हजारों सालों से भारतवर्ष में जब जब राज्य की जनता पर आंच आई है इस देश के ऋषि, मुनि, साधू, योगी, गुरु और सन्यासियों ने राज्य का, राजाओं का, जनता का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मार्गदर्शन किया है और जरुरत पड़ने पर शासन भी चलाया है। आज कलयुग में फिर उत्तरप्रदेश जैसे राज्य की जनता पर भ्रष्ट्राचार, बेरोजगारी, गरीबी, शिक्षा, कुव्यवस्था, कानून-व्यवस्था की तलवारें लटक रही है तो फिर एक योगी ने इस प्रदेश की बागडोर अपने हाथ में लेकर सुदृढ़ तरीके से चलाते हुए एक महीने की भीतर वो सब कर दिखाया जो फैसले करने में सरकारों के पसीने छूटने लगते हैं और पिछली समाजवादी सरकार तो पांच साल में न सोच पाई न कर पायीं। वैसे भी एक धर्मविशेष के रहमोकरम पर बनी हुई सरकार एक धर्म विशेष के तृष्टिकरण से बढ़कर कभी सोच भी नहीं पाई। जिनकी सोच ही कभी मुस्लिम तृष्टिकरण के आगे नही बढ़ी उन्हें योगी आदित्यनाथ ने दिखा दिया की सबको बराबर का हक़ देकर भी बड़े फैसले लिए जा सकते है।
योगी आदित्यनाथ वही है जिन्हें 19 मार्च के पहले तक मीडिया कट्टर हिन्दू, हिन्दू फायरब्रांड, विवादित योगी, योगी के तीखे बोल, भड़काऊ भाषण देनेवाला और न जाने किन किन उपाधियों से नवाजा करती थी। उनके हर एक बयान को पलक झपकते विवादित घोषित कर उनके भाषणों को भड़काऊ बता देती थी और उनकी कट्टर हिन्दू और मुस्लिम विरोधी छवि को बरक़रार करने के लिए मुस्लिमो को सिर्फ भड़काने का कार्य करती थी। लेकिन जबसे योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश की बागडोर अपने हाथो में में ली है तबसे केवल ताबड़तोड़ फैसले ही नही लिए बल्कि उनको अमली जामा भी पहनाया और जनता के चहिते बन गए।
उत्तरप्रदेश में लगभग एक माह के कार्यकाल के दौरान अपनी निर्णय क्षमता से योगी आदित्यनाथ ने सबको अचंभित कर दिया है। मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण के बाद से ही योगी आदित्यनाथ ‘मैन इन एक्शन’ की भूमिका में नज़र आ रहे हैं तथा दिन प्रतिदिन अपने साहसिक निर्णयों से जनता के मन में अपनी लोकप्रियता प्रतिस्थापित करते जा रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने मीडिया द्वारा दर्शायें गए विवादित मसलों पर भी अपने स्टाइल से क्लियर स्टैंड ले कर अपने आलोचकों तथा विरोधियों का भी मुंह बंद करवा दिया है। जनता में योगी के फैसले से उत्साह देखकर मजबूरन ही सही लेकिन पानी पी-पीकर कोसने वाली मीडिया भी योगी के गुण गा रही है और उनके इस फैसलों को मुस्लिम साथियों का भी समर्थन प्राप्त हो रहा है चाहे वह अवैध बूचड़खानों पर प्रतिबंध का विषय हो या फिर एंटी रोमियो दस्ते के गठन का।
आज कालिदास मार्ग का नज़ारा अलग है, अब यहां साधु संतों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ अच्छी-खासी तादाद में बुर्कानशीं मुस्लिम महिलाएं नज़र आती हैं। जो अपनी-अपनी फरियाद लेकर सीएम योगी के जनता दरबार में पहुंचती हैं। योगी राज में बदलाव की बयार हर ओर महसूस की जा रही है। मंत्री संत्री से लेकर आम सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर भी सकारात्मक बदलाव हावी दिख रहा है, चाहे वो प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर लगाम की हो या फिर, अपनी लेट लतीफी के लिए कुख्यात सरकारी कर्मचारियों को समय पाबंद बनाने की शुरु हुई कवायद. चलिए एक नजर उनके बड़े फैसलों पर :
● अवैध बूचड़खानों पर प्रतिबंध : सरकार बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने वादे के अनुसार 24 घंटो के भीतर अवैध बूचड़खानों पर बैन लगाए का आदेश दे दिया था। कई अवैध बूचड़खानों को सील कर दिए गए, जो समाजवादी सरकार कभी नही कर पाई।
● सरकारी दफ्तरों में पान मसाला खाने पर बैन: योगी सरकार ने उत्तरप्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में पान-गुटका खाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया।
● एंटी रोमियो स्क्वाड: महिलाओं की सुरक्षा के उद्देश्य से योगी सरकार आने के बाद एंटी रोमियो स्क्वाड बनाया गया।
● किसानों की कर्ज माफी : योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में अहम फैसला लेते हुए किसानों की कर्ज माफी की इसके लिए योगी आदित्यनाथ सरकार बैंक को 36,359 करोड़ रुपये देगी।
● गांवों को 18, तहसीलों को 20 तथा शहरों को 24 घंटे बिजली की व्यवस्था की गयी।
● कानून व्यवस्था : योगी सरकार ने सत्ता में आते ही उत्तरप्रदेश की कानून व्यवस्था पर नकेल कसी। पुलिसवालों को FIR करने में ढिलाई नहीं करने के निर्देश दिए गए। साथ ही पुलिस को जनता के साथ अच्छे व्यवहार की नसीहत भी दी गई।
● बायोमैट्रिक अटैंडेंस व्यवस्था होगी लागू : कर्मचारियों की लेटलतीफी को देखते हुए यह फैसला किया गया।
● गड्ढा मुक्त प्रदेश बनाने का आदेश : योगी आदित्यनाथ की उत्तरप्रदेश सरकार ने यूपी की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का आदेश दिया। इसके लिए 15 जून तक का समय दिया गया है।
● कार्यालयों में CCTV कैमरे लगाने का आदेश के साथ साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए एक लाख रुपये का अनुदान।
● स्वच्छ भारत अभियान : योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को बल देने का काम किया। इसके लिए 31 दिसंबर तक तीस जिले खुले में शौच से मुक्त का आदेश दिया गया है।
● एडवांस लाइफ सपोर्ट वाली एंबुलेंस सेवा सरकार ने एडवांस लाइफ सपोर्ट वाली एंबुलेंस सेवा 75 जिलों के लिए 150 हाइटेक एंबुलेंस देने काएलान किया गया है।
● अल्पसंख्यकों के लिए सद्भावना मंडप योजना : योगी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए सद्भावना मंडप योजना और गरीब मुस्लिम लड़कियों की शादी में मदद का ऐलान किया है।
● महापुरुषों के जन्मदिन पर समारोह आयोजन, महापुरुषों के नाम पर छुट्टियों की छुट्टी को रद्द कर महापुरुषों के जन्मदिन पर समारोह आयोजन का एलान किया है.
● फर्जी कार्ड धारकों पर सख्त कार्रवाई
● भू-माफियाओं/बिल्डरों पर नकेल।
● राज्य की योजनाओं से हटेगा ‘समाजवादी’ शब्द
● प्राइवेट स्कूलों में बढ़ती फीस पर लगाम
● नर्सरी से ही अंग्रेजी शिक्षा पर जोर
● 5 सालों में 25 नए मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव
● 5 हजार गेहूं खरीद केंद्र खोले जाएगे
● रोजगार बढ़ाने के लिए उद्योग धंधों में निवेश
● स्मार्ट राशन कार्ड देने का फैसला
● गोमती रिवर फ्रंट योजना को नमामि गंगे योजना से जोड़ना
● मंत्री किसी भी योजना से जुड़ी फाइल घर नहीं ले जा सकेंगे
● 3000 नई सरकारी दवा दुकानें खोलने का भी फैसला
● 5 जिलों में मेट्रो रेल चलाने का खाका तैयार
परीक्षा में नक़ल पर नकेल
योगी आदित्यनाथ सरकार जिस तेजी से फैसले ले रही और उन्हें अमली जामा पहना रही है लगता है आने वाले दिनों में सरकार दो वर्ष में ही 2019 के आम चुनाव के पहले ही उत्तरप्रदेश के घोषणापत्र में किये गए वादें पुरे कर देगी। अगर इस तरीके से फैसले लेते रहे और जमीनी तौर पर काम दिखाई देता रहे, तो उत्तरप्रदेश की जनता को किसी और साथ की क्या जरुरत ? अब तक के कामों से तो लगने लगा ये योगी अब नहीं रुकनेवाला है | 2019 के चुनाव में योगी साबित कर देगे की उन्हें शाह-मोदी जोड़ी द्वारा मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कितना सही था।