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आखिर इन हिंदी भाषी राज्यों की हालत इतनी चिंताजनक क्यों है?

एक और हिंदी पट्टी प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं, अरे भई अपने उत्तर प्रदेश में. सभी पार्टियों के बयान सुनकर तो लग रहा हैं क़ि चुनाव 90 के दशक के यूपी चुनाव की तरह लड़े जायेंगे. सभी पार्टियां ...

भारतीय राजनीति के बहुचर्चित सेक्स स्कैंडल्स

वैसे तो हमारे देश की राजनीति में हाल के वर्षों में काफी परिवर्तन हुए हैं, कई मामलों में राजनेता और भी जिम्मेदार हुए हैं। सोशल मीडिया के कारण लोग भी जागरूक हो रहें हैं और सरकार तथा नेताओं से ...

नितीश कुमार बीजेपी की कमर तोड़ने के लिए यूपी में ये तिकड़म भिड़ा रहे हैं

उत्तर प्रदेश में चुनाव अभियान का शंखनाद हो चूका है, छोटे-बड़े सभी दल सत्ता सुख के लिए हाथ-पावँ मारने में लगे हुए हैं। यूपी की लड़ाई में वैसे तो भाजपा, बसपा और सपा प्रमुख चेहरें हैं मगर इस बार ...

भारत छोड़ो आंदोलन : भारत के इतिहास का सबसे सफल आंदोलन

भारत छोड़ो आंदोलन : सबसे सफल आंदोलन 1857 में जो जंग-ए-आजादी शुरू हुई थी, 9 अगस्त 1942 में वह अपने अंतिम पड़ाव में पहुंच चुकी थी। जिन समाजिक बिखरावों के कारण पूर्व के सभी संघर्ष असफल हो गए थे, ...

गाली गलौच से ही आएगी क्रांति, ऐसा मेरा नहीं मायावती जी का मानना है

'गाली', ये शब्द उन घृणित शब्दों को सभ्य भाषा में बतलाने के लिए प्रयोग किया जाता है जो अपमान-सूचक हैं। गाली लगभग हर कोई देता है, कोई खुल्लम-खुल्ला, कोई छुप-छुपाकर। हमारे सभ्य समाज में गाली को घृणित भाव से ...

आसमान का सीना चीर के आ गए, धरती की छाती फाड़ के आ गए – मेरे बब्बर-मसूद आ गए

मित्रों, राजनीति और नौटंकी का चोली दामन का साथ है। अजी यह न हो, तो जैसे दाल में नमक नहीं, गाड़ी में पेट्रोल नहीं, या यूं कहें, राजनीति में जान नहीं। पिछले पाँच छह सालों से राजनीति ने अनुसरण ...

केजरीवाल: राजनीति के आइटम गर्ल/ब्वाय

बालकाल की तीन प्रमुख प्रवृतियाँ होती हैं। बवाली प्रवृति, सवाली प्रवृति और कव्वाली प्रवृति । बचपन में हरेक बालक में इन तीनो में से एक न एक प्रवृतियाँ अवश्यमभावी रूप से पायी जाती हैं। अरविन्द केजरीवाल के अल्प राजनितिक ...

कोहिनूर तो कभी लूटा ही नहीं गया, फिर हंगामा क्यूँ?

Kohinoor: भारत सरकार ने अपने हलफनामे में कोहिनूर को ब्रितानिया हुकूमत को बतौर तोहफा दिए जाने का ज़िक्र क्या किया, सभी सेक्युलर जमात वालो को अपनी भारतीय अस्मिता का एहसास हो उठा, जिसका ह्रास अंग्रेज़ो ने किया था। पिछले ...

वामपंथ ही आधुनिक युग का ब्राह्मणवाद है

वामपंथ ही आधुनिक युग का ब्राह्मणवाद है बचपन से ही हम पढ़ते आ रहे हैं कि सदियों पहले से भारत एक ऐसा भू-खंड रहा है जो अपने प्राकृतिक संसाधनो एवं जलवायु विविधता कारण विदेशियों को आकर्षित करता रहा है ...

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