द्रोणाचार्य का एकलव्य से अंगूठा मांगना पूरी तरह से तार्किक और देशभक्तिपूर्ण था
द्रोणाचार्य कैसे गुरु थे जिन्होंने एकलव्य का अंगूठा ही ले लिया? कैसे गुरु थे वे, जिन्होंने अपने प्रिय शिष्य अर्जुन को श्रेष्ठ बताने ...
द्रोणाचार्य कैसे गुरु थे जिन्होंने एकलव्य का अंगूठा ही ले लिया? कैसे गुरु थे वे, जिन्होंने अपने प्रिय शिष्य अर्जुन को श्रेष्ठ बताने ...
हिन्दू धर्मग्रंथों में लिखित बातों को अनुयायी शास्वत सत्य मान कर उसके कण-कण को पूजते थे, पूजते हैं और आगे भी पूजते रहेंगे। ...
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