हैदराबाद केस: जघन्य अपराधों में नाबालिग पर न हो कोई दया
ऐसे कई काम होते हैं जिन्हें करने की कोई उम्र नहीं होती लेकिन जुर्म की दुनिया का क्या? इस जुर्म की दुनिया में भी कई ऐसे हैं जघन्य अपराध है जिन्होंने ऐसे दिल दहलाने वाले काम किए हैं कि ...
ऐसे कई काम होते हैं जिन्हें करने की कोई उम्र नहीं होती लेकिन जुर्म की दुनिया का क्या? इस जुर्म की दुनिया में भी कई ऐसे हैं जघन्य अपराध है जिन्होंने ऐसे दिल दहलाने वाले काम किए हैं कि ...
दुनिया का पहला नैनो यूरिया तरल संयंत्र लागत को काफी कम करने और प्रदूषण को काफी हद तक कम करने की क्षमता रखता है। भारत सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही ...
बेकार आदमी कुछ किया कर, कपडे उधेड़कर सिया कर। आज कांग्रेस की स्थिति यही हो गई है। देशभर में बुरी हार झेल रही कांग्रेस मुद्दाविहीन होने पर अब सेक्युलर शब्द को ही भूल गई है। सत्य बात तो यह ...
देश में इनकम टैक्स का मुद्दा कई कई बार उठाया जाता रहा है, कई लोग टैक्स न भरने के केस में फंसते हैं तो कई लोग इस बात के लिए चर्चाओं में आ जाता हैं कि उन्होंने भारी इनकम ...
आपने सुना तो होगा ही की सर मुंड़वाते ही ओले पड़ना का मतलब वही है कि मुंगेरी लाल के साथ अलीबाबा के 40 चोर की जोड़ी जुड़ जाए। इस बार मुंगेरी लाल हैं प्रशांत किशोर और 40 चोर तो ...
कुछ वाक्य देश को झकझोरने के अलावा परिवर्तन की बयार लाने में सहायक होते हैं। ऐसा ही एक परिवर्तन 2019 में देखा गया था जब निर्भया काण्ड के बाद एक और नृशंस रेप काण्ड और हत्या हुई और उसके ...
हरी का भजन गाते रहो और पीएम मोदी को चुनाव जीताते रहो। इसी ध्येय के साथ देश का विपक्ष आज चल रहा है और आगामी चुनावों की रणनीति बना रहा है। इसमें देश की वयोवृद्ध पार्टी कांग्रेस और एक ...
परिवार नियोजन और जनसंख्या वृद्धि एक ऐसा विषय है, जिसे अनदेखा करना अपने आप में किसी पाप से कम नहीं होगा। इतने पर भी कुछ रिपोर्ट्स ऐसी भी हैं जिनके अनुसंधान न केवल आपको झकझोर देंगे अपितु हमारे देश ...
देश और पंजाब में जब खालिस्तान मूवमेंट की शुरुआत हुई थी उस समय देश ,धार्मिक युद्ध में प्रवेश कर गया था। पंजाब में उग्रवाद की जड़ें 80 के दशक में इतनी बढ़ गई थी कि हिन्दू और सिख समुदाय ...
देश में राज्य सरकारों की मनमानी बढ़ती ही जा रही है जिसका एक प्रमाण है तमिलनाडु की स्टालिन सरकार। दरअसल, तमिलनाडु विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार को ...
बबुआ पीके हो का? निश्चित रूप से प्रशांत किशोर के साथ आने वाले हर नेता को आज इसी सवाल का सामना करना पड़ रहा होगा क्योंकि मौकापरस्त और बरसाती मेंढक का पर्याय बन चुके पीके अब और नेताओं को ...
यदि आपको प्रतीत होता है कि अरविन्द केजरीवाल और शरद पवार जैसे कोई नहीं, तो ठहरिए। इस सूची की कोई सीमा नहीं, और ऐसे अनेक राजनीतिज्ञ, जो राजनीति में भले ही परिपक्व हो या नहीं, परंतु वे अपने विरोधियों ...
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