अब UK और US नहीं ‘भा’ दिलाएगा परफेक्ट शू साइज।
25 April 2024
और कितनी नेहा की बली चढ़ते देखेगा यह देश?
25 April 2024
भारत ने चंद्रयान 3 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया और अब इससे जुड़ी एक और बड़ी खुशखबरी आई है। चंद्रयान 3 मिशन को सफल बनाने वाली टीम का अमेरिका में डंका बजा है। चंद्रयान 3 मिशन टीम को अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए प्रतिष्ठित 2024 जॉन एल ‘जैक’ स्विगर्ट जूनियर पुरस्कार ...
सूर्य मिशन: चंद्रयान-3 की अपार सफलता के पश्चात् इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने 26 अगस्त 2023 को बताया कि शीघ्र ही सूर्य के अध्ययन हेतु आदित्य एल-1 नामक मिशन भेजा जाएगा। सोमनाथ ने कहा कि सूर्य से संबंधित भारत के पहले स्पेस मिशन आदित्य एल-1 श्रीहरिकोटा पहुँच गया है और ...
चंद्रयान ३ प्रक्षेपित हुआ भारतवर्ष के श्रीहरिकोटा से, परन्तु अग्नि भभक रही हैं लंदन के अंग अंग से! ये कोई कविता नहीं, वास्तविकता का वो अंश है, जिसे अब तक अंग्रेज़ पचा नहीं पा रहे. इस लेख में चलिए एक ऐसी यात्रा पर, जहाँ कॉमेडी है, ड्रामा भी, और ढेर ...
ISRO वनवेब : नया भारत हर रोज एक नयी कहानी लिखता जा रहा है। आज आप देखेंगे कि भारत हर क्षेत्र में कामयाबी के झंडे गाड़ रहा है। बात अंतरिक्ष की करें तो भारत ने इसमें कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं। दिनों-दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) नयी उपलब्धियां और ...
20 नवंबर 1967 को भारत में विकसित पहला रॉकेट, RH-75(ROHINI-75), थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन (TERLS) से लॉन्च किया गया। थुम्बा को इसलिए चुना गया क्योंकि यह चुंबकीय भूमध्य रेखा के करीब है इसलिए हमारे वैज्ञानिकों को इस कार्यक्रम के लिए एक आदर्श स्थान लगा। किन्तु, गर्व तो इस बात ...
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के बोपाल में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के मुख्यालय का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी थे। इस कार्यक्रम में IN-SPACe और अंतरिक्ष-आधारित अनुप्रयोगों और सेवाओं के क्षेत्र में काम ...
अपनी उड़ान और ऊँची करने के उद्देश्य से अब भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अपनी उड़ान में नए पंख जोड़ने की तैयारी कर रही है. जल्द ही इसरो स्वदेशी स्पेस शटल का परीक्षण करने वाली है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो इसे जल्द ही कर्नाटक के चल्लकेरे की साइंस सिटी के ...
वर्ष 2022 के पहले सफल प्रक्षेपण में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार को पीएसएलवी रॉकेट के माध्यम से एक ऑल-वेदर अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट EOS-04 और दो अन्य उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा। इस लॉन्च के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के लिए एक व्यस्त कैलेंडर की शुरुआत हो ...
अगर आपसे यह पूछा जाए कि अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े सबसे बड़े वैज्ञानिक का नाम क्या है तो आपका उत्तर क्या होगा? संभवत: आप भारत के वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम का नाम लेंगे, लेकिन क्या आपको मालूम है कि डॉ कलाम के भी एक गुरु हुए हैं, ...
पिछले कई वर्षों में अगर कुछ निरंतर बढ़ता रहा है, तो वह है भारत का स्पेस प्रोग्राम। चाहे एंटी सैटेलाइट मिसाइल विकसित करना हो, या फिर चांद के दक्षिणी छोर पर लैंड रोवर भेजने का जोखिम उठाना, ISRO ने भारतीय स्पेस प्रोग्राम में चार चांद लगाए हैं। अब भारत दूसरे ...
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन चाहते हैं कि दुनिया और भारत यह मान ले कि वह भारत के करीबी मित्र हैं। पर क्या ये सच है? इतिहास तो कुछ और ही कहता है। वर्ष 1992 की Los Angeles Times (लॉस ...
भारत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक के बाद एक नए आयाम स्थापित करते जा रहा है। हाल ही में इसरो द्वारा चंद्रयान 2 के सफल प्रक्षेपण और चांद की कक्षा में ऑर्बिटर स्थापित करवाने के बाद अब स्पेस के खतरों से भी निपटने के लिए कमर कस ली है। चंद्रयान ...