कृषि, गोपालन और दुग्ध उत्पादन तथा व्यापार, वैश्य गुणों से संपन्न लोगों के स्वाभाविक कार्य हैं। शूद्रता के गुण से युक्त लोगों के श्रम और सेवा स्वाभाविक कर्म हैं।
उल्लेखनीय है कि चारों वर्णों के स्वभावगत कर्तव्यों का परंपरागत अर्थ इसी प्रकार है।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई, सीएम सरमा ने कहा: पुलिस भड़काऊ भाषणों की समीक्षा करेगी

    ‘राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई’, जानें, सीएम सरमा ने क्या दिया आदेश

    पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ़्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई, सीएम सरमा ने कहा: पुलिस भड़काऊ भाषणों की समीक्षा करेगी

    ‘राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई’, जानें, सीएम सरमा ने क्या दिया आदेश

    पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ़्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

सब कुछ भगवान ही करते हैं तो व्यक्ति का क्या? – गीता के 18वें अध्याय में है जवाब, समझिए ‘मोक्ष संन्यास योग’

गीता के इस अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण प्रकृति तथा प्रवृत्ति के आधार पर संन्यास एवं मोक्ष के विभिन्न मार्गों की चर्चा करते हैं

Guest Author द्वारा Guest Author
24 October 2024
in ज्ञान, धार्मिक कथा
भगवद्गीता, श्रीकृष्ण, अर्जुन

श्री कृष्ण कहते हैं कि किसी कार्य को संपादित होने के लिए पांच तत्व आवश्यक हैं, समझिए क्या-क्या

Share on FacebookShare on X

मुझे क्या करना चाहिए से ‘करिष्ये वचनं तव’ की एक यात्रा है। श्रीमद्भगवद्गीता का 18वां अध्याय ‘मोक्ष संन्यास योग’ है। इस अध्याय में मुक्ति एवं संन्यास के विभिन्न मार्गों एवं स्वरूपों की व्याख्या की गई मुक्ति की व्याख्या करते हुए भगवान श्री कृष्ण आत्मा के शाश्वत स्वरूप वर्तमान जीवन के उद्देश्य एवं परम लक्ष्य के मार्गों पर विस्तार से चर्चा करते हैं। श्रीमद् भागवत गीता का यह अध्याय अंतिम अध्याय कहा जाता है जो गीता के प्रारंभ से अब तक की यात्रा का निचोड़ भी है।

श्री कृष्ण ने अर्जुन को भगवद्गीता का उपदेश देना इसलिए शुरू किया था क्योंकि अर्जुन अपने बंधु बांधवों को युद्धभूमि में देखकर अपने कर्तव्य से विमुख हो गया था। सम्पूर्ण गीता का उपदेश देकर कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि अब इन सबको सुनने और विचार करने के बाद जो तुम्हारा मन करे वह करो।

संबंधितपोस्ट

गीता और भरत मुनि का नाट्यशास्त्र UNESCO के वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल, बोले PM मोदी-हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण

धर्म बनाम रिलिजन: केवल आस्था नहीं, आचरण की बात

काश पटेल ने गीता पर हाथ रख कर ली FBI डायरेक्टर पद की शपथ, लिबरल गैंग को जड़ा करारा तमाचा

और लोड करें

यथेच्छसि तथा कुरु – तुम जो चाहो वैसा करो। इसको सुनकर अर्जुन कहता है:

नष्टो मोहः स्मृतिर्लब्धा त्वत्प्रसादान्मयाच्युत।
स्थितोऽस्मि गतसंदेहः करिष्ये वचनं तव।।

अर्थात – हे अच्युत! आपकी कृपा से मेरा मोह नष्ट हो गया है। अब मैं ज्ञान में स्थित हूँ। मैं संशय से मुक्त हूं और मैं आपकी आज्ञाओं के अनुसार कर्म करूंगा।

गीता के इस अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण प्रकृति तथा प्रवृत्ति के आधार पर संन्यास एवं मोक्ष के विभिन्न मार्गों की चर्चा करते हैं। श्री कृष्ण के अनुसार, संसार से संन्यास एवं अंतरात्मा का संन्यास यह दो संन्यास का प्रमुख मार्ग है। सांसारिक संन्यास का मार्ग त्याग एवं ब्रह्मचर्य की जीवन शैली अपनाने का है जिसमें व्यक्ति अपने भौतिक सुखों, सांसारिक जिम्मेदारियों एवं दुनियादारी के संबंधों से निर्लिप्त रहता है। इस संन्यास का उद्देश्य आत्मा के वास्तविक स्वरूप को जानना तथा सांसारिक बंधनों से मुक्ति प्राप्त करना है। अंतरात्मा का संन्यास अपेक्षाकृत अधिक सूक्ष्म एवं व्यक्ति के आंतरिक विकास तथा मानसिक संतुलन पर केंद्रित है।

इस प्रकार के संन्यास में व्यक्ति बाहरी दुनिया के प्रति अपनी संकल्पित तथा आंतरिक साधना के माध्यम से आत्मसाक्षात्कार करता है। श्री कृष्ण के अनुसार संसार में रहकर संसार से निर्लिप्त होना सन्यास का उत्कृष्ट स्वरूप है। पाश्चात्य दार्शनिकों द्वारा भारतीय दर्शन पर निराशावाद का आरोप लगाना गीता के इस विमर्श से मिथ्या प्रतीत होता है जहां श्रीमद् भागवत गीता संसार में दुख कष्ट एवं पीड़ा के होने की बात तो करता है परंतु उसके निवारण तथा इस सांसारिक जगत में अनासक्त भाव से कर्म करते हुए आत्मतत्व तक की यात्रा का भी वर्णन करता है।

गीता का 18वां अध्याय इस रूप में भी महत्वपूर्ण है कि इसके पूर्वक श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को जितने भी प्रमुख मार्ग एवं समाधानों की चर्चा है उसको संक्षेप में इस अध्याय में भी चर्चा करते हैं। जैसा की मोक्ष प्राप्ति के विभिन्न मार्गो की चर्चा पहले की जा चुकी है उसको पुनः श्री कृष्णा कर्मयोग, ज्ञानयोग, एवं भक्तियोग के माध्यम से अर्जुन को उपदेश देते हैं। श्रीमद् भागवत गीता के इस अध्याय में आत्मसमर्पण एवं नि:स्वार्थता के माध्यम से आध्यात्मिक मुक्ति प्राप्ति की बात की गई है। परमतत्व जो जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य है, के प्रति पूर्ण समर्पण उसे लक्ष्य को प्राप्त करने के साधन को पवित्रता के साथ अपनाना तथा निरंतर गति करते हुए आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करना ऐसा इस अध्याय में बतलाया गया है।

गीता के इस अध्याय में कर्म एवं भाग्य के मध्य अनुपम समन्वय दिखाने का प्रयास है। सामान्य रूप से जब श्री कृष्ण गीता में यह कहते हैं कि सब कुछ मेरे द्वारा ही संपन्न होता है तो सामान्य मनुष्य के मन में एक जिज्ञासा उत्पन्न होती है कि यदि सब कुछ ईश्वर द्वारा ही संपादित होता है तो व्यक्ति की व्यक्तिगत अनन्यता अर्थात उसकी व्यक्तिगत पहचान का क्या अर्थ है। व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता अर्थात उसके संकल्प की स्वतंत्रता इस स्थिति में किस रूप में देखी जा सकती है? श्रीमद् भागवत गीता के 18वें अध्याय के 14 में श्लोक में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि किसी कार्य को संपादित होने के लिए पांच तत्व आवश्यक हैं:

“अधिष्ठानं तथा कर्ता करणं च पृथग्विधम्।
विविधाश्च पृथक्चेष्टा दैवं चैवात्र पञ्चमम्॥

शरीर, कर्ता (आत्मा), विभिन्न इन्द्रियाँ, अनेक प्रकार के प्रयास तथा ईश्वरीय कृपा – ये पाँच कर्म के कारण हैं। अधिष्ठान का अर्थ शरीर है जिसमे आत्मा निवास करती है। कर्ता का अर्थ आत्मा है। प्रश्नोपनिषद् में कहा गया है- “एष हि दृष्टा स्प्रष्टा श्रोता घ्राता रसयिता मन्ता बोद्धा कर्ता विज्ञानात्मा पुरुषः स परेऽक्षर आत्मनि सम्प्रतिष्ठते (4.9)” अर्थात यह आत्मा ही है जो देखती है, स्पर्श करती है, सुनती है, अनुभव करती है, स्वाद लेती है, सोचती और समझती है। इसलिए आत्मा को ज्ञाता और कर्मों का कर्त्ता दोनों माना गया है।

ब्रह्मसूत्र में भी कहा गया है – “ज्ञोऽत एव (2.3.18)” अर्थात यह सत्य है कि आत्मा ज्ञाता है। ब्रह्मसूत्र में पुनः वर्णन किया गया है, “कर्ता शास्त्रार्थवत्त्वात् (2.3.33)” अर्थात आत्मा कर्मों की कर्ता है और शास्त्रों द्वारा इसकी पुष्टि की गई है।”

इसे एक उदाहरण द्वारा ऐसे समझ जा सकता है कि यदि एक विद्यार्थी जिसका दायित्व अध्ययन करना है, वह अपने स्वस्थ शरीर जिसमें आत्मा का निवास हो तथा उसकी इंद्रियां ठीक से कार्य कर रही हो तथा वह चेष्टापूर्वक अध्ययन हेतु अध्ययन सामग्रियों के साथ बैठता है फिर भी यदि वह अध्ययन नहीं कर पाता तो इसे ईश्वरीय इच्छा मानकर संतुष्ट होना चाहिए परंतु प्रारंभ की चार चरण व्यक्ति को स्वयं ही संपादित करने होते हैं और वह प्रारंभिक चार चीज ही उसके कार्य का आधार बनती है।

इस श्लोक के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण ने व्यक्ति की व्यक्तिगत अनन्यता उसके सामर्थ्य के साथ-साथ उसके भाग्य जो प्रारब्ध रूप में व्यक्ति के कर्म का ही फल होता है, का अनुपम समन्वय किया है। गीता का यह अध्याय चारों वर्णो और उनके स्वभावगत कर्तव्यों का भी वर्णन कर्ता है। गीता के चौथे अध्याय में भगवान कृष्ण कहते हैं कि चारों वर्णो कि सृष्टि उन्होने ही की है –

चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागशः।
तस्य कर्तारमपि मां विद्ध्यकर्तारमव्ययम्।।4.13।।

अर्थात, मेरे द्वारा गुणों और कर्मों के विभागपूर्वक चारों वर्णों की रचना की गयी है। उस (सृष्टि-रचना आदि) का कर्ता होने पर भी मुझ अव्यय परमेश्वर को तू अकर्ता जान। कर्मों के फलमें मेरी स्पृहा नहीं है, इसीलिए मुझे कर्म लिप्त नहीं करते। इस प्रकार जो मुझे तत्त्व से जान लेता है, वह भी कर्मों से नहीं बँधता। गीता के इस अध्याय में कृष्ण चारों वर्णो के लिए कर्तव्यों का विवेचन करते हैं।

शमो दमस्तपः शौचं क्षान्तिरार्जवमेव च।
ज्ञानं विज्ञानमास्तिक्यं ब्रह्मकर्म स्वभावजम् ॥42॥

शान्ति, संयम, तपस्या, शुद्धता, धैर्य, सत्यनिष्ठा, ज्ञान, विवेक तथा परलोक में विश्वास-ये सब ब्राह्मणों के कार्य के स्वाभाविक गुण हैं।

शौर्यं तेजो धृतिर्दाक्ष्यं युद्धे चाप्यपलायनम्।
दानमीश्वरभावश्च क्षात्रं कर्म स्वभावजम् ॥43॥

शूरवीरता, शक्ति, धैर्य, रण कौशल, युद्ध से पलायन न करने का संकल्प, दान देने में उदारता नेतृत्व क्षमता-ये सब क्षत्रियों के कार्य के स्वाभाविक गुण हैं।

कृषिगोरक्ष्यवाणिज्यं वैश्यकर्म स्वभावजम्।
परिचर्यात्मकं कर्म शूद्रस्यापि स्वभावजम् ॥44॥

कृषि, गोपालन और दुग्ध उत्पादन तथा व्यापार, वैश्य गुणों से संपन्न लोगों के स्वाभाविक कार्य हैं। शूद्रता के गुण से युक्त लोगों के श्रम और सेवा स्वाभाविक कर्म हैं।
उल्लेखनीय है कि चारों वर्णों के स्वभावगत कर्तव्यों का परंपरागत अर्थ इसी प्रकार है। INADS- USA और KSAS Lucknow के सम्मिलित प्रयास से एक प्रोजेक्ट के माध्यम से वैश्य और शूद्र वर्ण के कर्तव्यों को पुनर्परिभाषित करने का प्रयास किया गया है।

प्रोफेसर बलराम सिंह और डॉ आलोक कुमार द्विवेदी के शोधपत्र कृषि गौरक्ष्य वाणिज्यम वैश्य कर्म स्वभावजम की आधुनिक उपयोगी व्याख्या के अंतर्गत कृषि का अर्थ कृषि कार्य के साथ साथ किसी भी प्रकार की रचनात्मकता को सम्मिलित किया गया है। गौरक्ष्य में गौ वंश की रक्षा के साथ इसके मूल अर्थ पृथ्वी के संरक्षण की बात काही गयी है। और व्यापार का अर्थ है मन, वचन और कर्म की सुसंगतता अर्थात सत्यनिष्ठा ही व्यापार है। यदि इन गुणो को अपनाकर वैश्य वर्ण इन भावों से कर्म करता है तो निश्चित ही उसका कर्म संपोषणीय होगा और उसके कार्यों से समाज और राष्ट्र की उन्नति होगी।

इसी प्रकार प्रो बलराम सिंह और डॉ अपर्णा धीर के शोध पत्र में शूद्र वर्ण के कार्य सेवा करना को अन्य वर्णो से भी जोड़ने का प्रयास किया गया है। परिचर्यात्मकं कर्म शूद्रस्यापि स्वभावजम् में अपि शब्द यह परिभाषित करता है कि सेवा करना अन्य वर्णो के कर्तव्य के साथ साथ शूद्र वर्ण का भी कर्तव्य है। इसका आशय यह भी है कि चारों वर्णों के लोगों को अपना कार्य सेवा और कर्तव्य भाव से संपादित करना चाहिए। गीता के इस अध्याय में श्री कृष्ण यह स्पष्ट उद्घोष करते हैं कि ईश्वर सर्वत्र है।

ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशेऽर्जुन तिष्ठति।
भ्रामयन्सर्वभूतानि यन्त्रारूढानि मायया॥61॥
तमेव शरणं गच्छ सर्वभावेन भारत।
तत्प्रसादात्परां शान्तिं स्थान प्राप्स्यसि शाश्वतम् ॥62॥

परमात्मा सभी जीवों के हृदय में निवास करता है। उनके कर्मों के अनुसार वह भटकती आत्माओं को निर्देशित करता है जो भौतिक शक्ति से निर्मित यंत्र पर सवार होती है। हे अर्जुन ! अपने पूर्ण अस्तित्त्व के साथ पूर्ण रूप से केवल उसकी शरण ग्रहण करो। उसकी कृपा से तुम पूर्ण शांति और उसके नित्यधाम को प्राप्त करोगे। इसके पश्चात श्री कृष्ण अर्जुन को सबसे गूढ रहस्य बताते हुए कहते हैं –

सर्वगुह्यतमं भूयः शृणु मे परमं वचः ।
इष्टोऽसि मे दृढमिति ततो वक्ष्यामि ते हितम् ॥64॥
मन्मना भव मद्भक्तो मद्याजी मां नमस्कुरु।
मामेवैष्यसि सत्यं ते प्रतिजाने प्रियोऽसि मे ॥65।
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः ॥66॥

पुनः मेरा परम उपदेश सुनो – जो सबसे श्रेष्ठ गुह्य ज्ञान है। मैं इसे तुम्हारे लाभ के लिए प्रकट कर रहा हूँ क्योंकि तुम मेरे प्रिय मित्र हो। सदा मेरा चिंतन करो, मेरे भक्त बनो, मेरी अराधना करो, मुझे प्रणाम करो, ऐसा करके तुम निश्चित रूप से मेरे पास आओगे। मैं तुम्हें ऐसा वचन देता हूँ क्योंकि तुम मेरे अतिशय मित्र हो। सभी प्रकार के धर्मों का परित्याग करो और केवल मेरी शरण ग्रहण करो। मैं तुम्हें समस्त पाप कर्मों की प्रतिक्रियाओं से मुक्त कर दूंगा, डरो मत। इस भाव का प्रकटन ही भक्ति और अध्यात्म कि पराकाष्ठा है। रामचरितमानस में भी लक्ष्मण अपने समस्त सांसारिक और भौतिक सुखों को त्यागकर राम के साथ वन जाने को तैयार होते है और कहते हैं:

गुरु पितु मातु न जानहु काहू। कहहु सुभाऊ नाथ पतियाऊ।
मेरे सबहिं एक तुम स्वामी, दीनबन्धु उर अन्तरयामी॥

“हे भगवान! कृपया मुझ पर विश्वास करें। मैं अपने गुरु, पिता, माता आदि को नहीं जानता। जहाँ तक मैं जानता हूँ, तुम पतितों के रक्षक और सभी के हृदयों की बात जानने वाले अन्तर्यामी हो तथा मेरे स्वामी और सब कुछ हो”। प्रह्लाद ने भी इसी प्रकार से कहा: माता नास्ति पिता नऽस्ति नऽस्ति मे स्वजनो जनः।

“मैं किसी माता, पिता और कुटुम्ब को भी नहीं जानता, भगवान ही मेरे सब कुछ है।” इस प्रकार अर्जुन अपने कर्तव्यों को समझकर कर्म के लिए तैयार हो जाता है।”

(डा. आलोक कुमार द्विवेदी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दर्शनशास्ञ में पीएचडी हैं। वर्तमान में वह KSAS, लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। यह संस्थान अमेरिका स्थित INADS, USA का भारत स्थित शोध केंद्र है। डा. आलोक की रुचि दर्शन, संस्कृति, समाज और राजनीति के विषयों में हैं।)

स्रोत: Bhagwat Gita, भगवद्गीता, Gita, गीता, 18th Chapter, 18वाँ अध्याय, Last, अंतिम
Tags: Bhagwat GitaGitaShri Krishnaगीताभगवद्गीताश्रीकृष्ण
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

प्रियंका के नामांकन में खरगे ‘आउट’: रोते हुए बाथरूम में बंद किया, धोती खिंची… सीताराम केसरी की वो बेइज्जती

अगली पोस्ट

जो जीता कोल्हान, वो झारखंड की सत्ता में पहुँचा… समीकरण उस क्षेत्र का जहाँ BJP ने झोंकी पूरी ताक़त

संबंधित पोस्ट

ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)
इतिहास

इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

18 July 2025

इज़रायल ने हाल ही में सीरिया की राजधानी दमिश्क पर हवाई हमले किए और इनमें सीरियाई रक्षा मंत्रालय व राष्ट्रपति भवन के आसपास के क्षेत्र...

पिणी गांव की अद्भुत परंपरा: सावन में पांच दिन बिना कपड़ों के क्यों रहती हैं महिलाएं?
धार्मिक कथा

पिणी गांव की अद्भुत परंपरा: सावन में पांच दिन बिना कपड़ों के क्यों रहती हैं महिलाएं?

18 July 2025

हिमाचल प्रदेश की देवभूमि में स्थित मणिकर्ण घाटी का पिणी गांव एक ऐसी अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है, जो हर साल सावन के...

आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया
इतिहास

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

14 July 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो....

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

India’s ULRA Bomber: 12,000-km Beast That Can Strike Anywhere Without Refueling

India’s ULRA Bomber: 12,000-km Beast That Can Strike Anywhere Without Refueling

00:07:39

The Shocking Truth About Mass Conversions in Tamil Nadu

00:07:26

The Butcher of Pahalgam: Sulaiman — Trained by ISI, Pakistan’s Commando-Turned-Terrorist

00:04:13

Congress’s Rohith Vemula Bill: Caste Polarization Masquerading as Reform

00:07:33

Bhima Koregaon Won’t Be Repeated; Maharashtra’s Special Act to Wipe Out Urban Naxals.

00:06:06
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited