस प्रश्न का उत्तर उतना ही जटिल है, जितना कि इस प्रश्न का उत्तर – पहले मुर्गी आई या अंडा? हाल ही में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के आयोजन के दौरान अपने विषैले वामपंथी एजेंडा के लिए ...
कांग्रेस पार्टी देश की स्वतन्त्रता का श्रेय तो ऐसे लेती है, मानों इस परिवार ने अनेकों त्याग किए हों, किन्तु उसके घमंड के विपरीत यथार्थ सत्य ये है कि कांग्रेस अपने कार्यों के आगे सभी को छोटा समझती है, और सबसे अधिक घृणा स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर से करती है, ...
संसद द्वारा पारित नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली में पंजाब और हरियाणा के किसानों ने विरोध का झंडा बुलंद कर रखा है। इन्हें लगता है कि नया कानून इनके हितों को खत्म कर देगा, जबकि पूरे देश के अन्य किसान इससे खुश हैं। इन कृषि कानूनों के लागू होते ...
वर्ष था 1920। असहयोग आंदोलन जोर पकड़ रहा था। अंग्रेज़ भारतीयों के इस बढ़ते रोष से आश्चर्यचकित थे। ऐसे में उन्होंने अपनी “क्रोधित प्रजा” को शांत कराने के लिए कुछ सुधारों की घोषणा की, परंतु जनता के कानों पर जूँ तक नहीं रेंगी। इसके अतिरिक्त ब्रिटिश प्रशासन के कुख्यात सेल्युलर ...
Charan caste history in Hindi: भारत में भांति भांति के योद्धा उत्पन्न हुए हैं। कुछ के लिए बल अधिक महत्वपूर्ण है, तो कुछ ने बुद्धि से युद्ध जीते हैं, परंतु राजस्थान वो भूमि है, जहां के कण कण में वीर रस बसता है। यहाँ के कवि भी किसी योद्धा से ...
1974। दिल्ली एयरपोर्ट पर कई सरकारी उच्चाधिकारी और इंदिरा गांधी के नेतृत्व में केन्द्रीय प्रशासन कुछ लोगों की प्रतीक्षा कर रहे थे। आखिरकार हवाई जहाज़ एयरपोर्ट पर उतरा, और उक्त हस्तियों में से एक निकले। परंतु ये कोई जीवित व्यक्ति नहीं थे, ये मृत शरीर के अवशेष थे, जिनमें से ...
कुछ समय पूर्व एक ‘महापुरुष’ ने अपने कर्मों का बचाव करते हुए कहा था, “देखिए जी, हम सावरकर की औलादें नहीं है, हम भगत सिंह के वंशज हैं। हम आखिरी सांस तक अत्याचार के विरुद्ध लड़ेंगे” बोलने में क्या जाता है, बोलने को ये भी बोल दो कि इंकलाब ज़िन्दाबाद ...
Netaji Savarkar Meeting: हमारे भारतीय इतिहास को दरबारी कथाकारों एवं इतिहासकारों ने इस तरह से रचा था कि हमें केवल वही पढ़ने को मिले, जो वे चाहे; हम वही सुनें, जो वे सुनाना चाहे। मानो एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हम लोगों में यह ज्ञान फ़ीड किया गया कि ये ...
एक सिक्के के दो पहलू होते हैं लेकिन अगर आपको आपके आधे जीवन तक केवल सिक्के के एक पहलू से ही अवगत कराया जाए तो आप उसे ही सही मानने लगेंगे। कुछ ऐसा ही हमारे इतिहास और संस्कृति के साथ किया गया। इतिहास का नाम आते ही अधिकतर लोगों के ...