२०१४ में, भाजपा को अपनी शानदार जीत के लिए किसे श्रेय देना चाहिए? कुछ लोग इसके लिए नरेंद्र मोदी को श्रेय देंगे, अन्य भाजपा संगठन की सराहना करेंगे, कुछ लोग आरएसएस को धन्यवाद देंगे और कुछ शातिर गुरु रणनीतिकार, अमित शाह की सराहना करेंगे। दुर्भाग्य से, भाजपा कभी इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होगा कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर वो महान विभूति है जिन्होंने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर पहुंचाया।
अय्यर ने कहा था कि नरेंद्र मोदी कभी भारत के प्रधानमंत्री नहीं हो सकते थे, पर मोदी चाहे तो कांग्रेस मुख्यालय में चाय बेचने के लिए उनका स्वागत है, अगर अय्यर ना होते तो मोदी ऐसे नये प्रचार अभियान के बारे में कभी नही सोच पाते जो आगे चल कर चाय पे चर्चा नाम से अत्यंत लोकप्रिय और प्रभावशाली हुआ।
ये वही संकीर्ण विचारधारा वाले मणिशंकर अय्यर थे जिन्होंने नरेंद्र मोदी को एक ऐसा अमोघ दिव्यास्त्र दिया जिससे वे अपने विरोधियों को पराजित कर सके।
इसके बाद, रैली के बाद रैली में मोदी ने अपनी चायवाले के रूप में अपनी मामूली शुरुआत को रेखांकित किया, अपने संघर्ष, अपनी परेशानियां और मतदाताओं के साथ एक भावनात्मक सम्बन्ध स्थापित किया। उनके विरोधियों ने उनका और उपहास किया, मोदी आगे बढ़े, अंत में जब भाजपा ने कुल २८० सीटों के साथ धरती हिलाने वाली विजय प्राप्त की, तब विरोधयों की चूले हिल गयी। लगभग ३ दशकों में पहली बार एकल पार्टी बहुमत सरकार बनी। इसलिए, यदि कोई मोदी को सत्ता में लाने के लिए पदक के योग्य है, तो वह मणिशंकर अय्यर ही है।
यह स्पष्ट है, कि जब कभी भी किसी राजनीतिक नौसिखिए ने, प्रधानमन्त्री मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी करते हुए, उनकी निन्दा करने का प्रयास किया है। तब-तब प्रधानमन्त्री मोदी ने, उन अपमानजनक टिप्पणियों को हथियार के रूप में बदलने की एक अद्वितीय क्षमता का प्रदर्शन किया है। स्पष्ट शब्दों में कहें तो मोदी को हराने का सही तरीका, उन्हें अपमानित करना नहीं है। फिर भी, लगभग सभी राजनीतिक दलों ने नरेंद्र मोदी को व्यक्तिगत रूप से अपना निशाना बनाने वाली तकनीक का इस्तेमाल करना जारी रखा है। २००७ के गुजरात चुनावों में सोनिया गांधी द्वारा की गई एक कुख्यात टिप्पणी मौत का सौदागर से लेकर, २०१७ में यूपी चुनावों के दौरान अखिलेश यादव द्वारा ‘गुजरात के गधे‘ के रुप में नरेंद्र मोदी को अपमानित किया गया, परन्तु नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक गाली का अपने लाभ के लिए उपयोग करते हुए, भारतीय मतदाताओं के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाने का काम किया, ताकि नरेंद्र मोदी, जनता के सामने, अपने विरोधियों को कठोर, निर्दयी और अभिमानी लोगों के रूप में प्रदर्शित कर सकें। और हम सभी ने देखा कि, नरेंद्र मोदी ने २००७ के गुजरात चुनावों में कैसे जीत हासिल की और २०१७ में, यूपी में अपने भाषणों के जरिए अखिलेश यादव, जो स्वंय को शेर कहते थे, उन्हें यूपी चुनाव में जीतने का कोई मौका नहीं दिया और यूपी में पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनी।
ऐसा लगता है कि नरेंद्र मोदी के विरोधियों ने अपनी गलतियों से न सीखने की एक अनोखी आदत डाल ली है। अगर भाजपा, इस बार गुजरात चुनावों में जीत हासिल करती है, तो भाजपा २०१९ में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों में एक महत्त्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक बढ़त बना लेगी, यूथ कांग्रेस ने एक अपमानजनक ट्वीट करते हुए, नरेंद्र मोदी की भाषा कौशल का मजाक उड़ाया गया, जिसमें वाकया कुछ यों है (नरेंद्र मोदी- आप लोगों ने देखा विपक्ष मेरे कैसे कैसे मेमे बनवाता है?, ट्रम्प – उसे मेमे नहीं मीम कहते है, थेरेसा मे – तू चाय बेच) है।
यूथ कांग्रेस से जुड़ी लोगो ने अपने एक ट्वीट के माध्यम से नरेंद्र मोदी की भाषा का मजाक उड़ाया, इसे एक मज़ाक के तौर पर अनदेखा भी कर सकते हैं लेकिन ट्वीट इतना अधिक आपत्तिजनक है कि इसे खारिज करना असंभव है। सबसे पहले, यह ट्वीट उस व्यक्ति से संबंधित है जो देश के प्रधान मंत्री हैं, दूसरी बात यह कि यह किसी व्यक्ति की भाषण शैली का मज़ाक उड़ा रही है, और तीसरा, यह कि इसमें एक भारतीय को विदेशी पश्चिमी देशों के सामने मज़ाक बनाया जा रहा है।
यह कांग्रेस ट्विटर हैंडल प्रधानमंत्री मोदी के बारे में घृणित और घटिया ट्वीट्स करने के लिए कुख्यात है। आप स्वयं देखें:
नरेन्द्र मोदी ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियों का का निशाना इसलिए हैं क्योंकि वह एक मध्यम पृष्ठभूमि से संबंधित हैं, क्योंकि वह एक स्वनिर्मित व्यक्ति है, जिन्होंने ऑक्सफोर्ड या कैम्ब्रिज में अंग्रेजी का अध्ययन करने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ, क्योंकि उन्हें चाय बेचकर अपना गुज़ारा करना पड़ता था। कुछ मायनों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन की कहानी इस देश के लाखों आम पुरुषों और महिलाओं की कहानी है, जो, समाज और नियति द्वारा उन पर आई बाधाओं के बावजूद उभर कर सामने आए हैं। ऐसे ट्वीट करोडो भारतीयों के लिए अपमानजनक हैं। कांग्रेस पार्टी के स्थायी प्रतीक्षारत अध्यक्ष, राहुल गाँधी ने हाल ही में भाजपा को गुजरात की सत्ता में दुबारा आने का मौका ना देने के लिए हर संभव प्रयत्न किया। वे बेचारे मंदिरों तक का दौरा कर रहे हैं और सत्ता से भाजपा को विस्थापित करने के लिए सर्वशक्तिमान के हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी की कड़ी मेहनत को परिणामों में परिवर्तित करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
मतदाताओं के भड़कने के डर से कांग्रेस के नेताओं ने ट्वीट की निंदा की है।
इस ट्वीट के पहले भी, ‘विकास गांडो थायो छे’ (विकास पागल हो गया है) पर गुजरात में एक संपूर्ण अभियान बनाया गया था। ऐसा लगता है कि कांग्रेस, भाजपा की कमियों का लाभ उठाना चाहती है, चाहे वह पटेल आंदोलन हो, या मजबूत क्षेत्रीय नेताओं की कमीं, नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाते हुए, जो भारत के प्रधानमंत्री और गुजरात के पुत्र हैं, कांग्रेस ने अपनी कब्र में एक और कील ठोक ली है। नरेन्द्र मोदी के गुजरात में एक और सरकार बनाने के लिए, यह भगवान द्वारा दिया गया एक अवसर है।
प्रधानमंत्री के विरोधी अब खुले तौर पर उन्हें धमकी देने के लिए उतर आए हैं (जैसा कि राबड़ी देवी ने कहा था कि प्रधान मंत्री का गला काटा जायेगा और हाथ काटे जाएंगे)। आने वाले दिनों में, यह संभव है कि नरेंद्र मोदी अपनी रैलियों में उनके खिलाफ की गई सभी अपमानजनक टिप्पणियों का ब्योरा देंगे और मतदाताओं को वोट करते समय उन्हें ध्यान में रखने के लिए कहेंगे।
कांग्रेस की इस नई गलती के बाद, यह लगता है कि गुजरात में बीजेपी का मिशन १५० मुश्किल नहीं है।