कौन बनेंगे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री? मोदी-शाह के पास हैं ये आठ विकल्प

उत्तर प्रदेश उत्तराखंड मुख्यमंत्री

AFP PHOTO/RAVEENDRAN (Photo credit should read RAVEENDRAN/AFP/Getty Images)

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत पाने के बाद भाजपा गदगद हो गयी है पर भाजपा की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई है। भाजपा को अब अपना मुख्यमंत्री का चेहरा सबके सामने लाना है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के दौड़ में भाजपा(उत्तर प्रदेश) के मुखिया केशव प्रसाद मौर्य, गोरखपुर के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ, दूरसंचार नेता मनोज सिन्हा, इलाहाबाद के भाजपा विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह और नोएडा के विधायक महेश शर्मा दावेदार हैं। इस दौड़ में गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अमित शाह इन चेहरों में से किसी एक चेहरे पर मोहर लगाएंगे। सुनने में आ रहा है की अमित शाह के दिमाग में यह बात स्पष्ट है की प्रदेश का मुख्यमंत्री कोई ऐसा व्यक्ति हो जो प्रदेश की ज़मीन का हो जिसे लोग ज्यादा पसंद करेंगे।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत ने मोदी और शाह के लिए 2019 में होने वाले लोक सभा चुनाव के दरवाज़े खोल दिए हैं। कहा जा रहा है की अगर 2019 तक भाजपा ने प्रदेश का विकास नहीं किया तो 2019 में उनकी अड़चनें बढ़ सकती हैं।

मैं आपको बता दूँ कि अगर उत्तर प्रदेश एक अलग देश होता तो इसकी आबादी इतनी है की ये दुनिया का 5वां सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होता। तो इसका मतलब है उत्तर प्रदेश को जीतना भाजपा के लिए लाभदायक हो सकता है।

अब बात उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के दावेदारों की तो यहां सतपाल महाराज, देवेन्द्र रावत, प्रकाश पंत इस सियासी दौड़ में शामिल हैं।

गोवा और मणिपुर में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिली है। तो खबर है की भाजपा वहां के क्षेत्रीय पार्टी से गठबंधन कर सकती है।

महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी से भाजपा बात कर रही है।

केशव प्रसाद मौर्या विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता रह चुके है और अयोध्या आंदोलन के प्रसिद्ध नेता अशोक सिंघल के अंदर भी काम कर चुके हैं।

मनोज सिन्हा एक इंजीनियर है और वो मोदी और शाह दोनों को पसंद हैं। इस समय सिन्हा दूरसंचार मंत्री हैं और खबर है की मोदी उनके काम काज से बहुत प्रसन्न हैं।

सिद्धार्थ नाथ सिंह भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के पोते हैं। सिद्धार्थ नाथ सिंह बसपा की पूजा पाल को दो बार हरा कर पश्चिमी इलाहाबाद से विधायक बने हैं।

महेश शर्मा नॉएडा से विधायक है। उन्हें 2014 के लोक सभा चुनाव के बाद राज्यमंत्री का कमान सँभालने को दिया गया है। शर्मा बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं।

योगी अदित्यनाथ गोरखपुर के गो-रक्ष पीठ के मुखिया हैं। उन्हें भाजपा का फायरब्रांड नेता कहा जाता है। वह एक हिंदूवादी नेता हैं। पूछे जाने पर की क्या वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे वो कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। बस इतना कह रहे है की संसदीय बोर्ड अपना मुख्यमंत्री जिसे चुनेगी हम उसके साथ हैं.

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