मीडिया आपको GST के बारे में क्या नहीं बता रहा है? चलिए हम बताते हैं

GST

GST (Goods & Service Tax) माने “वस्तु और सेवा कर” जिसे भारत में लागु करवाना मोदी सरकार की एक बहुत  बड़ी और काफी कठिन उपलब्धि है, बड़ी इसलिए क्योंके भारतीय अर्थव्यवस्था और करप्रणाली में GST एक मील का पत्थर साबित होने वाला है, इसमें कोई शक नही है। और कठिन इसलिए, क्योंके GST बिल को पारित कराने के लिए मोदी कैबिनेट को लोहे के चने चबाने पड़े।

मीडिया में GST को लेकर घमासान मचा है, कुछ चैनल वालो ने तो आर्थिक युद्ध तक की घोषणा कर दी है परन्तु ऐसा नहीं है, आईये थोडा GST के बारे में संक्षिप्त में जानते और समझते है।

1. GST एक ऐसा कर है जिसमे लगभग सब तरह के अप्रत्यक्ष कर एक ही दायरे में आ जायेंगे।

2. GST को तीन परवर्गो में विभाजित किया गया है CGST, SGST और IGST

a. CGST: आंतर्राज्यीय व्यवहारो पर CGST लागु होगा जिसे केंद्र सरकार वसूल करेगी।
b. SGST: एक ही राज्य के अंतर्गत होने वाले व्यवहारो पर SGST लागु होगा जिसे राज्य सरकार वसूल करेगी।
c. IGST: आयात पर IGST लागु होगा जिसे केंद्र एवम् राज्य सरकारे वसूलेंगी।

3. निर्यात पे GST नही है। अगर निर्यात से जुड़े किसी व्यवहार पे आपने GST भरा हो तो उसे वापस मिलने का प्रावधान भी मौजूद है।

4. Composition Levy Scheme: इस स्कीम का फायदा वो लोग ले सकते है जिनका कारोबार 20 लाख रूपये से कम है (उत्तरपूर्वी राज्य और जम्मू और कश्मीर के लिए 10 लाख से कम)। इस स्कीम के अंतर्गत आपको रेकॉर्ड मेंटेन करने की जरूरत नही है आप इकट्ठा कारोबार दिखा के उसपे दो प्रतिशत कर भरके निश्चिन्त हो सकते है।

5. महीने में 3 बार रिटर्न: G.S.T. में आपको महीने में 3 बार रिटर्न भरना होगा। 10 तारीख तक पिछले महीने की खरीदारी का हिसाब, 15 तारीख तक पिछले महीने की बिक्री का हिसाब और 20 तारीख तक कर भरना।

6. वार्षिक रिटर्न: GST करदाता को सालाना रिटर्न भी भरना होगा।

7. GST Council: GST से जुड़े सारे फैसले लेने का अधिकार GST Council के पास होगा जिसके अध्यक्ष होंगे अर्थ मंत्री।

GST के फायदे

1. एकरूपता: क्योंके जीएसटी एक भारतव्यापी कर प्रणाली है और इसके निर्धारित प्रतिशत पुरे भारत में एक समान है इसके वजह से भारतभर में मिलने वाली वस्तुओ में एकरूपता आएगी, जो वस्तु या सेवा दिल्ली में 100 रु. मिल रही है वही वस्तु या सेवा मुंबई में भी 100 रु. में ही मिलगी वरना अभी तक राज्यो में कर प्रतिशत भिन्नता की वजह से चीजे जगह जगह भिन्न मूल्यों में मिला करती थी।

2. भ्रष्टाचार निर्मूलन: क्योंके GST जहां से वस्तु बनती है वही से लगना शुरू हो जाता है इसकी वजह से करदाता को GST भरना अनिवार्य हो जाता है जो कर चोरी जैसे प्रकारो पे लगाम लगाने में कारगर होगा।

3. Cashlesh भुगतान: वस्तु और सेवा कर में करदाता को कर भुगतान में कहीं भी नकद की सुविधा नही दी है, इसलिए करदाता को बैंकिंग सिस्टीम के द्वारा या अपने क्रेडिट कार्ड के द्वारा ही अपना कर भरना है।

4.राजस्व बढ़ेगा: Input tax credit जैसी सुविधा प्रदान करने की वजह से करदाताओ को कर भरने के लिए प्रोत्साहन मिलगा जो राजस्व बढाने में कारगर होगा।

5. निवेश को बढ़ावा: अभी की कर प्रणाली में काफी पूंजीगत वस्तुए (Capital Goods) ऐसी है जिनपे Input Tax Credit लागु नही होता, पर वस्तु और सेवा कर के अंतर्गत Input Tax Credit पूरी तरह लागु हो जाने पर ऐसी पूंजीगत वस्तुओ के दाम 10 से 14 प्रतिशत तक घट जायेंगे जो निवेश के नये रास्ते खोल देगी।

6. कम प्रगतिशील राज्यो की प्रगति: कर अनियमितता की वजह से आज भी काफी राज्य है जो अपना उत्पादित माल बाहार के राज्यो में नही भेजते वस्तु और सेवा कर के आने से ऐसे राज्यो को मुख्य धारा में आने का मौका मिलेगा।

7. GDP व्रुद्धि: HSBC के अनुसार GDP लागु होने के 2 से 3 साल के भीतर भारत को 60 बेसिस पॉइंट मिल जायेंगे।

8. Digital Economy: ये एक सपना है जो मोदीजी ने भारत के लिये देखा है, भारत को हर क्षेत्र में डिजिटल बनाने का, भारत की अर्थव्यवस्था भी इससे अलिप्त नही है। जैसे की हम वस्तु और सेवा कर के बारे में बात कर रहे है भारतीय अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में इसका प्रमुख योगदान होगा। आईये वस्तु और सेवा कर करप्रणाली भारतीय अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में कैसे कारगर होगी देखते है।

a. कागजरहित: क्योंके वस्तु और सेवा कर में करदाता को ज्यादातर व्यवहार ऑनलाइन करने है ऊसके वजह से करदाता कागजी कार्यवाही से बचेंगे।

b. Cashless Payment: कर भुगतान RTGS, NEFT, Credit Card जैसे माध्यमो से करना है, जो की नकदरहित उपायो में आते है जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भुगतान में भी आसानी होगी।

c. वस्तु और सेवा कर पोर्टल: वस्तु और सेवा कर से जुडी सारी जानकारी करदाता को वस्तु और सेवा कर पोर्टल पे उपलब्ध होगी, और वस्तु और सेवा कर में आने वाले नए नियम भी।

d. GST Aap: अब तो सरकार वस्तु और सेवा कर App लाने की भी कोशिश में है जो के चीजो को और आसान बना देगा।

e. Inclusive Taxation: डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए सबसे जरूरी ये है के अर्थ प्रणाली सरल हो और क्योंके GST में सारे अप्रत्यक्ष करों को सम्मलित किया गया है इस लिए करदाता को अलग अलग प्रकार के कर का अलग अलग हिसाब रखने की जरूरत नही है वो अब एकसाथ सारा हिसाब रख सकता है। इससे आसान क्या होगा।

अभी बहुत से व्यवहार ऐसे है जो बिना बिल के होते है जिनका कोई रिकॉर्ड नही होता और वो बन जाता है काला धन पर GST लागु होने के बाद कोई भी व्यवहार बिना रिकॉर्ड दिखाए करना मुश्किल हो जायेगा जिससे कर चोरी जैसी समस्याएं कम हो जायेगी।

तो पाठकों GST से जुडी ये कुछ सतही स्तर की जानकारी थी, कोई भी खबर जब नयी होती है उसपे कौतूहल तो होता ही है पर विश्वास रखिये GST एक बेहद ही आसान और देश को सक्षम बनाने वाली प्रणाली है, आईये साथ मिलकर हम सब इसका हिस्सा बनते है।

Exit mobile version