सर्वोच्च न्यायालय के प्रतिष्ठित अधिवक्ता एवम् आम आदमी पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता तथा स्वराज इंडिया के सह-संस्थापक श्रीमान प्रशांत भूषण जी का विवादों से गहरा रिश्ता रहा है। एक बार फिर से उन्होंने एक विवादित ट्वीट करके राजनीतिक गलियारों में सुर्खियां बटोर ली हैं।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में नव-निर्मित भाजपा सरकार के द्वारा प्रदेश में मनचलों तथा असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से एंटी-रोमियो स्क्वाड का गठन किए जाने और उसके नाम-करण पर सवाल उठाते हुए प्रशांत भूषण ने भाषा की सारी सीमाएं लांघते हुए हिन्दू धर्म के आराध्य भगवान श्रीकृष्ण पर आपत्तिजनक टिपण्णी की।
इस प्रशांत भूषण नामक प्राणी ने भगवान् श्री कृष्ण को eve-teaser की संज्ञा दी।
प्रशांत भूषण एंटी रोमियो स्क्वाड के नाम पर सवाल उठाते हुए अनुपम नामक एक व्यक्ति के ट्वीट को उध्दृत करते हुए सन्देश देने की कोशिश की कि रोमियो नाम का प्रयोग करना अनुचित है तथा इसके बाद उन्होंने भगवान् श्रीकृष्ण की मनचलों से तुलना करते हुए गोपियों संग उनके बाल-लीलाओं को छेड़खानी की उपमा दे डाली। उनके इस अभद्र वक्तव्य के पश्चात ट्विटर तथा अन्य सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो चुका है।
श्रीमान प्रशांत भूषण जी, जिस रोमियो की बात आप कर रहे हो न, उसे शेक्सपियर ने बनाया था और भगवान् श्रीकृष्ण ने संपूर्ण जगत की रचना की है। और इस तरह की आपत्तिजनक बयानों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गौरतलब हो, प्रशांत भूषण पूर्व में भी इस तरह के विवादित प्रकरणों में संलिप्त रह चुके हैं। भूषण जी वह शख्स थे जिन्होंने कश्मीर में मानवाधिकार का हवाला देते हुए जनमत संग्रह कराने की मांग करके बवाल खड़ा किया था। इन्हीं प्रशांत भूषण जी ने सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा घोषित किये जाने वाले खूंखार आतंकवादी याकूब मेनन को निर्दोष बता कर उसका बचाव किया था। इस तरह की विकृत मानसिकता वाले व्यक्ति से विवेकपूर्ण बयानों की अपेक्षा करना भी बेमानी ही है परंतु बात अब ईश-निंदा की आ चुकी है, और हिन्दू धर्म पर हो रहे प्रहारों की आवृत्ति अपनी सारी सीमाएं लांघ चुकी है।
आज़ादी गैंग की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का परिणाम यह है कि हिन्दू धर्म की आस्था के प्रतीकों पर निर्वरत प्रहार किए जा रहे हैं।
भगवान् श्री कृष्ण की बाल-लीलाओं को छेड़खानी की संज्ञा देने वाला ये प्रशांत भूषण जैसे दो टके का वकील कभी किसी दुसरे धर्म पर टिप्पणियाँ कर सकता है क्या? सारी शक्ति सिर्फ हिन्दू धर्म को कलंकित करने और अपमानित करने में क्षीण हो जाती है।
मित्रों, बहुत ही गंभीर विषय है ये क्योंकि इस देश में हिन्दू धर्म के विरुद्ध बहुत ही खतरनाक षड्यंत्र रचा जा रहा है, जिसमें कुछ मीडिया के दलालों के अलावा ये सारे उदारवादी, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ध्वजवाहक शामिल है ।
सपा सरकार ने पैगंबर के विरूद्ध विवादित टिपण्णी के मामले में कमलेश तिवारी को जेल भेज दिया था, योगी जी अब आपकी बारी है।
आइये हम सब लोग मिलकर सनातन धर्म के विरुद्ध हो रहे इन सभी दुष्प्रचारों का मिलकर सामना करें और अपने धर्म की रक्षा करें।