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भाई-भतीजावाद को भारतीय राजनीति से ख़त्म करने की योजना पर काम कर रही है भाजपा

कार्यकर्ता प्रिय पार्टी, भारतीय जनता पार्टी के लिए उसका अस्तित्व यही कार्यकर्ता बरकरार रखते आए हैं। भाजपा के लिए मंडल से लेकर राष्ट्रीय स्तर की बैठकों का महत्व यूँ तो समान ही होता है क्योंकि नीति-निर्माण इन्हीं बैठकों के ...

महाराष्ट्र की सत्ता से महाविकास अघाड़ी गठबंधन का बाहर होना, कांग्रेस की सबसे बड़ी हार है…

कई दिनों तक चले महाराष्ट्र में सियासी ड्रामे के बाद सत्ता परिवर्तन हो ही गया। शिवसेना से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे की मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हो गई। महाराष्ट्र की सत्ता से महाविकास अघाड़ी गठबंधन बाहर होने ...

उम्मीदवार घोषित होने से पहले ही हम बता रहे हैं कि कौन होगा भारत का अगला राष्ट्रपति

टीएफ़आई प्रीमियम में आपका स्वागत है। आज के इस लेख में हम भारत के अगले राष्ट्रपति के नाम का ऐलान करने जा रहे हैं। हम आपको यह भी बताएंगे कि क्यों वही शख्स भारत का अगला राष्ट्रपति बनने जा ...

कांग्रेस में पहले राजनीति चलती थी, आजकल मौज हो रही है

उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनावों में मिली बुरी हार से कांग्रेस अबतक उभर नहीं पाई है। प्रदेश की 403 सीटों में से कांग्रेस सिर्फ 2 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई है। बाकी सभी 401 सीटों पर पार्टी की बुरी ...

10 जून को होने वाले राज्य सभा चुनाव के लिए X Factor साबित हो सकती है “रिजॉर्ट पॉलिटिक्स”

भारत की वर्तमान राजनीति और भविष्य के समीकरणों को साधने के लिए एक गुरुमंत्र निकाला जाए तो वह रिजॉर्ट पॉलिटिक्स है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत की राजनीति का एक चेहरा यह भी है कि जनप्रतिनिधियों को एक बस ...

कांग्रेस फिर से खेलने लगी रिसॉर्ट पॉलिटिक्स का ‘खेला’ लेकिन इस बार उसका बचना असंभव है

जब धरती लगी फटने तब खैरात लगी बंटने, यही हाल देश की वयोवृद्ध पार्टी कांग्रेस का हो चला है। यहां एक सांसद और विधायक अपनी नित्य क्रिया करने भी जाए तो आलाकमान का एक नेता दरवाजे पर पहरा देता ...

बेनिटो मुसोलिनी के पदचिह्नों पर चल पड़े हैं भूपेश बघेल

आज के समय में जैसा नेतृत्वकर्ता वैसे उसके चाटुकार होते हैं और जैसा कांग्रेसी आलाकमान वैसे उसके नेता लोग है । यह सत्य है कि जिस पार्टी के नेता देश में आपातकाल लगाने का षड्यंत्र रच सकते हैं उन्हें ...

चुनाव से पहले कर्नाटक में कांग्रेस बनाम कांग्रेस, दो बड़े नेताओं की लड़ाई सड़क पर आई

हिंदुस्तान की राजनीति आपको कभी ‘बोर’ नहीं करती. 2014 के बाद से भले ही सत्ता का केंद्र नरेंद्र मोदी बन गए हो- भले ही पूरी दुनिया में नरेंद्र मोदी छाए हो लेकिन चर्चा कांग्रेस की भी कम नहीं हुई ...

कांग्रेस का चिंतन शिविर- जब राहुल को ही कांग्रेस अध्यक्ष बनाना है तो चिंतन मनन का सवाल ही नहीं है

'हारकर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं' और जो हमेशा हार का स्वाद चखे उसे राहुल गांधी कहते हैं। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के उत्तराधिकारी राहुल गांधी का राजनीतिक जीवन अंधकारमय हो गया है। 2014 के लोकसभा ...

भाजपा को देश के हर राज्य में चुनाव जिताने के लिए पीएम मोदी ही काफी नहीं होंगे

लहर में लहर मोदी लहर! वर्ष 2014 के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी चुनावों को एक ही लहर के बूते पर जीतती आई है, वो है मोदी लहर। जीते भी क्यों न आज उस पार्टी के पास वो ...

कमलनाथ का इस्तीफा साबित करता है कि गांधी परिवार के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता

कहते हैं, जल में रहकर मगर से बैर नहीं करते लेकिन ये बात कमलनाथ के समर्थकों को भला कौन समझाए? उन्होंने तो तुरंत अपने सर्वेसर्वा को 2023 के चुनाव के लिए मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया परंतु कांग्रेस हाइकमान ...

गांधी परिवार का सबसे विश्वासी चेहरा कमलनाथ अब एक विद्रोही है

सबसे पुरानी पार्टी आजकल युवा नेताओं के विश्वासघात और अनुभवी राजनेताओं के निष्कासन को झेल रही है, इसलिए “चीर युवा नेता” राहुल गांधी के नेतृत्व में बदलाव के लिए वे एक नई रणनीति बना रहे हैं। कांग्रेस पार्टी धीरे-धीरे ...

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