फेसबुक के नए अवतार ‘Meta’ का स्याह पक्ष, जिसे जानना सबके लिए जरुरी है
आज तकनीक जिस तेजी के साथ बढ़ रहा है, उससे मनुष्यों का काम आसान होता जा रहा है। हालांकि, इसका एक स्याह पक्ष भी होता है, जिसपर चर्चा कम ही की जाती है। अभी हाल ही में...
आज तकनीक जिस तेजी के साथ बढ़ रहा है, उससे मनुष्यों का काम आसान होता जा रहा है। हालांकि, इसका एक स्याह पक्ष भी होता है, जिसपर चर्चा कम ही की जाती है। अभी हाल ही में...
कभी 'बेहतर संसाधनों' के साथ भारत को पीछे छोड़ने का लक्ष्य रखने वाले पाकिस्तान को अब दर-बदर भीख मांगना पड़ रहा है। जब से इमरान खान नियाज़ी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने हैं, तब से ही पाकिस्तानियों के...
सॉफ्टबैंक भारत - जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है और चीन इसका जीता जागता प्रमाण है। कोरोना के बाद कोयला संकट, फिर ‘Evergrande’ के कारण रियल एस्टेट में संकट के बाद अब...
आम तौर भारत सरकार और उनकी एजेंसियों की छवि एक लेटलतीफ सेवाएं देने के लिए जानी जाती हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार के कई एजेंसियों को कुशल बना दिया है और भारत का केंद्रीय...
राजनीति में कब पासा पलट जाए यह कहना नामुमकिन है। राजनीति में कौन अपने राजनीतिक चाल को किस दीर्घावधि के लिए चला रहा यह भी कहना नामुमकिन हैं। पुत्रमोह के लिए किस बड़े नेता द्वारा कितना बड़ा...
आज के डिजिटल युग में युद्ध का क्षितिज असीमित हो चुका है। आज युद्ध सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं लड़ा जाता, बल्कि यह आम जनता के घरों यानी समाज के मूल तक पहुंच चुका है। भारत विरोधी...
बड़े शहर में जितना प्रकाश है, जितनी चकाचौंध है, वहां उतना ही अप्रत्यक्ष गहरा अंधेरा है। इसी चकाचौंध के बीच मौत की खामोशी भी है, तो वही कुकृत्यों का छुपा भंडार भी शामिल है। समय-समय पर इसी...
आज के दौर में होड़ है! टॉप पर जाने की होड़। किसी को पैसे की होड़ है तो किसी को अचल संपत्ति की। सोशल मीडिया आने के बाद तो यह होड़ व्यूज की हो चुकी है। सभी...
जम्मू-कश्मीर में एक गैर-सरकारी संगठन, उच्च न्यायालय में मामला दर्ज कर देश में इस्लामिक बैंकिंग संस्थानों की मांग कर रहा है। जी हां, इस्लामिक बैंकिंग। मुसलमानों का एक वर्ग चाहता है कि शरीयत के आधार पर देश...
वर्ष 2015, दावा, "हम पांच साल के भीतर यमुना को पुनर्जीवित करेंगे।" वर्ष 2016, दावा, "दिल्ली सरकार ने शुरू की यमुना रिवरफ्रंट परियोजना" वर्ष 2019, दावा,"यमुना को कम 4-5 वर्षों में इतना साफ कर देंगे कि आप...
फिल्मों के जरिए प्रोपेगेंडा पिछले कई दशक से लगातार चला आ रहा है। कुछ फिल्मों में ये अप्रत्यक्ष होता है और किसी में प्रत्यक्ष! यह प्रोपेगेंडा का दौर तब से चला आ रहा है जब जनता सुप्त...
अर्थ का अनर्थ बनाने में मीडिया के एक तबके को महारत हासिल है! इनका ध्यान इसी पर रहता है कि कब किसकी बात को तोड़-मरोड़ कर जनता के सामने ऐसे पेश किया जाए, ताकि जनता भड़क उठे।...
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