भारतीय राजनीति के ‘Frankenstein’ हैं अन्ना हज़ारे
क्या होता है जब इंसान भगवान बनने का प्रयत्न करता है? उसकी मंशा चाहे कितनी ही अच्छी क्यों न हो परन्तु वह विपत्ति ...
क्या होता है जब इंसान भगवान बनने का प्रयत्न करता है? उसकी मंशा चाहे कितनी ही अच्छी क्यों न हो परन्तु वह विपत्ति ...
आप सभी को ज्ञात होगा कि अपराधी कोई भी हो एक अपराधी ही होता है चाहे वो किसी जाती ,धर्म या संप्रदाय का ...
ताड़ के पेड़, पेड़ नहीं हैं- वे बेहद लंबी घास हैं। फिर भी, हम भारतीय सोचते हैं कि ताड़ के पेड़ आसपास के ...
पंजाब की नवगठित सरकार दिल्ली के शिक्षा मॉडल की नकल पर पंजाब में नैतिकता मॉडल विकसित करना चाह रही है। लोकलुभावन वादों के ...
अक्सर लोग नरेन्द्र मोदी के बुलेट ट्रेन अभियान को जुमला कहकर उपहास करते हैं लेकिन अब यह वादा वास्तविकता बनने जा रहा है। ...
रूस-यूक्रेन संघर्ष और उत्तर पश्चिमी दिल्ली में स्थित जहांगीरपुरी के सांप्रदायिक हिंसा का टेलीविजन कवरेज केंद्र सरकार के निशाने पर आ गया है। ...
देश में चुनाव जीतने के समय में नेताओं द्वारा कई तरह के वादे किए जाते हैं पर चुनाव जीतते ही वो सारे वादे ...
कभी कभी ज़्यादा मीठा होना भी घातक हो जाता है, देश में एक तबका ऐसा भी है जो इस मिठास को मजबूरी या ...
भारत की राजनीति में केजरीवाल सरीखा कोई सत्ता का भूखा नेता नहीं हुआ। हो सकता है लेख के इस वाक्य से आप बिलकुल ...
हम सभी जानते है कि जनता भोली होती है। पर, दिल्ली की जनता तो कुछ ज्यादा ही भोली निकली और यह भोलापन फ्री-फ्री ...
मुग़ल काल में हिन्दू के मंदिरों को अत्याधिक नुकसान पहुंचाया गया था। मुग़ल आक्रमणकारियों द्वारा सम्पूर्ण भारत के धार्मिक स्थलों को क्षतिग्रस्त करने ...
नौकरी में छेड़खानी के मामलें आपने बहुत सुने होंगे। इन मामलों के कारण ही सर्वोच्च न्यायालय को विशाखा गाइडलाइन जारी करना पड़ा था। ...
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