अरे टीपू भैया, सोचना पहले चाहिए था, अब आग क्यों लग रही है?
राजनीती में छवि बनाने-बिगाड़ने का खेल कितना सतत है, इसका ताज़ा उदाहरण मिला 19 मार्च के बाद, जो मीडिया योगी आदित्यनाथ के आगे विवादास्पद का विशेषण जोड़े बिना एक वाक्य नहीं बोल पाता था, उत्तराखंड से लेकर गोरखपुर तक ...