'%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE' के लिए खोज परिणाम

Historic: भारत से तेल खरीद रहा है ‘चौधरी’ अमेरिका

एक कहावत है कि जब परिस्थिति न बदल सके तो मन की स्थिति बदल लीजिए, यह पंक्तियां अमेरिका के ऊपर बिल्कुल सटीक बैठती है। ध्यातव्य है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पूरे विश्व में महंगाई की मार पड़ी है ...

बाइडन सरकार को ‘CAATSA प्रस्ताव’ को कानून बनाकर क्यों देनी चाहिए भारत को छूट?

कुछ साल पहले का समय ऐसा था जब अमेरिका, भारत को दबाने के प्रयास करता था। परंतु अब वक्त बदल चुका है। जब से मोदी सरकार के हाथों में देश की सत्ता आई है भारत की पहचान विश्व में ...

‘We Don’t Care’, भारत ने USCIRF की बकवास को कूड़ेदान में डाला

दूसरों को ज्ञान देने से पहले, अपने गिरेबान में झांके। ज्यादा वक्त नहीं बीता, जब मानवाधिकार पर भारत को ज्ञान देने वाले अमेरिका को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उसी के अंदाज में जवाब दिया था। परंतु यह अमेरिका ...

लाल बहादुर शास्त्री जो प्रधानमंत्री पद के प्रथम विकल्प तो नहीं थे पर उत्कृष्ट प्रधानमंत्री हुए

9 जून 1964, जब देश एक भीषण त्रासदी से जूझ रहा था। जवाहरलाल नेहरू के चुनाव से वैचारिक मतभेद लोगों को चाहे जितने रहे हों, परंतु 27 मई को उनकी मृत्यु के पश्चात भारतीय राजनीति के समक्ष एक अजीब ...

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ‘विस्तारवादी चीन’ की इस बार शांति से बैठकर ‘क्लास’ ली है

एस. जयशंकर ने अपनी श्रेष्ठता और सार्थकता दोनों सिद्ध कर दी है। विदेश मंत्री के पद पर उनकी नियुक्ति इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि आखिर क्यों भारत के अहम मंत्रालय को संभालने की जिम्मेदारी एक पढ़े-लिखे व्यक्ति ...

भारत ने अमेरिका की ‘चौधराहट’ निकाल दी है, अब सोच-समझकर रिपोर्ट जारी करेगा US

अमेरिका खुद को दुनिया का चौधरी समझता है। वक्त-वक्त पर अपनी चौधराहट दिखाने के लिए कुछ ना कुछ प्रपंच रचता रहता है। अमेरिका के यह प्रपंच 2014  से पहले भारत पर चल जाते थे, उस वक्त भारत में कमजोर ...

अमेरिका बना भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार, चीन का ‘गला सूखना’ तय है

व्यापार पर अब धीरे-धीरे चीन का एकाधिकार ख़त्म हो रहा है। चीन के साथ व्यापार करने में भारत हमेशा ही बड़े व्यापार घाटा में रहता है। इसके पीछे एक मुख्य वज़ह यह है कि चीन, निर्यात ज्यादा करता है- ...

बोरिस जॉनसन को भारत-रूस की दोस्ती से कोई समस्या नहीं है, वैसे और ऑप्शन ही क्या था ?

रूस-यूक्रेन युद्ध ने अमेरिका, ब्रिटेन औऱ पश्चिमी देश जैसे वैश्विक महाशक्तियों के खोखलेपन को उजागर कर दिया है। इस युद्ध का प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ा है पर वहीं इस युद्ध ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि ...

‘बकलोली का पर्याय बना अमेरिका’, भारत को धमकाने हेतु अब मानवाधिकार रिकॉर्ड की जांच करने की कही बात

रूस-यूक्रेन मामले को लेकर पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हुई है। पश्चिम समेत दुनिया के तमाम देश रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं, लेकिन भारत अपने सदाबहार दोस्त रूस के साथ अप्रत्यक्ष रूप से ...

अमेरिकी ‘डॉलर’ एक मायाजाल है, अब दुनिया को वापस स्वर्ण मानक पर लौट जाना चाहिए

रूस-यूक्रेन युद्ध दुनिया के लिए कई मायने में सबक है। कैसे अमेरिका और पश्चिमी देश किसी को भी बढ़ा-चढ़ाकर हलाल होने के लिए छोड़ देते हैं, मौजूदा समय में यूक्रेन से बेहतर इस बात को कोई नहीं समझ सकता। ...

भारत के कूटनीतिक झटके ने ब्रितानियों की लंका लगा दी है

भारत को 1947 में औपनिवेशिक कब्जे से आज़ादी मिली थी। हमारी आज़ादी के 75 साल हो गए हैं। हालांकि, स्वतंत्रता पश्चात नई दिल्ली की सरकारों ने यूनाइटेड किंगडम (UK) के सामने साष्टांग प्रणाम करने को नीतिगत प्राथमिकता बना दिया ...

सुपरपावर अमेरिका यूक्रेन से अपने नागरिकों को लाने में विफल रहा, लेकिन भारत प्लेन भर-भर कर ला रहा है

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां कई देशों के नागरिक फंस गए हैं। भारत सरकार ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया है। बड़े पैमाने पर भारतीय नागरिकों को बस तथा अन्य यातायात ...

पृष्ठ 2 of 8 1 2 3 8

Follow us on Twitter

and never miss an insightful take by the TFIPOST team