भारत से गेहूं की भीख मांगने को मजबूर हुआ IMF
25 मई 2022
क्या आपने कभी सोचा है कि जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री होते हुए भी अपने गृहमंत्री से इतने असहज क्यों रहते थे? कभी सोचा है कि देश के मुकुट समान राज्य कश्मीर का विध्वंस करने के लिए पाकिस्तान इतना लालायित क्यों रहता है? कभी सोचा है कि निज़ाम शाही का विध्वंस करने ...
ऑपरेशन पोलो और सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के ‘लौहपुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल को हमारे देश के वीर सैनिकों पर कितना विश्वास था ये आप इन शब्दों से समझ सकते हैं। “आपको लगता है हमारी सेना दस दिनों तक उनका सामना कर पाएगी?” “दस दिन? जनरल साहब, मैं शर्त लगाता ...
जिस सोमनाथ मंदिर का बार-बार विध्वंस विध्वंस किया गया, जिस सोमनाथ मंदिर के पुनरुत्थान के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा, अब वही सोमनाथ मंदिर और वही तीर्थस्थल, एक आदर्श धार्मिक पर्यटन हॉटस्पॉट के रूप में विकसित किया जाएगा। सरदार पटेल और आचार्य केएम मुंशी ...
15 अगस्त 1947, इस दिन हमारा देश तो स्वतंत्र हुआ था, परंतु उसके साथ ही साथ 565 रियासतें और रजवाड़े भी स्वतंत्र हुए थे। उन्हें एक देश में पिरोने का दायित्व तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल एवं उनके विश्वसनीय सेक्रेटरी और चर्चित आईसीएस ऑफिसर वीपी मेनन को सौंपा गया ...
जब 15 अगस्त 1947 को अंग्रेज़ भारत छोडकर गये, तो देश भले स्वतंत्र हो चुका था, परंतु उसके साथ ही देश के अंतर्गत 565 रियासतें भी स्वतंत्र हो गये थे। ऐसे में देश को एक सूत्र में बांधने का जिम्मा देश के प्रथम गृहमंत्री, सरदार वल्लभभाई झवेरभाई पटेल को दिया ...
जब बात आती है वैश्विक मंच पर महाशक्ति के रूप में अपनी भूमिका निभाने की तो केवल एक देश है जो इस भूमिका के साथ न्याय करता है, वह है हमारा भारत। वैश्विक संकट की स्थिति में भारत ने सदैव संकट मोचक की भूमिका निभाई है, फिर चाहे संकट किसी ...
प्रधान मंत्री मोदी ने विपक्षी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस न होती, तो कोई आपातकाल नहीं होता, और सिखों का नरसंहार कभी नहीं होता। राष्ट्रपति के अभिभाषण के जवाब में धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में बोलते हुए उन्होंने विपक्ष पर तीखे हमले किए। कांग्रेस पर तीखा ...
“सुभाष जी, सुभाष जी, वो जान ए हिन्द आ गए, है नाज़ जिस पे हिन्द को, वो शान ए हिन्द आ गए” ये गीत आज की वास्तविकता है, क्योंकि जिस व्यक्ति को केवल कुछ वाद विवाद प्रतियोगिता और कुछ कमीशन मात्र तक सीमित कर दिया गया था, अब उन्हे पुनः ...
आजकल के हमारे युवाओं से अगर कोई पूछे कि लोकतंत्र क्या है, तो 'टप्प-से' उनके मुख से अब्राहम लिंकन की "...of the people, by the people, For the people" वाली परिभाषा की अमृतवाणी झड़ने लगती है। परंतु अगर इसी अवधारणा के उत्कृष्टतम उद्देश्यों को परिभाषित करने वाली 'स्वराज' के अवधारणा ...
इस देश को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष शीघ्र ही होने वाले हैं। जहां एक तरफ सरदार वल्लभभाई पटेल, लालबहादुर शास्त्री, शंकर राव चव्हाण, ज्ञानी ज़ैल सिंह और राजनाथ सिंह जैसे प्रख्यात और ओजस्वी नेताओं ने गृह मंत्रालय की शोभा बढ़ाई और देश की अखंडता और संप्रभुता को अक्षुण्ण रखा, तो ...
उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव नजदीक आते हीं विपक्षी नेताओं ने अपनी भड़ास निकालनी शुरू कर दी है, ऐसे में बिना सोचे समझे बयान देने और अपशब्द बोलने की कला तो कोई समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से सीखे। चुनाव जीतने के नाम पर अखिलेश कभी जिन्ना को महान ...
आज के डिजिटल युग में युद्ध का क्षितिज असीमित हो चुका है। आज युद्ध सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं लड़ा जाता, बल्कि यह आम जनता के घरों यानी समाज के मूल तक पहुंच चुका है। भारत विरोधी तत्व देश की सामाजिक व्यवस्था को तोड़ने का हरसंभव प्रयास करते हैं। ऐसे ...