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सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है भारत का नया संसद

सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है भारत का नया संसद

भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने और उसका जश्न मनाने की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को अक्सर वाम-उदारवादी तिमाहियों से प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है। परंतु, सेंट्रल विस्टा में नए भारतीय संसद के भारतीयकरण के हाल के घटनाक्रमों ने इन भारत विरोधियों को कहीं का ...

british museum chor bazaar

‘ब्रिटिश सांस्कृतिक रूप से समृद्ध थे’, इससे अधिक हास्यास्पद और कुछ भी नहीं

British Museum Chor Bazaar: ब्रिटेन, यह वही जगह है जहां स्वयं को सभ्यता का पर्याय बताने वाले अंग्रेज रहते हैं और दुनियाभर में अपनी संस्कृति का गुणगान करते नहीं थकते हैं। परन्तु वास्तविकता में ये कितने धनवान और सभ्य हैं इसके लिए तो इनका इतिहास ही साक्षी है। अंग्रेजों के ...

bithoor

बिठूर– भारत का एक छुपा हुआ सांस्कृतिक रत्न जिसे और समीप से जानने की आवश्यकता है

इतिहास वो नहीं जो हमें बताया जाए अपितु इतिहास वो भी है जिसे खोजने के लिए यत्न करना पड़े। जर्मन योद्धा एवं कूटनीतिज्ञ Otto Von Bismarck का मानना है कि हमारा उद्देश्य होना चाहिए इतिहास रचना, उसे लिखना नहीं। परंतु इसी प्रयास में कभी-कभी इतिहास का मूल विवरण भी हम ...

pm modi

महाकालेश्वर धाम के पुनरुद्धार के साथ, भारत का सांस्कृतिक पुनर्जागरण बड़े पैमाने पर है

सनातन धर्म और सनातन धर्म के चिह्नों को भारत भूमि सदियों से संजोते आ रही है लेकिन एक समय आया जब विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं ने इस भूमि को अपनी धूर्त सोच और रक्तपात से दूषित तो किया ही साथ ही साथ यहां के मंदिरों को बहुत हानि भी पहुंचायी। मुस्लिम ...

काँवड़ यात्रा

काँवड़ यात्रा और इसके सांस्कृतिक महत्व के बारे में सबकुछ जान लीजिए

“बोल बम!” “चल रे कावड़िया!” “हर हर महादेव!” श्रावण मास की पावन बेला आते ही ऐसी बोलियों से वातावरण गुंजायमान हो जाता है। अब कांवड़ यात्रा होती ही इतनी अनोखी है। श्रद्धालु भोलेनाथ के रुद्राभिषेक हेतु नंगे पैर अपने घर से विभिन्न तीर्थ स्थलों तक गेरुआ वस्त्र धारण किए महादेव ...

Modi Kedarnath

सांस्कृतिक जड़ों के साथ पीएम मोदी का विकास वाला मंत्र अब स्वर्णिम इतिहास रचने की ओर अग्रसर है

जीवन में कुछ करना है तो मन को मारे मत बैठो, आगे आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो। इन पंक्तियों का आशय यही है कि अगर कुछ करने की ललक है तो उसके लिए हाथ-पैर मारने चाहिए, अगर कुछ करने से पहले ही हार मान ली तो क्या ...

अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा

अहिल्याबाई होल्कर– भारत के सांस्कृतिक उद्धार में जिनका अतुलनीय योगदान है

निरंतर हमें वामपंथियों ने अपमानित करने हेतु हमारी संस्कृति को पितृसत्तात्मक यानि patriarchal एवं रूढ़िवादी, एवं अंधविश्वास से परिपूर्ण ठहराने का परिपूर्ण, भले ही खुद में लाख कमियाँ छुपी हो। परंतु उन्हे निरुत्तर करने के लिए हमारे पास अधिकतम ठोस तर्कों और उदाहरणों की ‘कमी’ होती थी। ऐसा नहीं था ...

महिलाओं की जेब

महिलाओं के परिधानों में ‘जेब’ नहीं होने के पीछे बहुत हद तक जिम्मेदार हैं सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कारण

कल मुझे थोड़ी ही दूर पर मार्केट जाना था, मैंने सोचा कि जेब में कुछ पैसे, मोबाइल फोन और रूमाल रखकर चली जाऊं, अब हर जगह पर्स ले जाने की भी क्या ही आवश्यकता है। पर जब मैंने अपनी जेब टटोली तो उसमें इतनी भी जगह नहीं थी कि चंद ...

Russia Ukraine

रूस-यूक्रेन टकराव से पता चलता है कि सांस्कृतिक पहचान नहीं राष्ट्रीय पहचान ही सर्वोपरि होना चाहिए

रूस-यूक्रेन विवाद में तनाव की एक बड़ी वजह यूक्रेन में रह रहे रूसी मूल के लोग भी है। यूक्रेन का जो पूर्वी हिस्सा है, वहां रूसी मूल के लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। इन लोगों ने यूक्रेन में बढ़ती रूस विरोधी भावनाओं का विरोध किया, जो पूर्वी यूक्रेन और ...

Hijab

हिजाब आंदोलन ‘सांस्कृतिक’ नहीं, बल्कि ‘राजनीतिक इस्लाम’ का हिस्सा है

हिजाब पर विवाद हो गया, एकाएक यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया। देश-विदेश में खबरे छपने लगी। 'मुस्कान' शेरनी बन गयी और भगवा गमछा ओढ़े बच्चों को आतंकवादी करार दे दिया गया। सरकार तनाशाह हो गयी। मुसलमान मजलूम हो गए। कोर्ट पक्षपाती हो गया और देश असहिष्णु हो गया! कर्नाटक ...

बिहार में नीतीश कुमार ने याद दिलाई माओ की सांस्कृतिक क्रांति ताकि उनकी शराबबंदी रहे जारी

बिहार में नीतीश कुमार ने याद दिलाई माओ की सांस्कृतिक क्रांति ताकि उनकी शराबबंदी रहे जारी

मुख्य बिंदु बिहार सरकार ने शुरू किया राज्य में एक नशामुक्ति अभियान स्कूली शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी शराब के बारे में लोगों के बीच फैलाएंगे जागरूकता बिहार सरकार ने बीते शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों, प्राचार्यों और अन्य कर्मचारियों ...

उर्दू

भारत में मुगलों का हिंदुओं पर सांस्कृतिक प्रभाव- अध्याय 1: हिंदी का उर्दूकरण

क्या आपको पता है कि भारत पर सबसे अधिक सांस्कृतिक रूप से प्रभाव किसने डाला है? हिंदुओं ने? सिखों ने? तुर्कों ने या अफ़गान निवासियों ने? बिल्कुल नहीं! सबसे अधिक प्रभाव किसी ने भारत पर अगर डाला है, चाहे सांस्कृतिक रूप से हो या फिर लोकतांत्रिक रूप से, तो वे ...

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