AAP के इस कतर कनेक्शन को नजरअंदाज मत कीजिए
कुछ लोग कितने देशभक्त हैं, इसका प्रमाण उन्हें देने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। परंतु कुछ लोग छाती पीट पीटकर चिंघाड़ते हैं कि हां बंधु, हम देशभक्त हैं और इसका परिणाम कभी कभी उन पर उल्टा भी...
कुछ लोग कितने देशभक्त हैं, इसका प्रमाण उन्हें देने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। परंतु कुछ लोग छाती पीट पीटकर चिंघाड़ते हैं कि हां बंधु, हम देशभक्त हैं और इसका परिणाम कभी कभी उन पर उल्टा भी...
किसी ने बड़ा ही सत्य कहा है, “बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख”. कुछ लोग लाख प्रोमोशन और प्रचार प्रसार के बाद भी जनता के बीच सम्मान के दो बोल प्राप्त नहीं कर पाते और...
'दोबारा' की टीम ने बेकार ही मेहनत किया! जिस फिल्म को विवेक अग्निहोत्री की ताशकंद फाइल्स से भी कम स्क्रीन के साथ ओपनिंग मिली हो, उसे भला कौन सीरियसली लेगा? सीरियसली लेना बनता भी नहीं क्योंकि यह...
इन दिनों टॉलीवुड यानी तेलुगु फिल्म उद्योग एक ऐसे मोर्चे पर निकल चुका है मानो भारतीय फिल्म उद्योग का तारणहार इन्हें ही बनना है. जो कार्य ‘बाहुबली’ से प्रारंभ हुई, वो तो अब रुकने का नाम ही...
कई बार ऐसा होता है कि कुछ लोगों का किसी संगठन में होने या नहीं होने से किसी को अंतर नहीं पड़ता। पर कुछ लोगों के उपस्थित नहीं होने से अंतर पड़ता है और बहुत तगड़ा पड़ता...
सावरकर का नाम सुनते ही कांग्रेस का पारा सातवें आसमान पर चढ़ जाता है। आपको बस सावरकर बोलना है और कांग्रेसी तुरंत आपको 'देशद्रोही' साबित करने में लग जाएंगे। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के शासन में तो...
पाउलो कोएल्हो के विश्वप्रसिद्ध पुस्तक के एक छंद के अनुसार, “किसी वस्तु को अगर हृदय से चाहो तो सारा ब्रह्मांड उसे तुमसे मिलाने में लग जाएगा।” परंतु एक व्यक्ति इस बात को इतनी गंभीरता से लेगा, किसी...
कुछ लोगों को देखकर एक ही बात स्मरण आती है, ‘चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए’ और हमारी मीडिया पर भी यही बात जोर-शोर से लागू होती है। बॉलीवुड का जिस तत्परता से ये लोग बचाव करते...
जब बुरा समय आता है तो आप कहीं के नहीं रहते और आमिर खान को इसका आभास कुछ अलग ही प्रकार से हो रहा है। “लाल सिंह चड्ढा” भारतीय बॉक्स ऑफिस पर क्या फ्लॉप हुई, लोगों ने...
देश की आजादी में वीर सावरकर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है लेकिन कांग्रेसियों की कुंठा, वामपंथियों का एजेंडा और कट्टरपंथियों ने अपने घृणित खेल से उनके योगदान को धुंधला करने में कोई कसर नहीं...
देखो बंधु, सुबह का भूला यदि शाम को घर लौट आये तो उसे भूला नहीं कहते। बड़े-बड़े तुर्रम खान भटक गए, राणा अय्यूब किस खेत की मूली हैं? वैसे भटकना और भटकाना तो इनकी आदत में शुमार...
लातों के भूत बातों से नहीं मानते। परंतु ये बात कुछ लोगों को हजम नहीं होती और बार बार उन्हें स्मरण कराना पड़ता है। इस बात को सार्वजनिक करते हुए विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि...
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