महाभारत किसने लिखी?
महाभारत किसने लिखी? : ऐसा माना जाता है कि जब ऋषि व्यास ने महाभारत की कल्पना की थी, तो उन्हें पता था कि एक साधारण लेखक द्वारा लिखी जाने वाले कथा नहीं है। उन्होंने दूर-दूर तक किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश की, जो उनके लिए महाभारत लिख सके, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। तब उन्हें लगा कि वे भगवान गणेश को उनके लिए महाभारत लिखने के लिए कह सकते है। वे भगवान गणेश के पास गए और भगवान गणेश महाभारत लिखने के लिए तैयार हो गए लेकिन उनकी एक शर्त थी।
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महाभारत किसने लिखी? इसके पीछे की रोचक कहानी
भगवान गणेश ने यह कहते हुए अपनी स्थिति का खुलासा किया कि वे महाभारत तभी लिखेंगे जब ऋषि व्यास बिना रुके इसका पाठ करेंगे। ऋषि व्यास भगवान गणेश की शर्त के लिए सहमत हो गए लेकिन उनकी भी एक शर्त थी। उन्होंने कहा कि भगवान गणेश वाक्य या कथानक को पूरी तरह समझे बिना कुछ भी नहीं लिखेंगे। भगवान गणेश ने ऋषि व्यास की शर्त पर सहमति व्यक्त की और इस तरह महाभारत का लेखन शुरू हुआ।
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भगवान गणेश लिखने में बहुत तेज थे और इसलिए उन्होंने बहुत तेज गति से लिखा। यहीं पर ऋषि व्यास का ज्ञान प्रबल हुआ। वे जानबूझकर कुछ जटिल वाक्यों को बीच में डाल देता था, जिसे लिखने से पहले भगवान गणेश को समझने में समय लगता। इसने व्यास को एक सांस लेने की अनुमति दी और अपने दिमाग में यह भी सोचा कि अगले वाक्य कैसे तैयार किए जाएंगे।
यह भी माना जाता है कि भगवान गणेश ने बहुत तेज गति से लिखते समय उस लेखनी को तोड़ दिया जिससे वे महाकाव्य लिख रहे थे। लेकिन चूंकि वे रुक नहीं सके, उन्होंने अपने दांत का एक टुकड़ा तोड़ दिया और जारी रखा। यह उन कहानियों में से एक है जो बताती है कि क्यों भगवान गणेश को ‘एकदंत’ (जिसका एक दांत है) के रूप में जाना जाता है। भगवान गणेश का यह निस्वार्थ कार्य हमें यह भी बताता है कि जब ज्ञान प्राप्त करने की बात आती है, तो कोई भी बलिदान पर्याप्त नहीं होता है।