'वामपंथी मीडिया' के लिए खोज परिणाम

पहले मुझे योगी आदित्यनाथ के आलोचकों पर क्रोध आता था, फिर थोड़ी जांच की.. अब पता चला…ऐसा क्यों

तवलीन सिंह की सबसे उत्र्कृष्ट विशेषताओं में से एक ये है की वो न सिर्फ सत्ता की, बल्कि प्रधानमंत्रियों और उनके मंत्रियों के अंदरूनी सर्कल के चापलूस सदस्यों की कड़वी आलोचक रही है। मसलन राजीव गांधी के उपलक्ष्य में ...

उम्मीद थी की ममता दीदी के राज में पश्चिम बंगाल का अच्छे दिन आयेंगे, पर जो हुआ वो चौंकाने वाला था

पश्चिम बंगाल किसी जमाने में देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हुआ करता था और इसकी राजधानी पूरे देश के लिए आर्थिक राजधानी थी | जब देश के बाकी हिस्सों में रेल की भी सुविधा नही थी, यहां ...

आखिर क्यों बृहन्मुंबई नगरपालिका नें सौ साल पुराने क्रॉस को ढहा दिया?

धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हो रहे अल्पसंख्यक मनौती के पीड़ादायक फैसले ने भारत की जनता का सालों से मानसिक उत्पीड़न किया है। अल्पसंख्यक समुदाय को उनका हक़ देने की मन में ठानकर हमारे संविधान निर्माताओं ने उनके लिए कुछ ...

असली किसानो के ज़ख्मो पर नमक छिड़कती नकली किसानो की घटिया नौटंकी

जिस देश में 80% जनता कृषक हो वहाँ तो खेती की दशा कितनी उन्नत होनी चाहिए थी? पर खेती-किसानी की क्या दशा है, ये किसी से छुपी नही है। कोई भी ठोस या आमूलचूल परिवर्तन अबतक भारतीय खेती में ...

सुकमा हमले के बाद कहाँ मर गए आजादी के पैरोकार?

ढीली पड़ती पकड़ से बौखलाए हुये वामपंथ की लंपट औलादे अब नपुंसकता वाली हरकतों पर आ गए हैं। कल छत्तीसगढ़ के सुकमा क्षेत्र में उग्र वामपंथियों (नक्सली) ने 30 जवानों की टुकड़ी पर हमला कर दिया जिसमें 12 जवान ...

देश में कोई भी देशविरोधी गतिविधि हो, ये तीनो ही बीच-बचाव करते क्यों मिलते हैं?

दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में देश-विरोधी नारे लगाए जाने के बाद हुए हिंसक झड़पों से उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस घटना के बाद से सोशल मीडिया में छिड़े दंगल में विभिन्न क्षेत्रों के ...

तो क्या यही हकीक़त है कांग्रेस पार्टी की

पिछले वर्ष जेएनयू के वामपंथी छात्रनेता और उनके पुरे समूह ने 'भारत तेरे टुकड़े होंगे', 'कश्मीर की आज़ादी तक जंग चलेगी' जैसे देशविरोधी नारे लगाकर आतंकी 'अफज़ल गुरु' की फांसी को न्यायिक हत्या बता रहे थे। आतंकियों के समर्थन ...

आज इन्होने एक मूर्ति तोड़ी है, कल मंदिर तोड़ेंगे

दिसंबर 1992, बाबरी विध्वंस। अयोध्या में रामलला की जन्मभूमि पर स्थित बाबरी मस्ज़िद रुपी विवादित ढाँचा को गिराया गया था। तब से लेकर अब तक इस एक कृत्य के लिये आज भी उंगली उठायी जाती हैं। एक बाबरी गिरने ...

दो ऐसी संस्थाएं जिन्हें वामपंथ ने जकड़ रखा है

वामपंथ भारत सहित पूरी दुनिया में बुरी तरह विफल रहा। मज़दूर और कृषक वर्ग के हक़ की लड़ाई के नाम पर दुनिया भर के वामपंथियों ने पुरे विश्व में खूनी क्रांति की। लेकिन यही वामपंथ, जिसकी वास्तविकता को दुनिया ...

विपक्ष की सबसे बड़ी परेशानी ये है

आजकल हम देखते हैं क़ि हर नेता, अभिनेता या कोई सेलिब्रिटी देश में चल रहे सभी मुद्दों पर कुछ ना कुछ टिप्पणी करता हैं. मुद्दा चाहे काला धन हो या पाकिस्तान, कश्मीर हो या नोटबंदी, बोलना सभी को रहता ...

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देशद्रोह की दूकान खोलना कितना जायज़ है?

मानवीय गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ज़रूरी माना गया हैं. नागरिकों के नैसर्गिक अधिकारों के रूप में उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं को संरक्षित करना, ताकि मानव के व्यक्तित्व के सम्पूर्ण विकास हो सके और उनके ...

वामपंथ ही आधुनिक युग का ब्राह्मणवाद है

वामपंथ ही आधुनिक युग का ब्राह्मणवाद है बचपन से ही हम पढ़ते आ रहे हैं कि सदियों पहले से भारत एक ऐसा भू-खंड रहा है जो अपने प्राकृतिक संसाधनो एवं जलवायु विविधता कारण विदेशियों को आकर्षित करता रहा है ...

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