TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित

    भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित

    खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

    खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

    जब गमछा बना राजनीति का संदेश: पीएम मोदी की प्रतीक-प्रधान चुनावी रणनीति और जनता से सीधा जुड़ाव

    जब गमछा बना राजनीति का संदेश: पीएम मोदी की प्रतीक-प्रधान चुनावी रणनीति और जनता से सीधा जुड़ाव

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।

    13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।

    13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    तालिबान ने की पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती, ऐसा सुनाया कि शायद मुल्ला मुनीर को नींद भी न आए

    तालिबान ने की पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती, ऐसा सुनाया कि शायद मुल्ला मुनीर को नींद भी न आए

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित

    भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित

    खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

    खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

    जब गमछा बना राजनीति का संदेश: पीएम मोदी की प्रतीक-प्रधान चुनावी रणनीति और जनता से सीधा जुड़ाव

    जब गमछा बना राजनीति का संदेश: पीएम मोदी की प्रतीक-प्रधान चुनावी रणनीति और जनता से सीधा जुड़ाव

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।

    13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।

    13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    तालिबान ने की पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती, ऐसा सुनाया कि शायद मुल्ला मुनीर को नींद भी न आए

    तालिबान ने की पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती, ऐसा सुनाया कि शायद मुल्ला मुनीर को नींद भी न आए

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कंगना का सैफ अली खान को जवाब पढ़ा क्या? धो डाला!

The Frustrated Indian द्वारा The Frustrated Indian
25 July 2017
in चलचित्र
कंगना सैफ खुली चिट्ठी
Share on FacebookShare on X

फिल्म निर्देशक करन जौहर और अभिनेता सैफ अली खान, जो न्यू यॉर्क में आईफा अवार्ड्स की मेजबानी कर रहे थे, ने करन के शो ‘कॉफी विथ करन सीज़न 5’ के एक एपिसोड के बारे में बात की, जहां राष्ट्रीय फिल्म पुरुसकर एवं फिल्मफेयर पुरस्कार विजेता कंगना रनौट ने इन्हे ‘वंशवाद का ध्वजवाहक’ की उपाधि दी थी।  

अपने असफल फिल्म ढिशूम के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का पुरुस्कार ग्रहण करने आए अभिनेता वरुण धवन ने इनकी टोली में हिस्सा लिया, और फिर सैफ ने वरुण की कामयाबी को इनके पिता, मशहूर फ़िल्मकार राजेंद्र उर्फ डेविड धवन से जोड़ा, की वरुण अपने पिता की वजह से इंडस्ट्री में इतना बड़ा मुकाम बना पाये हैं।

संबंधितपोस्ट

सैफ अली खान की जमीनें अब ‘शत्रु संपत्ति’, जानिए इतिहास और पाकिस्तान कनेक्शन?

वारिस अली सलमानी से पूछताछ, सैफ अली खान पर हमले के बाद एक्शन में मुंबई पुलिस

‘पूनम पांडे की तरह…’: सैफ अली खान पर हुए हमले पर नेटिजेंस उठा रहे सवाल, आगामी फिल्म से जुड़ रही कड़ी

और लोड करें

इस पर वरुण ने जवाब दिया ‘और आप अपनी मम्मी की वजह से’। करण ने सुर में सुर मिलाते हुये कहा “और मैं अपने पप्पा [मशहूर फ़िल्मकार एवं निर्माता यश जौहर] की वजह से यहाँ हूँ।”

फिर तीनों ने एक सुर में कहा, ‘वंशवाद रॉक्स!”

वरुण ने फिर करण की खिंचाई करते हुये कहा, ‘आपकी फिल्म में एक गाना था न, बोले चूड़ियाँ……बोले कंगना’

जिस पर करण ने कहा, ‘कंगना न ही बोले तो अच्छा है……कंगना बहुत बोलती है’

Source – FirstPost

इसके बाद इनकी जो जगहँसाई हुई, उसके बारे में कुछ न ही कहूँ तो अच्छा। करण को छोडकर वरुण और सैफ को इसके लिए माफी मांगनी पड़ी और सैफ ने कंगना के नाम एक खुली चिट्ठी लिखी, जिसके जवाब में कंगना ने भी उन्हे एक खुली चिट्ठी लिखी।‘

खुद ही देख लीजिये कंगना ने सैफ को खुली चिट्ठी के जवाब में क्या लिखा:-

वंशवाद पर वाद विवाद और विचारों के आदान प्रदान से हलचल तो ज़रूर मचती है, पर ये अच्छा भी है। मैंने इस विषय पर कई विचारों को सराहा, तो कई विचारों ने मुझे अंदर से झकझोर दिया। इसी सुबह, मेरी नींद खुली, तो मैंने एक खुली चिट्ठी देखी [जो ऑनलाइन काफी वाइरल हो रही थी ], जिसे सैफ अली खान ने लिखा था।

आखरी बार जब इस मुद्दे ने मुझे झकझोरा था, वो तब था जब करण जौहर ने इसपर एक ब्लॉग लिखा, और एक साक्षात्कार में ये भी कहा की फिल्म उद्योग में सफल होने के कई माने हैं, जिसमें प्रतिभा कतई नहीं आँका जाता।

मुझे नहीं पता अगर उन्हे इस बात की जानकारी नहीं है, या फिर वो इस विषय पर कुछ ज़्यादा ही भोले प्रतीत हो रहे हों, पर दिलीप कुमार जी, के आसिफ जी, श्री बिमल रॉय, श्री सत्यजित रे, श्री गुरु दत्त और ऐसे कई अन्य कलाकार या फ़िल्मकार, जिनकी प्रतिभा  और असाधारण क्षमताओं का ऐसा भद्दा मज़ाक उड़ाना कहाँ की समझदारी है?

आज के समय में भी, ऐसे कई उदाहरण है, जहां चमकीले कपड़े, सुलझी बोली और एक स्वच्छ पालन पोषण के मुक़ाबले शौर्य, सच्चा परिश्रम, सीखने की जिजीविषा, लगन, और मानव के उत्साह की अथाह शक्तियाँ हमेशा विजयी रही हैं। पूरी दुनिया में, और हर क्षेत्र में, ऐसे कई उदाहरण है। मेरे प्रिय मित्र सैफ ने इस विषय पर एक चिट्ठी लिखी है, और इस विषय पर मैं अपने विचार व्यक्त करना चाहती हूँ। मैं चाहूंगी की लोग इसका गलत इस्तेमाल न करे, और न इसका हम दोनों के विरुद्ध उपयोग करे।

ये सिर्फ विचारों का एक स्वस्थ आदान प्रदान है, दो व्यक्तियों के बीच की भिड़ंत नहीं।  

सैफ, आप अपने चिट्ठी में कहते हैं, ‘मैं कंगना से माफी मांगता हूँ, और इसके अलावा मुझे किसी को सफाई देने की कोई ज़रूरत नहीं’ पर यही मेरा मुद्दा नहीं है।

वंशवाद वो प्रथा है जहां लोग अपने मानवीय संवेदननोन पर ज़्यादा, और अपनी बुद्धि पर कम विश्वास रखते हैं

जो उद्योग मानवीय संवेदनाओं पर आधारित हों, और न की उच्च आदर्शों पे, वो किसी भी प्रकार का मुनाफा तो अवश्य कमा सकती है, पर वो 130 करोड़ लोगों के देश की सच्ची क्षमताओं का उचित आंकलन नहीं कर सकती, और न ही वे सच्चे मन से अपने उत्पाद तैयार कर सकते हैं।  

कई स्तरों पर वंशवाद निष्पक्षता और तर्क की कसौटियों पर खरा नहीं उतर पाता। मैंने इन आदर्शों को उन लोगों से लिया है, जिनहोने अपार सफलताएँ पायी और मुझसे पहले एक उचत्तम सत्य की खोज की। ये आदर्श सार्वजनिक है, जिसपर किसी का कोई कॉपीराइट नहीं हो सकता। 

विवेकानन्द, आइन्सटाइन और शेक्स्पीयर जैसे महान कुछ चुनिन्दा लोगों के लिए नहीं बने थे। वो पूरी मानवता को, और पूरी मानवता उनको समर्पित थी। उनके कार्यों ने हमारे भविष्य की नींव रखी, और हमारा काम हमारे आने वाले पीढ़ियों के भविष्य की स्थापना करेगा।

आज मैं इन आदर्शों के लिए खड़े होने का माद्दा रख सकती हूँ, पर क्या पता, अगर कल मैं असफल हो जाऊँ, और अपने बच्चों को उनके स्टारडम के सपने पूरे करने में मदद करूँ। ऐसे में मैं एक व्यक्ति के तौर पर असफल रहूँगी।  

तो जो भी इन आदर्शों को अपनाना चाहता है, या इसका स्वामी है, उनके प्रति हम जवाबदेह हैं। जैसा मैंने कहा, हमारे कर्म ही आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की नींव रखेगी।

अपने चिट्ठी के दूसरे हिस्से में आपने जेनेटिक्स और स्टार किड्स के बीच के रिश्ते पर व्याख्या देने का प्रयास किया था, जहां आपने इस बात पे ज़ोर दिया की वंशवाद कैसे एक जांचा और परखा हुआ अस्त्र है। मैंने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा ऐसे जेनेटिक्स को समझने में बिताया है, पर मुझे यह नहीं समझ में आता है की आप कलाकारों की संकीर्ण रेस के घोड़ों से कैसे तुलना कर सकते हैं।

क्या आप यह जताने का प्रयास कर रहे हैं की परिवार से आपको कलात्मक गुण, परिश्रम, अनुभव, एकाग्रता, जोश, जिज्ञासा, अनुशासन और प्रेम विरासत में ही मिलेगा? अगर ऐसा सच होता, तो मैं अपने घर पे एक किसान होती। मुझे नहीं समझ में आता की मेरे जीन्स में ऐसी कौन सी जीन है, जिससे मुझे अपने आसपास के पर्यावरण का विश्लेषण करने की कृपा मिली है, और उसे समझकर अपनी इच्छाओं को साकार करने की शक्ति?

आपने यूजेनिक्स की बात भी की – जिसका अर्थ है मानव जाति का नियंत्रित प्रजनन। जहां तक मैं जानती हूँ, मानव जाति में अभी तक ऐसा कोई डीएनए नहीं निकला है जो बड़े आराम से महानता और उत्कृष्टता विरासत में सौंप दे। अगर ऐसा होता, तो आइन्सटाइन, डा विंन्सी, शेक्स्पीयर, स्टीफन हौकिंग, विवेकानन्द, टेरेंस ताओ, डेनियल डे लूइस या गेरहार्ड रिचटेर की कामयाबी दोहरने में किसका वक़्त जा रहा था?

आप ये भी कहते हो की मीडिया को दोषी ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि वो वंशवाद की असल ध्वजवाहक है। ये तो किसी अपराध समान हुआ, क्योंकि सच्चाई इससे कोसों दूर हैं। वंशवाद महज एक मानवीय कमजोरी है, और इससे ऊपर उठाने के लिए तीव्र इच्छाशक्ति और ताकत की आवश्यकता है। कभी हम सफल होते हैं, तो कभी नहीं। कोई आपके सिर पर बंदूक तान के किसी भी ऐसी प्रतिभा को नहीं लाएगा , जिसमें आप यकीन नहीं रखते। तो आपको किसी के विकल्पों के लिए रक्षात्मक होने की कोई आवश्यकता नहीं है।

असल में, इस विषय पर मेरी सारी बातों ने कई बाहरी लोगों को अनजाने रास्तों पर चलने की प्रेरणा भी दी है। गुंडई, जलन, वंशवाद और क्षेत्रवाद अन्य हर उद्योग की तरह इस मनोरंजन के उद्योग का भी एक अहम हिस्सा है। अगर आप मुख्यधारा में नहीं समा पाते, तो लीक से हटकर रास्ता चुने – इसे करने के कई तरीके हैं।

मुझे तो लगता है की इस विवाद में विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को लपेटना किसी भी हिसाब से श्रेयस्कर नहीं होगा, क्योंकि वो इस सिस्टम का हिस्सा है, तो ज़ाहिर सी बात है, की प्रतिक्रियाएँ भी होगी। बदलाव तभी हो सकता है जब लोग बदलाव चाहें। ये सपने देखने वाले के ऊपर है की उस सपने को साकार  करने के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा दे, न की उस सपने की भीख मांगे।

आप निस्संदेह सही है – अमीरों और लोकप्रिय लोगों की ज़िंदगी के लिए लोगों में काफी उत्साह और इज्ज़त हैं, पर उसी वक़्त हमारी रचनात्मकता को भी लोगों का प्यार मिलता है, क्योंकि हम उनके लिए आईना समान है – जैसे ओमकारा का लंगड़ा त्यागी हो, या क्वीन की रानी, हमें साधारण लोगों का असाधारण चित्रण करने के लिए याद किया जाता है।

तो क्या हम वंशवाद से सम्झौता कर ले? जिनहे लगता है की इसके बिना काम नहीं चलेगा, वो कर सकते हैं। पर मेरी राय में तीसरी दुनिया के देश के लिए ये निस्संदेह एक नकारात्मक विचार होगा, जहां लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान नहीं मिलता। दुनिया एक आदर्श जगह नहीं है, और शायद ही कभी हो। इसलिए हमारे पास कला का उद्योग है, क्योंकि हम शायद उम्मीद के ध्वजवाहक है।

यहाँ से ये सब शुरू हुआ! :- Dear Karan Johar, why should Kangna leave Bollywood?

Tags: कंगना रानौतखुली चिट्ठीवंशवादसैफ अली खान
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले ने सेना को युद्ध के लिए सही मायनों में तैयार किया है

अगली पोस्ट

मंदिर जाइए, पूजा कीजिये, फोटो भी खिचाइये लेकिन ऑनलाइन मत पोस्ट करिए, जेल हो सकती है

संबंधित पोस्ट

स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार
चलचित्र

स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

9 August 2025

स्मृति ईरानी एक बार फिर छोटे पर्दे पर नजर आ रही हैं, और इस बार चर्चा सिर्फ नॉस्टैल्जिया तक सीमित नहीं है। ‘क्योंकि सास भी...

“उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”
चलचित्र

“उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

26 July 2025

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म "उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर" की रिलीज़ पर लगी रोक को बढ़ाने से इनकार कर दिया। इससे अब...

जमीयत ने अदालत का रुख किया, दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाई: क्या 'उदयपुर फाइलें' इतनी वास्तविक हैं कि उन्हें संभालना मुश्किल है?
चलचित्र

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जमीयत; ‘सिर तन से जुदा’ हो पर खामोश रहे हिंदू?

8 July 2025

राजस्थान के उदयपुर जिले के बहुचर्चित कन्हैयालाल मर्डर केस पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ (Udaipur Files) को लेकर शुरू हुआ विवाद अब थमने का नाम...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Pakistan’s Navy Is Linked to the Global Meth Smuggling Network?

How Pakistan’s Navy Is Linked to the Global Meth Smuggling Network?

00:04:44

How Marya Shakil Whitewashed RJD’s Genocidal ‘Bhura Baal Saaf Karo’ Slogan?

00:07:12

Will India Finally Know The Truth About Netaji’s Death?

00:08:41

When Grief Met Greed: The Shocking Story of a Father & Bengaluru’s Bribe Chain

00:07:45

How ‘Grokipedia’ Seeks to Correct Perceived Ideological Biases in India-Related Wikipedia Articles”

00:08:17
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited