मनोज तिवारी बने बीजेपी दिल्ली के मुखिया: तुरुप का इक्का?

मनोज तिवारी

वैसे तो लोकतन्त्र में पार्टी नियुक्तियाँ कोई नई बात नहीं है, पर नोटबंदी के पश्चात भारतीय जनता पार्टी के अंदर कोई भी फेरबदल अब गिद्ध की तरह दृष्टि लगाए मीडिया और विपक्ष की आँखों में आना तो लाज़मी है। इसी के अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी के अंदर दो प्रान्तों के मुखियों की नियुक्ति नोटबंदी जैसे गरम माहौल में भी चर्चा का विषय बनी हुयी है। एक तरफ जहां दिल्ली के बीजेपी मुखिया सतीश उपाध्याय की जगह अब प्रसिद्ध भोजपुरी अभिनेता और अब सांसद मनोज तिवारी लेंगे, तो दूसरी तरफ बिहार राज्य के बीजेपी मुखिया मंगल पांडे की कुर्सी अब दबंग नेता नित्यानन्द राय संभालेंगे!

सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी की आम बैठकों में से एक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने यह घोषणा की थी। मनोज तिवारी की नियुक्ति हालांकि सर्वविदित थी, फिर भी कुछ लोगों को इस निर्णय से आश्चर्य हुआ, क्यूंकी मनोज तिवारी को कई मंझे हुये नेताओं के ऊपर चुना गया है। इसी तरह नित्यानन्द राय, जो बिहार के भूमिहार वर्ग से संबंध रखते है और काफी दबंग व्यक्तित्व के नेता भी है, अपने नियुक्ति से सभी को हैरान करने में सफल रहे हैं!

दिलचस्प बात तो यह है की बिहार  और दिल्ली वही दो राज्य है, जहां पर बीजेपी को बहकावे में आई जनता ने धूल चटाई थी। आज दोनों राज्यों की हालत बद से बदतर हो चुकी है, पर वहाँ के दोनों मुख्यमंत्री तो मानो कानों में तेल डालके बैठे हुये हैं। ऐसे स्थिति में पार्टी हाइकमान में बदलाव इस बात का सूचक होने के लिए काफी है की अब कुछ अलग होगा।

बिहार पर जाने से पहले बात हो दिल्ली के नए बीजेपी मुखिया, श्री मनोज तिवारी की। कहने को यह किसी परिचय के मोहताज नहीं, पर नौसिखियों के लिए ये भोजपुरी फिल्म उद्योग के सर्वप्रथम सुपरस्टार्स में एक है। गैंग्स ऑफ वास्सेपुर के बेहतरीन गीत ‘जिया हो बिहार के लाला’ पर अगर आप कभी नाचे हैं, तो यह उसी गीत के गायक भी हैं! बिहार में इनकी धमक वैसे ही है, जैसे लालू प्रसाद यादव या नितीश कुमार की है।

इनकी दिल्ली में बीजेपी मुखिया की नियुक्ति से भारतीय राजनीति को क्या मतलब? मतलब है, अवश्य है। अभी  फिलहाल के लिए दिल्ली में सिर्फ एक ही विदूषक है, जो अपने राजधर्म को ताक पर रख कर अपनी नौटंकियों से सम्पूर्ण भारत का मनोरंजन कर रहा है, और वो विदूषक हैं भारत के अघोषित मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल। ऊपरी तौर पर किसी को शायद यह लगे की मनोज तिवारी की नियुक्ति ‘लोहा को लोहा ही काट सकता है वाली कहावत को चरितार्थ करने के लिए है, पर सच इससे काफी भिन्न है।

अगर कुछ पाठक अपने दिमाग की बत्ती ढंग से जलाएँ, तो उन्हे याद होगा की 2015 के विश्व प्रसिद्ध दिल्ली विधानसभा चुनाव में विजयी आम आदमी पार्टी ने काफी लंबे चौड़े वादे हाँके थे, जिनमें से पिछड़े वर्गों को मुफ्त बिजली और पानी की सुविधा की घोषणा भी हुयी थी। पर केजरीवाल के नियत अनुसार, इनमे से एक भी योजना ने सफलता का मूंह तक नहीं देखा। पीड़ित वर्गों में से दो वर्ग है पुरवाचल और बिहार से आए प्रवासी, जिनहे ध्यान में रखते हुये मनोज तिवारी की नियुक्ति हुयी है।

हालांकि कथा यहाँ पर खत्म बिलकुल नहीं होती। मनोज तिवारी के अपने कौशल और प्रतिभा के बल पर एक अमिट धमक है, जिसका गवाह नयी दिल्ली भी रह चुका है।

2014 में सबसे आगे बढ़कर बीजेपी को दिल्ली की 7 सातों सीटें जिताने में इनकी और डॉ॰ हर्ष वर्धन की प्रमुख भूमिका रही है। इतना ही नहीं, इनकी छवि भी एक प्रसिद्ध सितारे की है, जिनकी धमक सिर्फ सिनेमा में ही नहीं, बल्कि खेल और टेलिविजन तक भी प्रचलित है। जिस छवि के बल पर अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली की सत्ता पर काबिल किया थी, उसी छवि के दम पर अब बीजेपी आम आदमी पार्टी से मुकाबला रखने का माद्दा रख सकती है : एक मनोरंजक की छवि पर।

क्या मनोज तिवारी तुरुप का इक्का साबित हो सकते है? बेशक, यदि वो दो चीजों का ध्यान रखे : आडंबर युक्त प्रचार का मूंह तोड़ जवाब दे, और कुटिल विपक्ष (यानि विरोधी पार्टी) के हर छल और कपट का नीति कुशलता से सामना करे। इनही दो अस्त्रों ने दिल्ली और बिहार की जनता को बेशर्मी से मूर्ख बनाया, और इन्ही दो अस्त्रों की अपेक्षित काट मनोज तिवारी के पास है, यदि वो इसका उचित इस्तेमाल करे तो!

स्त्रोत [Source:-]

http://www.ndtv.com/delhi-news/manoj-tiwari-appointed-delhi-bjp-chief-1632029

http://www.thehindu.com/news/cities/Delhi/Manoj-Tiwari-is-new-Delhi-BJP-chief/article16732719.ece

http://www.thehindu.com/news/cities/Delhi/Manoj-Tiwari-is-new-Delhi-BJP-chief/article16732719.ece

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