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रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर विशेष: जिन्होंने भारत की संस्कृति और सभ्यता को पश्चिमी देशों में फैलाया

एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर, जिनकी दो रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान बनीं। भारत का राष्ट्र-गान ‘जन गण मन’ और बांग्लादेश का राष्ट्र गान ‘आमार सोनार बांङ्ला‘। रवींद्रनाथ टैगोर गुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध थे। उन्होंने ...

भारतीय सिनेमा में संभावित संघर्ष: दो संस्कृतियों में भिड़ंत

परिवर्तन ही संसार का शाश्वत सत्य है। यही बात सिनेमा पर भी लागू होती है। जिस प्रकार से हमें फिल्मांकन में बदलाव देखने को मिल रहा है, शीघ्र ही वो समय भी आएगा जब भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में ...

350 साल पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार, गोवा अपनी समृद्ध सनातन संस्कृति से फिर से जुड़ रहा है

Shree Saptakoteshwar Temple renovation: सुबह का भूला यदि शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते। गोवा की पहचान उसके उत्सव से परिपूर्ण वातावरण, मदिरा एवं बीच इत्यादि से होती है। परंतु गोवा की अपनी सनातन संस्कृति ...

“महाभारत को घर में रखने से कलह होती है”, सनातन संस्कृति के विरुद्ध अबतक का सबसे बड़ा षड्यंत्र

घर से बाहर निकलते समय बिल्ली ने रास्ता काट दिया, अब तो कुछ गड़बड़ होगी। अरे उल्टी चप्पल को सीधा करों नहीं तो किस्मत उल्ट जाएगी। दशकों से हम इस तरह की कई सारी बातें अपने बड़े-बुजुर्गों और लोगों ...

फ्रेंच, जर्मन, इटालियन, स्पेनिश और यहां तक कि अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है

मानव सभ्यता के विकास में विज्ञान का जितना महत्वपूर्ण योगदान है उससे कहीं अधिक भाषा का योगदान है। सोचिए अगर हमारे पूर्वजों ने भाषा को लिपिबद्धकर अक्षरों का निर्माण न किया होता तो क्या आज हम जिन पुस्तकों को ...

अष्टावक्र से लेकर आदि शंकराचार्य तक – सनातन संस्कृति में वाद-विवाद और शास्त्रार्थ का समृद्ध इतिहास है

विश्वभर में मानव सभ्यताओं का विकास हुआ, इसके साथ साथ शासन-प्रशासन को चलाने के नियमों को भी निर्धारित किया गया। पहले कबीलों के द्वारा शासन व्यवस्था चलाई जाती थी, फिर राजा-महाराजाओं के द्वारा और बाद में जब आधुनकिता के ...

पाश्चात्य संस्कृति के खोखलेपन का नंगा नाच है हैलोवीन

हेलोवीन क्या है?: ट्रिक एंड ट्रीट! बूझे? आढ़े तिरछे कपड़े पहन कर, कद्दू को और भयानक रूप देकर, लोग यह दिखाते हैं कि आखिर क्यों पाश्चात्य जगत केवल नाम का समृद्ध है, उनका वैज्ञानिकता और व्यावहारिकता से उतना ही ...

दक्षिण कन्नड़ की संस्कृति अद्वितीय है और ‘कांतारा’ ने इसमें चार चांद लगा दिए हैं

“वराह रूपं, दैव वरिष्टम वराह रूपं, दैव वरिष्टम!” अगर यह संवाद नहीं सुने है, तो आप हैं किस लोक में? कांतारा ने जनमानस और बॉक्स ऑफिस, दोनों पर तहलका मचा रखा है। कभी जिस देश में ‘तुम्बाड़’ को 10 ...

हिंदू संस्कृति की महान/पवित्र किताबों को ऑनलाइन लेकर आया BORI

भारत विद्या: ब्रेवहार्ट में एक बड़ा ही अनोखा संवाद है, “इतिहास वही लिखता है, जिसने नायकों को सूली पर चढ़ाया हो!” यह बात अपाच्य अवश्य है परंतु कटु सत्य भी है, एक सत्य यह भी है कि इतिहास में ...

ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी जानते हैं, अब भारतीय संस्कृत डिक्शनरी के बारे में जान लीजिए

भाषा लोगों के बीच संबंध स्थापित करने का बेहद ही महत्वपूर्ण साधन है। भाषा के बिना लोग मैत्रीपूर्ण बातचीत तक नहीं कर सकते। कोई भी देश जो अपनी सभ्यता के लोकाचार की रक्षा करना चाहता है, उसके लिए अपनी ...

पीर बाबा और ‘ताबीज़ संस्कृति’ की ओर हिंदू इतना आकर्षित क्यों हो रहे हैं?

“भर दे झोली मेरी” “शिरडी वाले साईं बाबा, आया है तेरे दर पे सवाली” “तू मेरी हीर मेरी मैंने दिल से माना तुझे हर वीरवार पीर बाबा से भी मांगा तुझे!” ऐसे अनेक गीत कभी न कभी आपने कहीं ...

घटिया कप्तानी, महाघटिया चयन, वीवीआईपी संस्कृति और भी बहुत कुछ – भारतीय क्रिकेट टीम की दर्दनाक कथा

एक फिल्म थी, बचपन में देखी थी, ‘चैन कुली की मैन कुली”। उसमें जब भारतीय क्रिकेट टीम निरंतर घटिया प्रदर्शन करती जा रही थी तो उसे उलाहना देते हुए उनके कोच कहते हैं, “मैं उस टीम को कोच करने ...

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