पूरे देश से समाप्त हो जाएंगे टोल प्लाजा
काम बोलता है, यह कथन एकदम सत्य है। वर्ष 2014 के बाद से मोदी सरकार में जिस मंत्रालय के काम की चर्चा सबसे ऊपर रही वो था केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जिसकी बाग़डोर नितिन जयराम...
काम बोलता है, यह कथन एकदम सत्य है। वर्ष 2014 के बाद से मोदी सरकार में जिस मंत्रालय के काम की चर्चा सबसे ऊपर रही वो था केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जिसकी बाग़डोर नितिन जयराम...
हर चुनाव किसी न किसी के केंद्र में ही संपन्न होता है। हर पार्टी एक बिंदु तय कर लेती है कि इसके इर्द-गिर्द ही वो चुनाव लडेंगे और जीतेंगे भी। कर्नाटक में 2023 में विधानसभा चुनाव होने...
सर मुंडवाते ही ओले पड़ना, यह कहावत आम आदमी पार्टी और विशेषकर मनीष सिसोदिया पर एकदम सटीक बैठती है। वैसे ही अभी दिल्ली की राजनीति मधुशाला के इर्द-गिर्द घूम रही है, सिसोदिया समेत कई नेता ईडी, सीबीआई...
कहा गया है न, जैसी संगत वैसी रंगत! एकदम सही कहा गया है। यूं तो ऐसा कहा जाता रहा है कि एक शिष्य को अपने गुरु के गुणों को आत्मसात करना चाहिए पर जेएनयू क्योंकि अपने में...
राजनेता अब राजनीति के इतर अन्य क्षेत्र में आकर राजनीति करने लग जाए तो उसका हाल भारत की फुटबॉल की स्थिति जैसा होता है। एकदम राजनीति से ग्रसित। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन फुटबॉल (फीफा) ने तीसरे पक्ष...
तू इधर-उधर की न बात कर, ये बता कि क़ाफ़िला क्यूं लुटा, कहां लुटा और कैसे लुटा। ये सवाल हर किसी के दिमाग में डोल रहे हैं पर इसका उत्तर न दिल्ली के कथित मालिक नंबर-2 दे...
परिवार्तन संसार का नियम है पर यह परिवर्तन गांधी-नेहरू परिवार के सामने आकर तनिक लचर सा हो जाता है। यह ऐसे ही नहीं कहा जा रहा है। जिस देश की स्वतंत्रता के नायकों के नाम पर अभी...
वो बात कही गई है न कि हर बात का नफा-नुकसान दोनों होता है, सच ही कहा गया है। अब सोशल मीडिया को ही देख लीजिए, जिसको संचार का सबसे सुलभ और आसान मार्ग माना जाता है...
जितनी बुद्धि होगी इंसान उतनी ही तो क्रिया-प्रतिक्रिया देगा। अब जिनकी बुद्धि ही चमक-धमक और सोने की चमच्च तक सिमट चुकी हो उन्हें क्या ही पता चलेगा कि क्या होता है सामाजिक जीवन? क्या करने और न...
भारत एक पुरुष प्रधान देश है, भारत में पुरुषों के पास एकाधिकार निहित होते हैं, भारत में पुरुष ही वर्चस्व कायम रखना चाहते हैं, ऐसी तमाम बातें हैं जो सामाजिक रूप से हमें कभी न कभी सुनने...
किसी भी क्षेत्र के लिए उसकी तरक्की का रास्ता उसकी स्वतंत्रता के साथ ही खुलता है। जब तक कोई ऐसा शासन हो जिसका नियंत्रण गैर-लोकतंत्रवादी हो या उसकी सोच में विष भरा हो, विभाजन चाहता हो तब...
अक्ल पर पत्थर पड़ जाना, कभी कभी यह कहावत असल जीवन में ऐसे चरितार्थ होती है कि देखने वाला भी आनंद लेता है और बाद में जीवनपर्यन्त तंज भी कसता है। कुछ ऐसा ही इस बार दिल्ली...
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