धार्मिक कथा

प्राचीन ज्ञान, विज्ञान और संस्कृति के वैश्विक विस्तार की अमर गाथा

प्राचीन भारत ज्ञान, विज्ञान और संस्कृति की एक महाशक्ति थी। इसका प्रभाव एशिया के धर्मों, शासन, चिकित्सा और कलाओं पर गहराई से पड़ा,...

भारत नहीं, इस देश में खेली गई थी पहली होली…जानिए कैसा है अब वो स्थान

पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों की खस्ता हालत की खबरें लगातार आती रही हैं। हालांकि कई मंदिर ऐसे भी हैं जिनकी कोई खोज-खबर लेने...

क्या गंगा में स्नान से पाप धुल जाते हैं? – जानिए महाकुंभ और कर्म सिद्धांत का अर्थ

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का दिव्य और भव्य आयोजन जारी है, जहां अब तक 29.64 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पावन त्रिवेणी में आस्था...

बागेश्वर बाबा की यात्रा में राजनीति, सोशल मीडिया और धर्म का कॉकटेल: राजनीति का नया पॉवर सेंटर बनेगा बागेश्वर धाम?

भारत की राजनीति में बाबाओं का भी एक अलग युग होता है। अस्सी-नब्बे के दशक में सत्ता के साथ 2 ऐसे बाबाओं का...

त्रिपुण्ड-जनेऊ सब गायब, महेन्द्रगिरी के तपस्वी को बॉलीवुड ने बना दिया डकैत: भगवान परशुराम तो नहीं लग रहे विक्की कौशल

किन्तु, कौन नर तपोनिष्ठ है यहाँ धनुष धरनेवाला? एक साथ यज्ञाग्नि और असि की पूजा करनेवाला? कहता है इतिहास, जगत् में हुआ एक...

सीता परित्याग प्रक्षिप्त या वास्तविक? – युद्धकाण्ड तक ही थी वाल्मीकि जी की रामायण! पढ़ें किन-किन ग्रंथों में क्या-क्या वर्णन

सीता परित्याग की कथा राम के जीवन से संबंधित अत्यंत विवादास्पद मानी जाती है। जिस सीता को प्राप्त करने के लिए राम ने...

‘हजार हूर नहीं चाहिए, वेद धर्म नहीं त्यागूँगा’: सनातन की समरसता का प्रतीक है संत रविदास का जीवन, सिकंदर लोदी के सामने नहीं झुके

वेदों की भूमि भारत को मध्यकाल में विदेशी आततायियों द्वारा भारी मात्रा में लूटा गया, यहाँ की प्राचीन संस्कृति को नष्ट करने का...

राजा प्रियंवद को संतान मिली, कवि मयूरभट्ट का कुष्ठ रोग ठीक हुआ: छठ से जुड़ी वो कथाएँ, जिन्हें नहीं जानते हैं आप

छठ पूजा का महापर्व पूरे देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान...

के करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी… समझिए आखिर बिहार में ही क्यों होती है छठ पूजा, प्रकृति के 8 रूप और गीतों की महिमा

आखिर बिहार में ही छठ क्यों होता है? भारत और विश्व में सूर्य के कई क्षेत्र हैं, जो आज भी उन नामों से...

अंधे थे, लेकिन नेत्र ईश्वर को देखते थे… कुएँ में गिरे तो श्रीकृष्ण ने दिया दर्शन, ठुकरा दिया था अकबर का प्रस्ताव

मध्यकाल के पूर्वार्द्ध, अर्थात भक्तिकाल में जब कृष्ण भक्त कवियों की चर्चा की जाती है तो सूरदास का नाम सबसे पहले आता है।...

सब कुछ भगवान ही करते हैं तो व्यक्ति का क्या? – गीता के 18वें अध्याय में है जवाब, समझिए ‘मोक्ष संन्यास योग’

मुझे क्या करना चाहिए से 'करिष्ये वचनं तव' की एक यात्रा है। श्रीमद्भगवद्गीता का 18वां अध्याय 'मोक्ष संन्यास योग' है। इस अध्याय में...

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