ओह! इसे कहते हैं घनघोर बेइज्जती, रंगनाथन और स्मिता प्रकाश ने मिलकर बरखा के साथ खेल कर दिया
29 और 30 नवंबर को मंगलुरू में साहित्य महोत्सव का आयोजन हुआ। ऐसे साहित्यिक महोत्सव में प्रकार के विचारों का खुलकर स्वागत किया जाता है। पर मंगलुरू साहित्य महोत्सव में एक पत्रकार आनंद रंगनाथन ने जिस तरह...