तमाम घोटाले दर घोटाले की खुलती परत और हर घोटाले पर मीडिया का मौन व्रत इसके बावजूद ‘बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी’। झूट की बुनियाद और जनता को बेवकूफ बनाकर मलाई काटने के लिए बनी हुयी पार्टी में एकता कब तक टिकेगी? जिस दिन एक को भी उसका हिस्सा नही मिलेगा वो सारी पोल खोलेगा ही और ये तो होना ही था। काम कोई नहीं करना चाहता सब मलाई काटना चाहते है और केजरीवाल को लगता है की ये सब उन्हें उनकी फर्जी इमानदारी की वजह से घेर के बैठे है और आरती उतारते है दिन-रात, तो उन्हें समझना चाहिए की वो बस एक जरिया है। बेवकूफ तो हर कोई बना रहा है तुम में से लेकिन जनता हर किसी से नही बनती तो जिससे बन गयी वो चेहरा है केजरीवाल का, सेट हो गया है| बस यही मज़बूरी है की आज कुमार विश्वास सारी सच्चाई जानते हुए केजरीवाल को फिर से ईमानदार कह रहे है। वरना वो भी जानते है अगर ये नही करेगे तो उनको भी वक्त से पहले ही प्रशांत भूषण बना दिया जायेगा।
अब तक आम आदमी पार्टी के मंत्रियों पर एक के बाद एक तमाम छोटे-बड़े घोटालों के आरोप लगते रहे है, साबित भी होते रहे है और जेल जाने की तो मानो प्रथा ही होगई है आम आदमी पार्टी की। और अगर ध्यान से देखेंगे तो पता चलेगा इनकी एक प्रोसेस है जिसमे हर आरोप लगने के बाद सबसे पहले उस आरोप को सब मिलके ख़ारिज करते है, बेबुनियाद बताया जाता है। चाहे वो फर्जी डिग्री मामला हो या या किसी महिला का राशन कार्ड बनानेवाला मामला हो या टैंकर घोटाले का हो डीटीसी बसों घोटालो का हो शुंगलू रिपोर्ट का हो बीवी को कुत्तों से कटवाने का हो या मोहल्ला क्लिनिक का हो। हर आरोप के बाद सब मिलकर उसे नकारने में लग जाते है, जैसे मामला तूल पकड़ता है एक-एक करके सब पल्ला झाड़ने लगते है और उससे बचने के लिए मीडिया के सामने एक नया मुद्दा उछाला जाता है जैसे ‘मोदी जी डिग्री दिखाओ’। अरे भाई मोदी की डिग्री से इस देश को कुछ नही लेना देना है। अब तो उनके सामने हार्वर्ड भी फ़ैल है तो तुम कौन होते हो? जनता तय करेगी वो सब और वैसे भी डिग्री फ्रेशेर्स को दिखानी पड़ती है और मोदी तो इस खेल में १५ साल का सरकार का अनुभव लेकर बैठे है।
अबतक मंत्रियों पर आरोप लगते थे अब आरोप लगे है सीधा केजरीवाल पर और वो भी आरोप लगानेवाला केजरीवाल का अपना खासमखास करीबी कपिल मिश्रा है। बता दू ये वही कपिल मिश्रा है जिनका कच्छा भी गुम जायें तो सीधे मोदी को ट्वीट कर देते थे जनाब और केजरीवाल के तो हर एक ट्वीट को रिट्वीट करना इनका परम कर्त्तव्य है।
उनकी आज्ञा सर आखों पर ये वही सेवक है तो इन्होने आरोप लगाया है मतलब भैय्या सोचनेवाली बात है। एक दिन पहले इनसे मंत्री पद छीन लिए केजरीवाल जी और बता दिया था की पानी की किल्लत हो रही है कपिल महोदय संभाल नहीं पा रहे थे। भाई आपने कौन सा अपना पद संभाल लिया? आपके पास तो सुना है कोई विभाग ही नही है, बिना मंत्रलाव के मुख्यमंत्री बने बैठे हो हुजुर काहे मुंह खुलवा रहे हो अपने ही मंत्रियों का? आप काम वाम की बात न ही करो तो अच्छा है। केजरीवाल चाहते तो कपिल मिश्रा वाला बखेड़ा खड़ा ही नहीं होता, मंत्रीपद चला गया बस इसी बात पर मुंह खोल दिए कपिल मिश्र जी। सोचे इतना चापलूसी करके कुछो न मिला दो करोड़ लेलिये सर ने हमरी आँखों के सामने अरे इन्हें ३०-४० लाख में ही सलटा देते तो एक ही हमाम में ये भी नंगे हो जाते लेकिन नहीं दो करोड़ अकेले डकारने का मन था सर जी का। यही गलती थी।
सर जी को वो ग़ाज़ियाबाद वाले सिग्नल के भिखारी के ५ रुपये की भी याद नहीं आई और अपना गुल्लक फोड़ कर एक हजार रुपये देनेवाले बच्चे की भी नहीं, कितने बेरहम है आप के सर जी। अब तो आम आदमी पार्टी के भीतर सियासी ड्रामा पूरे शबाब पर है। चलिए सुनते है सर जी के घोटालो की कहानी उन्ही के मंत्री की जुबानी –
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार से हटाए गए जल मंत्री कपिल मिश्रा ने पार्टी में जारी उहापोह के बीच राजघाट पर मीडिया से बात की थी। उन्होंने सीधे आम आदमी पार्टी के संजोयक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और कहा कि जमीन सौदे को लेकर अरविंद केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन से दो करोड़ रुपये नकद लिए हैं। कपिल मिश्र का दावा है कि यह लेन देन उनकी आंखों के सामने हुआ है और वह इस बारे में केजरीवाल से साफ बात कह चुके हैं। मीडिया से बात करने के बाद कपिल मिश्र ने एक के बाद तीन ट्वीट भी किए।
ट्वीट में उन्होंने कहा कि परसों मैंने नकद लेन देन देखा और कल सुबह खुलकर आवाज उठाई। एक दिन का इंतजार भी असंभव था। इसके बाद ट्वीट में कहा कि कल तक अरविंद केजरीवाल दिल्ली में एमसीडी चुनाव में करारी हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहरा रहे थे और अब अचानक पानी का मुद्दा बना दिया। यह पहली बार है की मीडिया के सामने आकर किसी ने सीधे अरविंद केजरीवाल के बारे में इतना बड़ा खुलासा किया है या कहें कि अरविंद केजरीवाल पर इतने बड़े और गंभीर आरोप लगाए हैं।
कपिल मिश्रा ने कहा कि मैं अपने बयान पर कायम हूं और सीबीआई के सामने भी यह बयान देने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मैं यह बयान एलजी के सामने भी देकर आया हूं।अब जब धुआं उठा है तो आग तो जरुर लगी है मतलब इतनी विश्वास से मिश्रा अपनी बात रख रहे है और सबूत दिखने का दावा कर रहे है, मतलब कुछ तो कमजोर कड़ी हाथ लगी है विधायक महोदय के वरना वो भी जानते है अरविन्द केजरीवाल क्या चीज है? केजरीवाल ने किसानो और इस देश की सेना को तक नहीं बक्शा है तो मिश्र तो केवल एक विधायक भर है। कपिल मिश्रा ने कहा कि कानून को अपनी कार्रवाई करनी चाहिए। मैं दो साल का कैबिनेट साथी रहा हूं। उन्होंने कहा कि परसों ही जमीन के सौदे का दो करोड़ कैश अरविंद केजरीवाल ने पैसे लिए केजरीवाल की जमीन का सौदा किया गया था। यह जमीन 50 करोड़ रुपये की थी। यह जमीन अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार की थी। उन्होंने यह भी कहा कि दो करोड़ के लेन देन की बात पर भी मैंने केजरीवाल से पूछा कि यह कैश क्यों लिया गया। मैं पूछा तो उनका कहना था कि राजनीति में बहुत कुछ होता है। इसका समय पर जवाब दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल से भी गलती हुई होगी। वे भी इंसान हैं, गलती उनसे भी हो सकती है। लोगों के सामने आकर उन्हें सफाई देनी चाहिए। बता दें कि यह पहली बार है कि अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी पर यह सीधा सवाल उठे हैं। उनपर सीधा दो करोड़ रुपये के लेन देन के आरोप लगे हैं।
इससे पहले कपिल मिश्रा के केजरीवाल पर लगाए गए बड़े आरोपों के बाद जहां बीजेपी और कांग्रेस हमलावर हो गईं। वहीं आप के तमाम शीर्ष नेता उनके बचाव में उतर आए हैं। मनीष सिसोदिया ने तमाम आरोपों को बेबुनियाद बताया वहीं कपिल मिश्रा के करीबी माने जाने वाले नेता कुमार विश्वास ने भी अरविंद केजरीवाल का पक्ष लिया। कपिल ने एक बार फिर दोहराया कि आम आदमी पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा. यह पार्टी मेरी है. इसी में रहकर लड़ाई लड़ूंगा. उन्होंने कहा कि पार्टी बिखर गई है. उन्होंने कहा कि मैंने मंत्री बनने के एक महीने के भीतर सीएम को चिट्ठी लिखी. मैंने 400 करोड़ रुपये के घोटाले की बात कही. कल ही मैंने एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख से मिलने का वक्त मांगा जिसके बाद मुझे मंत्री पद से हटा दिया गया। आम आदमी पार्टी के बागी नेता कपिल मिश्रा के तेवर नरम नहीं पड़ रहे हैं. कपिल मिश्रा ने सोमवार को टैंकर घोटाले से जुड़ी जानकारी की फाइल एसीबी को दी है . उनका कहना है कि इस मामले में गवाह भी हैं और शिकायतकर्ता भी। इस मामले की जांच में जानबूझकर देरी की गई। केजरीवाल और उनके 2 साथियों ने जानबूझकर जांच पर असर डाला। अब मैं सीबीआई से 2 करोड़ की रिश्वत की शिकायत करूंगा।
यह पहली बार नहीं है जब आम आदमी पार्टी पर घोटाले के संगीन आरोप लगे है इसके पहले तमाम आरोप लगे है और शुंगलू समिति की रिपोर्ट भी सामने आई थी। चाहे टैंकर घोटाला वो या डीटीसी बसों के रेवेन्यु का घोटाला, लाभ के पद का मामला हो या पार्टी ऑफिस का मामला, अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुचने का हो या स्वाति मालीवाल को बंगला देने का मामला एक से बढ़कर एक घोटाले सामने आते रहे है लेकिन केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को शायद ही इन घोटालो के आरोपों से अब फर्क पड़ता हो। उन्हें मोदी और उनके मंत्री से ही फुरसत नहीं मिलती की वो खुद के घोटाले और पार्टी को संभाल सके। ४५ दिन के भीतर एक पार्टी जिसने अपना वजूद ही खो दिया, ४५ दिनों में ४ चुनाव हार चुकी हो आम आदमी पार्टी और उस पार्टी का मुखिया ईवीएम खराब होने के गराने गा कर अपने पार्टी की फूट और जनता के अविश्वास को छुपा कर अपने घोटालों पर पर्दा डालने की कोशिश करता हो तो अब लगता नहीं की इस पार्टी से कुछ अच्छी खबर आने के कोई असार है क्योंकि केजरीवाल और पार्टी के पतन की कहानी लिखी जा चुकी है और ये ये अब अपने चरम पर है। जल्दी एक से बढ़कर एक खुलासे और पार्टी का स्तर गिरता हुआ दिखेगा। जरुरत है बस देखने की जो पार्टी एक – दो वर्ष में आसमान छूने लगी थी तो गिरी भी उतने ही तेजी से। आनेवाले दिनों में ये ड्रामा और तेज होनेवाला है और उतने ही तेजी इस पार्टी का सस्तर गिरता चला जायेगा क्योंकि अब बात केजरीवाल तक पहुच चुकी है अब ये ड्रामा और मजेदार होगा और शायद ही ऐसा राजनीती के इतिहास में देखने को मिला हो।