'जुबैर' के लिए खोज परिणाम

पीएम मोदी का यह नया प्लान Caravan, The Wire समेत प्रोपेगेंडा मंडली की रातों की नींद उड़ा देगा

किसी ने सत्य कहा है, “जब तक सच अपने जूते के फीते बांधता है, झूठ पूरी दुनिया का एक चक्कर लगा चुका होता है।” परंतु यह भी एक सत्य है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। आज ...

राणा अय्यूब का ‘चैप्टर’ समाप्त हो गया, अब उन्हें कोई नहीं बचा सकता

राणा अय्यूब ED केस : व्यक्ति चाहे जितना समाज सेवा का ढोंग करता रहे लेकिन ढोंग का यह ढोल ज्यादा जोर से बजाने पर काफी जोर से फटता है। इसका नुकसान यह होता है कि संत होने का चोला ...

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ बनेंगे देश के अगले CJI, क्या बन पाएंगे?

देश के नीति निर्माण भी भिन्न भिन्न प्रकार से तय होते हैं। राजनीति का नीति निर्माण अलग, न्यायपालिका का नीति निर्माण अलग, सैन्य प्रशासन का नीति निर्माण अलग। ऐसे में न्यायपालिका के चुनाव भी शीघ्र अतिशीघ्र होने हैं, जिसमें ...

हरा कुर्ता पहनकर, सुरमा लगाकर तैयार था ज़ुबैर, फिर हुआ नोबेल पुरस्कार का ऐलान

Zubair Nobel Peace Prize: विश्व के सबसे बड़े तथाकथित फैक्ट-चेकर मोहम्मद ज़ुबैर (Zubair) और उसका साथी प्रतीक सिन्हा नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) लेने के लिए तैयार है। ज़ुबैर ने आज हरे रंग का कुर्ता और सफेद रंग ...

पीर बाबा और ‘ताबीज़ संस्कृति’ की ओर हिंदू इतना आकर्षित क्यों हो रहे हैं?

“भर दे झोली मेरी” “शिरडी वाले साईं बाबा, आया है तेरे दर पे सवाली” “तू मेरी हीर मेरी मैंने दिल से माना तुझे हर वीरवार पीर बाबा से भी मांगा तुझे!” ऐसे अनेक गीत कभी न कभी आपने कहीं ...

कौन हैं ये लोग? किसी की मृत्यु पर नाचने वाले निकृष्ट लोगों की मानसिकता जाननी बहुत आवश्यक है

“जो आया है वो जाएगा, कह गए साधु संत!” ये तो समय की रीति है और समय के आगे किसी की नहीं चली है। इसी समय ने हमारे सबसे महान हास्य कलाकारों में से एक राजू श्रीवास्तव को हमसे ...

लखीमपुर खीरी मामले में मुस्लिम लड़कों का नाम सामने आते ही लिबरल खेमे में पसरा सन्नाटा

राजनीति एक ऐसा गहरा कुंआ है जिसमें कोई डुबकी लगा भी ले तो अनंत तक जाता जाएगा पर किनारा नहीं पाएगा। एक ऐसा कुआं जो गंतव्य विहीन है, एक ऐसा कुआं जो प्रपंचों से भरा पड़ा है, एक ऐसा ...

जब भारतीय क्रिकेटर अमन की आशा फैलाने में लगे थे तब पाकिस्तान खालिस्तान को बढ़ावा दे रहा था

करे कोई और भरे कोई। कुछ ऐसा ही हाल है आज भारत का, जहां उसे उसके ही लोग यह कहते दिखते हैं कि क्यों भारतीय इतने असहिष्णु हैं। भले ही इस बात का कोई आधार न हो पर क्योंकि ...

‘हम दो हमारे बारह’ से इतनी दिक्कत क्यों है? वास्तविकता तो यही है

सालों पहले, गंगा जमुनी तहज़ीब के स्वर्णिम काल में एक चलचित्र के प्रदर्शन पर मोहतरमा राणा अय्यूब ने कहा था, “क्या खूब कही सुप्रीम कोर्ट! PK को प्रतिबंधित करने की याचिका को ठुकराते हुए कहा, “नहीं पसंद है फिल्म, ...

‘आलोचना की एक सीमा होती है’, जज साहब कहिन

भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां हर किसी को किसी भी मामले पर प्रश्न उठाने की पूरी स्वतंत्रता है। परंतु जब बात न्यायपालिका की आती है, तो वो किसी को जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हैं। यह आवश्यक ...

मोहम्मद ज़ुबैर पर शेखर गुप्ता ने की ‘मन की बात’, लिबरलों ने ‘गुप्ता जी’ की लंका लगा दी

भारत के दो गुट में सबसे सहिष्णु यदि राइट विंग है तो सबसे असहिष्णु लिबरल गुट दिखायी पड़ता है। हालिया प्रकरण इसका जीवंत उदाहरण है। दरअसल, "द प्रिंट" स्वयं को पत्रकारिता का ध्वजवाहक मानता है लेकिन उसकी वास्तविकता सभी ...

इस्लामिस्ट चुन-चुनकर हिंदुओं को मार रहे हैं और दुनिया मूकदर्शक बनी है

भारत इस्लामिक कट्टरता का शिकार हो रहा है। जिहादी मानसिकता वाले कट्टरपंथी निर्दोष हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बना रहे है। नुपूर शर्मा के बयान की आड़ लेकर इस्लामिस्ट देश में खून-खराबा मचा रहे हैं। राजस्थान के उदयपुर में दर्जी ...

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