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‘आदिवासी बच्चों के 13 करोड़ डकार गयी मेधा पाटकर, देश विरोधी गतिविधियों में किया इस्तेमाल’

साधु के वेष में शैतान जैसे काम... ये रवैया हमने समाज के कई लोगों का देखा है। राजनेताओं से लेकर अधिकारियों तक, लोग समाज का भला करने का ढोंग तो करते हैं लेकिन उनकी मंशा निश्चित रूप से समाज ...

‘We Don’t Care’, भारत ने USCIRF की बकवास को कूड़ेदान में डाला

दूसरों को ज्ञान देने से पहले, अपने गिरेबान में झांके। ज्यादा वक्त नहीं बीता, जब मानवाधिकार पर भारत को ज्ञान देने वाले अमेरिका को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उसी के अंदाज में जवाब दिया था। परंतु यह अमेरिका ...

मोहम्मद ज़ुबैर की वो कहानी जो TFI के अलावा कोई मीडिया पोर्टल नहीं जानता

टीएफ़आई प्रीमियम में आपका स्वागत है। आखिरकार वही हुआ, जिसकी प्रतीक्षा कई दक्षिणपंथियों को बहुत पहले से थी। फेक़ न्यूज़ का ध्वजवाहक, वामपंथियों का दुलारा, ऑल्ट न्यूज़ का सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। धार्मिक ...

कन्हैया लाल तेली की क्रूरतम हत्या की जिम्मेदार है राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार

कन्हैयालाल। ये नाम अब कई दिनों तक हमारे अंतर्मन को कचोटता रहेगा। परंतु उससे भी कहीं अधिक ये बात हमारे हृदय को सताएगी कि इस व्यक्ति को बचाया जा सकता था। जो इसके साथ हुआ, वह रोका जा सकता ...

भारत के न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप करने वाले ‘विदेशियों’ को रोकने के लिए एक कानून होना चाहिए

24 जून को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गयी क्लीन चिट को बरकरार रखा। साथ ही यह भी सामने आया कि किस तरह तीस्ता ...

कथित पत्रकार रवीश कुमार ‘पांडे’ को ‘ब्राह्मण बस्ती’ से क्या समस्या है?

एक होते हैं बौड़म, फिर आते हैं ढपोरसंख और इसके बाद आते हैं रवीश कुमार पाण्डे जैसे वामपंथी पत्रकार, जिन्हे संसार में हर चीज़ से समस्या है। मोदी सरकार जीते तो समस्या, भारत ओलंपिक में गोल्ड जीते तो समस्या, ...

आरबी श्रीकुमार: देश को दशकों पीछे ले जाने वाला अंतत: जेल में पहुंच ही गया

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने गुलबर्ग सोसाइटी की ‘पीड़िता’ जाकिया जाफरी की याचिका रद्द कर दी और पीएम मोदी को SIT द्वारा दी गई क्लीन चिट पर मुहर लगा दी। इसी फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ ...

क्या मोदी जी, धोखेबाज भारत से अब भाग भी नहीं सकते?

जब-जब देश में पत्रकारिता के नाम पर एजेंडे की बयार का प्रवाह करने वालों का नाम लिया जाएगा तो उसमें  राणा अय्यूब जैसे फ़र्ज़ी तथ्यों के साथ पत्रकारिता करने वालों का नाम सबसे आगे आएगा। अब इसी फ़र्ज़ी पत्रकारिता ...

कश्मीर फाइल्स से चिढ़कर The Quint गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार कट्टरपंथियों के लिए प्रोपेगेंडा चला रहा है!

झूठ बोलो, बार-बार झूठ बोलो। कुछ कहो तो झूठ कहो, कुछ लिखो तो सिर्फ झूठ लिखो और इतना झूठ फैलाओ कि तुम्हारा घर, प्रोपेगेंडा और यहा तक कि तुम्हारे नसों में भी झूठ चलता रहे। जनता का क्या है? ...

राणा अय्यूब के समर्थन में भारत पर सवाल उठाकर संयुक्त राष्ट्र ने गलती कर दी है

देश की सबसे बड़ी शान क्या है? आप हैं, हम हैं, हम सभी हैं। राष्ट्र की सबसे बड़ी थाती, संपति और शान वहां के नागरिक होते हैं। पर, कभी कभी यही लोग देश के सबसे बड़े अपमान बन जाते ...

PM मोदी ने एक ही भाषण से ‘नकली पर्यावरणवादियों’ और ‘न्यायपालिका’ की कलई खोल दी

भारत में छद्म धर्मनिरपेक्षता की, छद्म आदर्शवाद की, छद्म पर्यावरण संरक्षण की वकालत करने वालों की सामने से आलोचना करना एक महत्वपूर्ण एवं आवश्यक कदम है। यही वो चीजें है, जिसके चलते एक लंबे समय तक भारत पीछे रहा ...

भारत में अपना अस्तित्व खोने के मुहाने पर खड़े वामपंथी Media Portals को बढ़ावा देने की दिशा में गूगल का बड़ा कदम

वामपंथ को बढ़ावा देने में सदैव ही अमेरिकी बिग टेक कंपनियों की विशेष भूमिका रही है, Google भी इनमें से ही एक इंटरनेट प्लेटफॉर्म है, जो कि ढोंग तो भारत का हितैषी होने का करता है, किन्तु उसकी नीतियां ...

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