रूस को क्यों है भारत की जरूरत?
16 April 2024
टेस्ला की कारों के लिए सेमीकंडक्टर चिप बनाएगी टाटा।
16 April 2024
क़ानून के समक्ष सभी एक समान होते हैं। कोई पक्षपात न हो जाए इसलिए आँख पर पट्टी बांध सबको समान रखने की प्रक्रिया में कानून को अंधा तक कहा जाता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि न्याय अंतिम व्यक्ति तक भी सुलभता से पहुँच जाए। न्याय की सुगमता अर्थात् ...
किसी भी राजा का उत्तराधिकारी हमेशा तय होता है, सबको पता होता है कि उसका बेटा ही उसके राज्य का प्रभार संभालेगा। वहीं दूसरी तरफ लोकतंत्र में किसी भी संवैधानिक पद का उत्तराधिकारी किसी भी मौजूदा पदासीन व्यक्ति के परिवार का कोई सदस्य नहीं होगा इस पद्धति पर भाजपा पहले ...
भारत का लघु और कुटीर उद्योग यानी MSME को लेकर एक ऐसा वक्त था जब कहा जाता था कि अब देश यह सेक्टर लगभग खत्म हो चुका है क्योंकि इस सेक्टर के लिए भारत में आर्थिक स्थिति हद से ज्यादा खराब हो रही थी। संक्षेप में कहें तो MSME को ...
पता है पीएम मोदी के सबसे बड़े समर्थक कौन हैं? शाखा वाले? नहीं। कैडर वाले? बिल्कुल नहीं! इनके सबसे बड़े समर्थक तो हर वो वामपंथी हैं, जो दिन रात मोदी का नाम जपता है, जिनके बिना इनका भोजन तक न पचे! इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे ...
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएम मोदी ने एक सुधारक के रूप में अपनी साख स्थापित की है और एक प्रधानमंत्री के रूप में उत्कृष्ट साबित हुए हैं। उनके सत्ता में आने के साथ भारत धीरे-धीरे नेहरूवाद के समाजवादी युग में डूबे औपनिवेशिक ‘हैंगओवर’ की बेड़ियों को तोड़ ...
देश घर हैं, यहां के 135 करोड़ नागरिक इस विशाल गृह निवास के सदस्य हैं। व्यक्तिगत रूप से सभी सदस्य इस विराट घर के इकाई का प्रतिबिम्ब हैं और एक राष्ट्रभक्त नागरिक के रूप में बाल्यकाल से ही हम सभी के मन में इस विराट घर का एक आदर्श प्रतिबिम्ब ...
सत्य हमेशा कड़वा होता है, इस कथन को हम तबसे सुनते आ रहे हैं जबसे हमने यह समझना शुरू किया है कि आखिर समाज होता क्या है। नासमझ से समझदार बनने की इस श्रृंखला में हर मानव इस कथन से दो चार हो ही जाता है। निश्चित रूप से सच ...
वैश्विक स्तर पर आर्थिक क्षेत्र में भारत का बोलबाला काफी तेजी से बढ़ रहा है। पेमेंट के मामले में भारत में जब से BHIM UPI और RuPay का चलन बढ़ा है, तब से अमेरिकी कार्ड मास्टर कार्ड और VISA के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। RuPay को भारत में ...
आलोचना और घृणा में मूलभूत अंतर होता है। आलोचना उन्नति जनित होती है, जबकि घृणा पूर्वाग्रह जनित। आपकी आलोचना आपको परिस्कृत करती है, जबकि घृणा आपको खा जाती है। आप सोंच रहे होंगे कि राजनीतिशास्त्र के इस विषय में हम दर्शनशास्त्र की बातें क्यों कर रहें है? ऐसा इसलिए क्योंकि ...
7 अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद से लोकप्रतिनिधी के रूप में कार्य करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 20 वर्ष हो गए हैं। प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के आधे से अधिक सफर को नरेंद्र मोदी ने पूर्ण कर ...
इंडिया टीवी पर ‘आप की अदालत’ शो के दौरान जब मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी से प्रख्यात पत्रकार रजत शर्मा ने पूछा कि आतंकवाद जैसी समस्या का समाधान क्या है, तो नरेंद्र मोदी का दो टूक उत्तर था – “सबसे पहले तो ये पाकिस्तान को ये लव लेटर लिखना ...
जिस प्रकार से टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक प्राप्त करने वाली पीवी सिंधू के कोच को वह अयोध्या आने के लिए प्रेरित किया हैं, ताकि भारत और कोरिया की साझा संस्कृति से वह परिचित हों, वह अपने आप में पीएम नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व को परिभाषित करता है। अनेक षड्यंत्रों ...