जेएनयू प्रकरण के बाद शुरू हुई देशद्रोह की गूंज अब बिहार में वाया पटना मुख्यमंत्री नितीश कुमार के गृह जिले में भी पहुंच गयी है। नालंदा के बिहारशरीफ में बुधवार शाम पाकिस्तान का झंडा लहराने से इलाके में तनाव फैल गया। इसके पहले हाल ही में पटना में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगे थे।
नालंदा, बिहार में देशद्रोहियों ने एक मकान की छत पर पाकिस्तान का झंडा फहरा दिया। इस घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और विरोध स्वरुप वाहन भारतीय तिरंगा फहरा दिया गया है। लोगों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन और राज्य सरकार इस पर कड़ी कार्यवाई नहीं करती है तो वे सड़कों पे उतर आएंगे।
पूरा मामला तब शुरू हुआ जब बिहारशरीफ शहर के वार्ड नंबर 36 के जमा मस्जिद के पास खरादी मोहल्ले में बुधवार को देर शाम समुदाय विशेष के लोगों ने पाकिस्तानी झंडा फहरा दिया। मामला प्रकाश में आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और कई आलाधिकारी मौके पे जाँच के लिए पहुँच गए। पुलिस ने स्व. अनवारुल हक के मकान से झंडा बरामद किया। डीआईजी नैयर हसनैन खान ने मीडिया को बतलाया कि बरामद झंडा पाकिस्तान का ही है, तीन नामजद आरोपियों में से दो शबाना अनवर व उसकी बहन के बेटे सकैत अनवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीसरे आरोपी नौशाद अनवर की पुलिस को तलाश है और सभी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाया जायेगा।
भारत के एक हिस्से में एक घर की छत पर पाकिस्तानी झंडा फहराया जाना न सिर्फ अपराध है बल्कि नैतिक आधार पे भी इसे देशद्रोह की श्रेणी में ही रखा जायेगा। पहले पटना और इसके तुरंत बाद नालंदा में पाकिस्तानी झंडा फहराए जाने की घटना से सुरक्षा एजेंसीयों के भी कान खड़े हो गए हैं। दोनों मामलों में आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है की यह घटनाएं अति-उत्साह में आकर हुई थीं या फिर इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है।
इसे तो दुर्भाग्य ही माना जाना चाहिए की जो समय बिहार को विकास के पथ पे बढ़ाने का है, उस समय ये असमाजिक तत्व ऐसी नीच हरकतें कर रहे हैं। इन घटनाओं से बिहार को बदनामी के अलावा और कुछ भी नहीं मिलने वाला इसलिए सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है की ऐसे लोगों का आचरण सुधारे और उनका मनोबल तोड़ने का काम करे। सामाजिक शांति और कानून व्यवस्था कायम रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है, जिसके हाथ में कानून का मजबूत हथियार है बशर्ते वह उसका भली-भांति इस्तेमाल करें। कोई भी आम आदमी अपने काम से काम रखता है परन्तु कुछ शातिर लोग उसके मन में असुरक्षा की भावना पैदा करने का काम करते हैं, मजहबी उन्माद फैला कर। सरकार को ऐसे लोगों को चिन्हित करके उनके खिलाफ सख्त करवाई से संकोच नहीं करना चाहिए। इस वक्त बिहार और बिहारियों का ध्यान केवल विकास पे होना चाहिए। हम पहले से ही पिछड़े हुए हैं और अगर आये दिन ऐसे घिनोने कृत्य होते रहेंगें तो विकास की निरंतरता समाप्त हो जायेगी।
भारत आने वाले समय में विकसित देशों के समूह में शामिल होने का प्रबल दावेदार है और ऐसे में बिहार पिछड़ नहीं सकता। अगर हम दुबारा से मुख्यधारा से कट गए तो राज्य को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। लेकिन मुझे लगता है कि हमारे नेतागण ऐसा नहीं सोचते हैं तभी तो उप मुख्यमंत्री ने बड़ी ही बेशर्मी के साथ यह बयान दिया की कश्मीर में तो आये दिन ऐसा होता रहता है, तेजस्वी बाबू इसका मतलब तो यही हुआ ना की आप बिहार को कश्मीर बना देने की इच्छा रखते हैं। तेजस्वी यादव का बेबाकी से ऐसे बेतुके बोल निकलना इस बात के तरफ भी स्पष्ट इशारा करता है कि बिहार में सत्ता के कई केंद्र हैं।
नितीश कुमार जी आप प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब देखते हैं ना, खूब देखिये, आप स्वतंत्र हैं इच्छाएं पालने के लिए परन्तु ये भी बता दीजिये कि आपमें एक कुशल शासक के क्या गुण हैं ? आप अपने राज्य, अपने जिले में हो रही देशविरोधी गतिविधियों को नहीं रोक पाते हैं और बात देश की करते हैं। आपके नाक के नीचे से ही दरभंगा जिले में एनआईए ने एक बड़े आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था उसके बाद भी आपका शासन-तंत्र राज्य में देशद्रोही गतिविधियों को रोकने में पूरी तरह से नाकामयाब रहा है।
मैंने पहले भी कहा है की वोट बैंक की राजनीति के चक्कर में राज्य का माहौल मत बिगाड़िये, समय रहते हुए जाग जाइये नहीं तो राज्य के साथ-साथ आपका भी नुकसान होगा। आपसे विनती रहेगी की बिहार का भविष्य चौपट मत कीजिये।