कर्नाटक में मुस्लिमों को दिया गया पिछड़ा वर्ग का दर्जा।
25 April 2024
अब UK और US नहीं ‘भा’ दिलाएगा परफेक्ट शू साइज।
25 April 2024
भले ही अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने आप को बहुत बड़ा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण खिलाड़ी समझ रहे हों, लेकिन हकीकत यह है कि उन्हें अपने देश वालों से लेकर बाहर तक, शायद ही कोई दो कौड़ी की इज्ज़त देता हो। इस बार ...
आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान का मोह धीरे-धीरे उसके लिए बेहद विनाशकारी सिद्ध होते जा रहा है। पाकिस्तान ने जिस प्रकार से आतंकवाद को बढ़ावा दिया है, उससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। लेकिन आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान का यह मोह SAARC जैसे संगठन के लिए भी विनाशकारी सिद्ध हो सकता ...
वो कहते हैं न, शासन स्थापित करना एक बात है, उसे संभालना और संचालित दूसरी बात है। ये बात अफगानिस्तान में भी सिद्ध हो रही है। पाकिस्तान के सहयोग से आतंकी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण तो स्थापित कर लिया, परंतु वास्तव में वह कितने योग्य हैं, इसे सिद्ध ...
संगठन कितना भी बड़ा क्यों न हो, आंतरिक दरार किसी भी बाहरी खतरे से ज्यादा विनाशकारी साबित होती है। जैसे ही तालिबान ने काबुल पर सत्ता चलाना आरंभ किया, वैसे ही अब कतर और पाकिस्तान समर्थित गुटों के बीच आंतरिक संघर्ष दिख रहा है। एक तरफ पाकिस्तान समर्थित समूह का ...
बिहार का भागलपुर काफी दशकों से सांप्रदायिक हिंसा के लिए चर्चा में है, और इस बार भी मामला कुछ खास अलग नहीं है। हाल ही में एक छात्रावास परिसर में पत्थरबाजी की गई, परंतु जैसा आप समझ रहे हैं, वैसा बिल्कुल नहीं है। इस बार निशाने पर कोई गैर मुस्लिम ...
पिछले दिनों अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से यह कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि तालिबान पाकिस्तान को अस्थिर करके उसके न्यूक्लियर हथियारों पर कब्जा न कर ले। अमेरिका पहले से इस बात को लेकर चिंतित है कि पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर ...
दुनिया में चाहे कुछ भी हो, कंगारू अपनी अलग ही धुन में चलते हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण अफगानिस्तान के विषय पर देखने को मिला है। जहां कुछ लोग चीन और पाकिस्तान की भांति तालिबानी सरकार को खुलेआम समर्थन दे रहे हैं, और कुछ अमेरिका एवं यूके की भांति शिष्टाचार के ...
जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जामाया है तब से भारत में कई तालिबान समर्थक देखने को मिले हैं। इन समर्थकों में से अधिकतर वे लोग अधिक हैं जो भारतीय राजनीति में अपनी प्रासंगिकता खो चुके हैं। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही महबूबा मुफ़्ती ...
अगर आपको लगता है कि काबुल पर तालिबान के कब्ज़े के बाद अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता के लिए जारी संघर्ष में कोई कमी आएगी, तो आप एक बहुत बड़ी गलतफहमी में जी रहे हैं। अफ़ग़ानिस्तान में संघर्ष तो अब शुरू हुआ है। अमेरिका की घर-वापसी के बाद अब अफ़ग़ानिस्तान रूस और ...
एक ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय, UN, US, भारत तथा नाटो जैसी महाशक्तियां, पंजशीर में हो रहे नरसंहार और लोकतांत्रिक शक्तियों की इस्लामी आतंकवादियों के हाथों हो रही पराजय को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं, उस समय ताजिकिस्तान खुलकर तालिबानी शासन के विरोध में उतर आया है। ताजिकिस्तान ने ...
वामपंथी मीडिया समूह सदैव ही आतंकवाद को किसी अलग ही चश्में से देखते हैं, जिसकी चलते इनकी खूब भर्तस्ना की जाती रही है। ऐसे में वो अमेरिका जिसका अफगानिस्तान में मिशन ही तालिबानी आतंकी ओसामा बिन लादेन के कारण शुरु हुआ हो, उसके मीडिया संस्थानों से उम्मीद की जाती है ...
अफ़गानिस्तान का संभावित राष्ट्रपति, मुल्ला गनी अब्दुल बरादर इस समय दुनिया भर की जिज्ञासा है। अगर वो सफल हो जाता है तो राजनीति दुनिया में उसका कद जो बाइडन और पुतिन के बराबर होगा और शायद आतंकवाद की दुनिया में वह अबु बकर अल बगदादी और लादेन से ज्यादातर ताकतवर ...