नेहरू की वो 3 गलतियां जिन्होंने विभाजन की विभीषिका को जन्म दिया
व्यक्ति गलतियों का पुतला होता है। जब विभाजन के घाव भारत के मन मस्तिष्क में उभरते हैं तो हम सदैव उन कारणों और उन लोगों को स्मरण करते हैं, जिनके कारण युगों युगों से एक हमारी माटी...
व्यक्ति गलतियों का पुतला होता है। जब विभाजन के घाव भारत के मन मस्तिष्क में उभरते हैं तो हम सदैव उन कारणों और उन लोगों को स्मरण करते हैं, जिनके कारण युगों युगों से एक हमारी माटी...
कुछ लोग अपनी हरकतों से कभी भी बाज़ नहीं आते। इनके स्वभाव में ही होता है कि भारत के अहित में बात करनी है या कार्य करना है और हमारे देश की वामपंथी बिरादरी इस मामले में...
11 जनवरी 1966 और 24 जनवरी 1966, इन दोनों दिनों में क्या समानता है? इन दोनों दिन, भारत के दो विख्यात व्यक्ति, हमारे माटी को त्याग कर परलोक सिधार गए और वो भी रहस्यमयी परिस्थितियों में, भारत...
कमाल की बात है न, ई बॉलीवुड का गोला मा गजब ही झोल मिलते रहते हैं। जब भी सोचो कि बॉलीवुड में कुछ अच्छा होगा, तभी कुछ न कुछ कांड हो ही जाना है। लाल सिंह चड्ढा...
कांग्रेस अपनी आदत से मजबूर है, जमीन फट जाए या आसमान निगल जाए परंतु कांग्रेस सनातन संस्कृति से घृणा न करे, ऐसा हो ही नहीं सकता! कांग्रेसी नेता आये दिन सनातन संस्कृति और हिंदुओं के विरुद्ध विष...
देखो जी, लाल सिंह चड्ढा बड़ी चंगी फिल्म सी! ओ न जी न! चकित मत होइए! ये ऐसे नहीं बोलदे सी, ये जांची परखी बात है। लाल सिंह चड्ढा न बड़ी इंस्पाइरिंग फिल्म है जी! इतनी इंस्पाइरिंग...
बंगाल का पतन हो चुका है! बंगाल किसी योग्य नहीं! बंगाल की संस्कृति विनाश की ओर अग्रसर है! बंगाल में अब पहले जैसे लड़ाके नहीं! ऐसे नाना प्रकार के कथन और तथ्य आपने कहीं न कहीं अवश्य...
आचार्य चाणक्य ने एक समय कहा था, “जो राष्ट्र शास्त्र पढ़ना त्याग दे वो राष्ट्र समाप्त हो जाता है।” यूं ही नहीं कहा था उन्होंने यह क्योंकि राजस्थान में जो कुछ भी इस समय चल रहा है...
कुछ लोगों ने मानो कसम खा ली है कि वे अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आएंगे चाहे उसके पीछे उनके देश की लंका ही क्यों न लग जाए। गलतियां सुधारनी नहीं और न ही उन्हें इतिहास से...
इन दिनों वामपंथियों की हालत 'मरता क्या न करता' वाली हो चुकी है। उनकी सफलता का प्रतीक चिह्न कहे जाने वाले आमिर खान के पीछे भारत की जनता ऐसे हाथ धोकर पड़ी हुई है मानो उनकी आगामी...
सालों पहले, गंगा जमुनी तहज़ीब के स्वर्णिम काल में एक चलचित्र के प्रदर्शन पर मोहतरमा राणा अय्यूब ने कहा था, “क्या खूब कही सुप्रीम कोर्ट! PK को प्रतिबंधित करने की याचिका को ठुकराते हुए कहा, “नहीं पसंद...
इन दिनों चीन पर मानो साढ़े साती की दशा चल रही हो। जहां हाथ मारो, वहाँ असफलता ही हाथ लगती है। खेल के क्षेत्र को छोड़ दें, तो असफलता अब चीन का पर्याय ही बन चुका है।...
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