TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मध्य प्रदेश BJP अध्यक्ष पद के लिए कल से शुरू होंगे नामांकन, चुनाव की अधिसूचना जारी

    मध्य प्रदेश BJP अध्यक्ष पद के लिए कल से शुरू होंगे नामांकन, चुनाव की अधिसूचना जारी

    टी राजा सिंह (FILE PHOTO)

    BJP के फायरब्रैंड नेता टी राजा सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफा, जानें क्या है वजह?

    कर्नाटक में सिद्धारमैया की जगह डीके शिवकुमार बनेंगे CM?

    कर्नाटक में सिद्धारमैया से छिनेगा CM पद!; खरगे के बयान के बाद क्या हैं अटकलें?

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    स्विमिंग पूल में 2019 के पुलवामा हमले में शामिल चार आतंकियों मोहम्मद उमर फारूक, तल्हा राशिद अल्वी, मोहम्मद इस्माइल अल्वी और राशिद बिल्ला ने इसी स्विमिंग पूल में तस्वीरें खिंचवाई थीं (चित्र: द प्रिंट)

    ऑपरेशन सिंदूर के कुछ हफ्तों बाद जैश-ए-मोहम्मद ने फिर खोला बहावलपुर आतंकी केंद्र

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    कैथरीन पेरेज़-शकदम (Photo - IBT)

    कैसे मोसाद की ‘ब्लैक लेडी’ ने खामेनेई तक बनाई पहुंच, इज़रायल को दिए न्यूक्लियर ठिकानों के पते

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मध्य प्रदेश BJP अध्यक्ष पद के लिए कल से शुरू होंगे नामांकन, चुनाव की अधिसूचना जारी

    मध्य प्रदेश BJP अध्यक्ष पद के लिए कल से शुरू होंगे नामांकन, चुनाव की अधिसूचना जारी

    टी राजा सिंह (FILE PHOTO)

    BJP के फायरब्रैंड नेता टी राजा सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफा, जानें क्या है वजह?

    कर्नाटक में सिद्धारमैया की जगह डीके शिवकुमार बनेंगे CM?

    कर्नाटक में सिद्धारमैया से छिनेगा CM पद!; खरगे के बयान के बाद क्या हैं अटकलें?

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    स्विमिंग पूल में 2019 के पुलवामा हमले में शामिल चार आतंकियों मोहम्मद उमर फारूक, तल्हा राशिद अल्वी, मोहम्मद इस्माइल अल्वी और राशिद बिल्ला ने इसी स्विमिंग पूल में तस्वीरें खिंचवाई थीं (चित्र: द प्रिंट)

    ऑपरेशन सिंदूर के कुछ हफ्तों बाद जैश-ए-मोहम्मद ने फिर खोला बहावलपुर आतंकी केंद्र

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    कैथरीन पेरेज़-शकदम (Photo - IBT)

    कैसे मोसाद की ‘ब्लैक लेडी’ ने खामेनेई तक बनाई पहुंच, इज़रायल को दिए न्यूक्लियर ठिकानों के पते

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

‘कुछ लोगों ने भारत के मंदिरों को दुधारू गाय मान लिया है’

कर्नाटक विधानसभा में कुछ दिन पहले ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ पास किया गया था, इसमें हिंदू मंदिरों के राजस्व पर 10 फीसदी टैक्स लगाए जाने का प्रावधान किया गया था।

Akash Gaur द्वारा Akash Gaur
5 March 2024
in इतिहास, चर्चित, संस्कृति
मंदिरों पर टैक्स, मंदिर, कर्नाटक सरकार
Share on FacebookShare on X

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा से उस विधेयक को पारित करा लिया, जिसमें मंदिरों से ‘कर’ वसूलने का प्रावधान है। हालांकि विधान परिषद् में वह विधेयक लटक गया। यानी फिलहाल कर्नाटक सरकार मंदिरों से ‘कर’ वसूलसू नहीं पाएगी, लेकिन सरकार की मंशा पर तो सवाल उठता ही है। 

कर्नाटक विधानसभा में कुछ दिन पहले ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ पास किया गया था, इसमें हिंदू मंदिरों के राजस्व पर 10 फीसदी टैक्स लगाए जाने का प्रावधान किया गया था। कर्नाटक सरकार की ओर से पास किए गए विधेयक के मुताबिक प्रदेश में जिन मंदिरों का राजस्व एक करोड़ रुपये से ज्यादा है उन पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा। वहीं जिन मंदिरों का राजस्व 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक है, उन पर पांच प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया गया था। 

संबंधितपोस्ट

कर्नाटक में सिद्धारमैया से छिनेगा CM पद!; खरगे के बयान के बाद क्या हैं अटकलें?

‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

कांग्रेस ने फिर दिखाया भारत का गलत नक्शा, भाजपा ने बताया राष्ट्रविरोधी कदम

और लोड करें

इस फैसले से ऐसा लगता है कि कुछ लोगों ने भारत के मंदिरों को दुधारू गाय मान लिया है। शायद ऐसे लोगों ने ही ‘टेंपल इकोनॉमी’ शब्द को गढ़ा है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ‘अलजजीरा’ से लेकर ‘द गार्जियन’ तक में ‘टेंपल इकोनॉमी’ को लेकर लिखा जा रहा है।

दरअसल, ‘टेंपल इकोनॉमी’ हमारा चिंतन नहीं है। यह उससे कहीं गहरी बात है। मंदिर मन की शांति के लिए होते हैं, और धन की शांति (अर्थात प्रबंधन) के लिए भी। क्योंकि हमारी संस्कृति में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है।

और पढ़ें:- साक्ष्य जो बताते हैं कि मिथक नहीं इतिहास है रामायण

मंदिर हमारे लिए आस्था का केंद्र

निश्चित ही मंदिर हमारे लिए आस्था का केंद्र हैं और रहेंगे। मंदिरों के कारण ही लोग तीर्थ जाते हैं, भ्रमण करते हैं। मत भूलिए इससे समाज के बीच धन का सतत प्रवाह होता है। समृद्धि आती है। यह हमारे बुजुर्गों और पुरपुखों के अनुभवजन्य शोध से उपजा गहन विचार है। चोल राजवंश की समृद्धि का केंद्र क्या थे वे मंदिर?

मंदिरों की अर्थव्यवस्था में है अहम भूमिका

तंजावुर में बृहदीश्वर मंदिर और गंगईकोंडा चोलापुरम मंदिर क्या थे? ये सिर्फ धार्मिक केंद्र नहीं थे, बल्कि अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। ये मंदिर प्रमुख किन्तु उदार भूस्भूवामी के रूप में गोचर भूमि तथा औषधीय उपज के सहज प्रदाता तथा संसाधनों के सामाजिक प्रबंधक थे। 

इन्हें राजाओं और महानुभावों से विशाल भूमि अनुदान में प्राप्त होती थीं। इससे प्राप्त आय का उपयोग मंदिरों के रख-रखाव और विभिन्न धार्मिक तथा सामाजिक गतिविधियों में होता था, जिसमें राजा के निदेर्शों पर किसानों से अनाज खरीदे जाने का काम भी शामिल था। जड़-चेतन दोनों में प्रवाह बनाने का काम, अर्थव्यवस्था को सुचाचारू बना ने का काम, यह काम भारत में आदिकाल से मंदिरों को केंद्र में रखकर ही होता रहा है।

मंदिर रहें हैं शिक्षा का केंद्र

शिक्षा की बात करें तो काशी, तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, भोजशाला, ओदंतपुरी, मिथिला, प्रयाग, अयोध्या आदि जहां भी मंदिर रहे हैं, वे स्थान ज्ञान और अध्ययन का भी केंद्र रहे हैं। इसके साथ ही आप चार महावाक्य और चार मठों की स्थापना को भी देखें। जगन्नाथपुरीपुरी, बद्रिकाश्रम, श्रृंगेरी, द्वारका यह चार मठ चार दिशाओं से भारत में दार्शनिक ज्ञान के साथ भौतिक विषयों की समझ बढ़ा ने वाली शृृंखला-संरचना निर्माण करते प्रतीत होते हैं।

आपदा और संकट में भी मंदिर निभाते है अहम भूमिका

आपदा या संकट के समय मंदिर की शरण में जाने के अनेक उदाहरण हैं। जरासंध से युद्ध के समय भगवान श्री कृष्ण जब रणभूमि छोड़कर चले गए तो उन्हें रणछोड़ नाम मिला। वे गए कहां थे!  वे गए थे गया जी, जहां जरासंध की गुफाएं हैं। यानी वे तीर्थ की शरण में ही थे। 

चोल वंश के राजा राजेंद्र चोल जब युद्ध में हार गए तो तमिलनाडु में स्थित भगवान नटराज के चिदंबरम मंदिर की शरण में पहुंचे। अलाउद्दीन खिलजी, मलिक कफूर ने जब दक्कन पर आक्रमण किया तो वहां के राजा पंढरपुर विठोबा की शरण में गए। शिवाजी महाराज जब प्रार्थना करते हैं कि दोबारा समाज को खड़ा करना है तो वे तुलतुजा भवानी मंदिर जाते हैं।

ऐसे ही जब भी देश में अकाल, बाढ़ या अन्य कोई प्राकृतिक आपदा आई, तब मंदिरों ने लोगों को संभाला। उनके लिए अपने भंडार के द्वार खोल दिए। जगन्नाथपुरी के बारे में ऐसे कई ऐतिहासिक साक्ष्य हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि मंदिरों के पास अक्षय खाद्यान्न और धन के विशाल भंडार होते थे, जो आवश्यकता के समय लोगों की मदद के लिए प्रयोग किए जाते थे। 

हाल के वर्षों में सबसे बड़ी आपदा कोरोना के रूप में आई। इस दौरान दिल्ली के झंडेवाला देवी मंदिर ने लम्बे समय तक असंख्य लोगों को भोजन भेजा ऐसे ही देश के अन्य बहुत सारे मंदिरों ने अनथक अकथनीय परोपकार के कार्य किए।

पूरे भारत को जोड़ते है मंदिर

डॉ. राम मनोहर लोहिया प्रख्यात समाजवादी चिंतक थे। उनका एक निबंध है- ‘राम, कृष्ण और शिव।’ इसके माध्यम से वे राष्ट्रीय एकत्व की बात करते हैं। तमिलना डु में अपर्णा या कहिए मां गौरा का एक मंदिर है। अपर्णा गौरा जी का ही एक नाम है। जब शिव को वर रूप में कामना करते हुए ‘पर्ण’ यानी पत्ते खाना भी जब छोड़ दिया तब नाम पड़ा- अपर्णा। अपर्णा वहां दक्षिण में खड़े होकर सूदूर उत्तर में स्थित कैलाशपति की अराधना कर रही हैं। यानी शिव उत्तर और दक्षिण को जोड़ रहे हैं। 

मथुरा कहां और बेट द्वारका कहां। इसके बावजूद इन दो दिशाओं के भी पार- सुदूर इम्फाल तक कृष्ण और उनके मंदिर भारत को जोड़ रहे हैं। इम्फाल में मैतैई समुदामुय कृष्ण को ही तो पूज रहा है! ये हमारी गौरवशाली परंपराएं हैं। यह ऊंचाई, यह उन्नति, यह ज्ञान क्या मंदिरों के बिना संभव था?

और पढ़ें:- जगन्नाथ मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर बनकर हुआ तैयार, जानें विशेषताएं

समाज का संरक्षण और पोषण

राजस्थान में गोगावीर जी महाराज का मेला लगता है। जिस समय मेला लगता है, उस समय वहां के घरों में कोई दूध को जमाता नहीं है, क्योंकि वह गोगाजी का प्रसाद होता है। उस समय टनों दूध मंदिर जाता है और सभी में बांटा जाता है। वहां दूर-दूर से लोग आते हैं। उस क्षेत्र में पहले पोषण की कोई और व्यवस्था नहीं थी, तो गोगावीर के मंदिर के माध्यम से लोगों के लिए पोषण की व्यवस्था हुई।

भारतीय समाज के निर्माण में मंदिरों की भूमिका प्राण की तरह है। मंदिरों में ही भारतीय संगीत कला, नृत्यकला, आयुर्वेयु दर्वे, युद्धयु कला, वास्तु, शिल्प व मूर्तिकला पोषित हुई है। भगवान शिव के नटराज स्वरूप को नृत्य एवं मां सरस्वती को विद्या व संगीत की प्रेरणा माना गया है। 

धन्वंतरि और चरक जैसे आयुवेर्दाचार्यों की परंपरा से निकली चिकित्सा विद्या का प्रसार हम आज भी मंदिरों से जुड़े चिकित्सालयों में देख सकते हैं। यह प्रक्रिया पुरातनकाल से चलती आ रही है। बहुत सारी बातों के बाद फिर बात विशुद्ध पैसे की। ‘नेशनल सैंपल सर्वे’ का एक आकलन है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 3.02 लाख करोड़ का यानी 40 अरब डॉलर का मंदिरों की अर्थव्यवस्था का आकार है। 

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हिसाब से देखेंगे तो यह करीब-करीब ढाई प्रतिशत बैठता है। यह तो छोटा सा आकलन भर है, मंदिर आज भी ऐसा कर रहे हैं। राम मंदिर का ही उदाहरण ले सकते हैं। अयोध्या की जनसंख्या 70 से 80 हजार है। छोटा-सा नगर है। इस छोटी सी नगरी ने 22 जनवरी को 25 लाख लो गों को संभाला था। बहुत सारे भंडारे चल रहे थे। देशभर से लोग वहां आ रहे थे, लेकिन भूखा कोई नहीं रहा। 

मंदिर की छाया भूख और संताप हटाती है और जीवन में संयम भी लाती है। ऐसे मंदिरों से ‘कर’ वसलूने की बात भी भला कोई कैसे सोच सकता है। हिंदू विरोध और वोट बटोरने के पैंतरे एक ओर रख मंदिरों की बारीक सामाजिक-आर्थिक संरचना और इसके योगदान को समझने की आवश्यकता है।

यह आशंका गलत नहीं कि मंदिरों को कब्जे में लेकर नेतावर्ग अपनी ताकत एवं आमदनी और बढ़ाना चाहें। इसका सबसे दुखद पहलू यह है कि जिस हिंदू समाज के बल पर भारतीय राज्यतंत्र दशकों से चल रहा है, उसी के हितों की लगातार बलि चढ़ाई जाती रही है। स्वतंत्र भारत में ही हिंदुओं को मुस्लिम और ईसाई समुदायों की तुलना में हीन दर्जे में कर दिया गया, जो ब्रिटिश राज में भी नहीं था।

हिंदुओं को मुस्लिमों, ईसाइयों की तुलना में कम धार्मिक कानूनी अधिकार

स्वयं भारतीय संविधान में ऐसी व्यवस्था कर दी गई कि हिंदुओं को मुस्लिमों, ईसाइयों की तुलना में कम शैक्षिक, धार्मिक, कानूनी अधिकार हैं। इस ओर संकेत करते हुए डॉ. आंबेडकर ने भारतीय संविधान को गैर-सेक्युलर कहा था, क्योंकि ‘यह विभिन्न समुदायों के बीच भेदभाव करता है।’ इसी मूल गड़बड़ी का नतीजा हिंदू मंदिरों पर सरकारी कब्जा भी है। यह हिंदूवादी कहलाने वालों के शासन में भी जारी है।

हिंदू मंदिरों पर राज्य सरकारों का कब्जा

सरकारी अफसरों को तो मात्र नागरिक शासन चलाने की ट्रेनिंग मिली है। इसलिए कोई अफसर अपने पूर्वग्रह, अज्ञान या मतवादी कारणों से हिंदू धर्म के प्रति उदासीनता या दुराग्रह भी दिखा सकता है। इस अनुभव के बावजूद सरकारें हिंदू मंदिरों पर दिनों-दिन कब्जा बढ़ा रही हैं। इनमें भाजपा सरकारें भी हैं।

क्या इससे बड़ा धार्मिक अन्याय हो सकता है कि करीब चार लाख से अधिक मंदिरों पर सरकारी कब्जा है, किंतु एक भी चर्च या मस्जिद पर राज्य का नियंत्रण नहीं है? हिंदू समाज के अलावा शेष सभी समुदाय अपने-अपने धर्मस्थान स्वयं चलाने के लिए पूर्ण स्वतंत्र हैं। यह भेदभाव हिंदू समुदाय को दिनोंदिन और दुर्बल, असहाय बनाने का उपाय है।

किसी हिंदू राजा ने मंदिरों पर अधिकार या नियंत्रण नहीं जताया, न उनसे कर वसूला

याद रहे कि भारतीय परंपरा में किसी हिंदू राजा ने मंदिरों पर अधिकार या नियंत्रण नहीं जताया, न उनसे कर वसूला। धार्मिक कार्यों में राजा द्वारा हस्तक्षेप के उदाहरण नहीं मिलते। वे तो सहायता ही देते थे। मुगल काल में मंदिरों को तरह-तरह के राजकीय अत्याचार झेलने पड़ते थे। दुर्भाग्यवश स्वतंत्र भारत में भी हिंदू समुदाय को अपने धार्मिक-शैक्षिक-सांस्कृतिक संस्थान चलाने का वह अधिकार नहीं, जो अन्य को है।

और पढ़ें:- श्री कल्कि धाम मंदिर का PM मोदी ने किया शिलान्यास, बोले- ‘कालचक्र बदल गया है, नए युग की शुरुआत हो चुकी है।

Tags: CongressKarnataka governmentTax on templesTempletemple economyकर्नाटक सरकारकांग्रेसमंदिरमंदिर अर्थव्यवस्थामंदिरों पर टैक्स
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

नेहरू-लियाकत समझौते की विफलता ने CAA की शुरुआत कैसे की?

अगली पोस्ट

‘मैं भी चौकीदार’ के बाद अब ‘मोदी का परिवार’, BJP को मिला नया हथियार

संबंधित पोस्ट

कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)
चर्चित

‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

30 June 2025

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस के खिलाफ एक नया राजनीतिक मोर्चा खोलते हुए उसे विदेशी ताक़तों की कठपुतली करार देने की कोशिश की है।...

छात्रों का जुम्बा देखते केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी
चर्चित

कल योगा हराम था, आज जुम्बा…कल को साइंस और गणित पर भी फतवा आएगा?

30 June 2025

देश के सबसे साक्षर और विकसित राज्य में शामिल केरल इन दिनों मुस्लिम कट्टरपंथियों से जुड़े अनोखे विवाद के कारण सुर्खियों में है। इस विवाद...

मौजूदा संकट के दौरान ममता बनर्जी की चुप्पी ने लोगों को चौंका दिया है (FILE PHOTO)
चर्चित

TMC में संकट! कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में कैसे दो फाड़ होती जा रही है पार्टी?

30 June 2025

कोलकाता में हाल ही में सामने आए एक दिल दहला देने वाले सामूहिक बलात्कार मामले ने न सिर्फ आम जनता को झकझोर दिया है, बल्कि...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Ahmedabad Air India Crash: Was It Sabotage? Major Investigation Underway

Ahmedabad Air India Crash: Was It Sabotage? Major Investigation Underway

00:06:27

10% Seats for Muslims? Shocking Demand from DMK’s ally MMK Ahead of 2026!"

00:04:52

The gulf crossroads: usa stakes, China's money and Iran's nuclear threat.

00:30:34

HOW NDA IS MAKING IN- ROADS INTO TAMIL NADU?

00:05:57

the ganga treaty is about to expire. What happens next?

00:06:54
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited