श्रीबांके बिहारी कॉरिडोर का विरोध क्यों?
28 January 2023
पिछले कुछ समय में भारत का वैश्विक कद किस तरह से बढ़ा है, इसे बताने के लिए कोई विशेष शोध करने की आवश्यकता तो है नहीं। फिर चाहे रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान शांति स्थापित करने के लिए पूरी दुनिया का भारत की तरफ देखना हो या फिर ऐसी ...
'What's in a name? That which we call a rose by any other name would smell just as sweet.' यानी नाम में क्या ही रखा है? हम गुलाब को किसी भी नाम से पुकारे, उसकी सुगंध जस की तस रहेगी. शेक्सपीयर ने अगर ये कोटेशन दी तो ये यूं ही ...
रूस और यूक्रेन युद्ध इसी साल फरवरी में शुरू हो गया था और इस तरह जल्द ही इस युद्ध को होते हुए एक वर्ष हो जाएगा। लंबे समय से चल रहा यह युद्ध शांत नहीं हो पा रहा है बल्कि आए दिन युद्ध से जुड़ी कोई न कोई नई सूचना ...
कहते हैं कि यदि पंचों की ताकत कम हो तो उनका फैसला कोई नहीं मानता, न्यायालय यदि एक दो बार गलत फैसले दे दें तो उनकी विश्वसनीयता भी खत्म हो जाती है। समय के साथ यदि इंसान या संस्थान न बदले तो वह बर्बाद हो जाता है। इन संस्थानों की ...
कहते हैं कि जब आपकी इच्छा बलवान और उचित हो तब आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए अलौकिक ताक़त पा सकते हैं, भारत के परिप्रेक्ष में यह बिल्कुल सही प्रतीत होता है। भारत शुरू से ही अपने विकास को लेकर महत्वकांक्षी रहा है, किंतु अपनी महत्वकांक्षा के क्रम में ...
'संयुक्त राष्ट्र संघ', नाम से ही स्पष्ट होता है कि यह सभी देशों का एक अंतरराष्ट्रीय समूह है। इसका मुख्य उद्देश्य युद्धों को रोकना और विश्व में शांति, समृद्धि, एकता और मानव विकास के संदेश को बढ़ावा देना है। परंतु वर्तमान समय में संयुक्त राष्ट्र की हालत कुछ ऐसी नजर ...
अब से कुछ वर्ष पूर्व अगर हम कहते कि UN को हम उसकी औकात बता सकते हैं, तो आप भी बोलते, मज़ाक चल रहा है क्या? परंतु लगता है हमारे शत्रु स्वयं ही आतुर है कि आइए मालिक, हमारी भी तनिक खातिरदारी कर ही दीजिए। गुजरात दंगों पर दुष्प्रचार फैलाने ...
देश की कमान अगर मजबूत हाथों में हो तो विश्व पटल पर राष्ट्र को अलग पहचान मिलती है। भारत के संदर्भ में यह बात एकदम सही साबित हो रही है। पिछले 8 सालों में जब से मोदी सरकार सत्ता में आई दुनिया भारत को अलग नजरों से देखने लगी है। ...
भारत के द्वारा उठाए गए रणनीतिक कदमों पर पश्चिम के दिए जाने वाले फालतू के ज्ञान का जवाब देते हुए भारत के विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने अपने बयानों से उसे चुप करा दिया है। अपने सटीक जवाबों से मुरलीधरन ने ग्लोबल स्तर पर भारत की तटस्थता और निर्भरता ...
दूसरों को उपदेश देना जितना सरल है उससे अधिक कठिन है उसे अपने स्तर पर अमल में लाना। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद भी वही संस्था है जो ज्ञान देती है पर उसी ज्ञान को खुद के लिए अमल में लाने पर उसकी घिग्घी बंध जाती है। जिसके नाम में ही ...
भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच पर पाकिस्तान तथा ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज की ओर से प्रस्तुत किए गए एक प्रस्ताव का विरोध किया है जिसके अंतर्गत 15 मार्च को इस्लामोफोबिया के विरुद्ध लड़ने के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाए जाने की बात कही गई थी। हुआ यह ...
यूक्रेन-रूस युद्ध अपने चरम पर है। रूसी सैनिक अब यूक्रेन के क्षेत्रों के अंदर हैं और लड़ाई अब सीमा से आगे सड़कों और शहरों में लड़ी जा रही है। इस बीच, यूक्रेनियन हैरान हैं कि नाटो और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) जैसे सुपरनेशनल संगठन उनका बचाव करने के लिए क्यों नहीं ...