प्रधानमंत्री मोदी भारतीय राजनीति के मंजे हुए खिलाडी है उन्हें ये भलीभांति पता होता है की उन्हें कब बोलना है, कितना बोलना है, क्या बोलना और कब नहीं बोलना है। जब उन्हें विरोधियों पर वार करना होता है तो वो खुलकर कभी आक्रामक होकर तो कभी अपने चुटीले अंदाज में वार करते हुए देखे गए है लेकिन जब उन्हें किसी को जवाब देना मुनासिब नहीं लगता है वे उस विरोधी को अनदेखा कर देते है की विरोधी इस कदर उनके अनदेखी से बौखला जाते है की कई बार वे चूक कर देते है और मोदी जी के जाल में फंस जाते है। यही वो गलती करने लगते है बिना सोचे समझे की जनता सब देख रही है और वे जनता की निगाहों में गिरते ही जा रहे है। कुछ ऐसा ही वाकया मोदी जी ने केजरीवाल के साथ किया था। जब केजरीवाल सुबह से लेकर रात तक सोते जागते उठते बैठते मोदी राग अलापा करते थे, खुलकर झूठे आरोप लगाया करते थे लेकिन इधर मोदी है की कभी अपने भाषणों में केजरीवाल का नाम नहीं लिए जिससे अक्सर केजरीवाल बौखला जाया करते थे और कई बार अभद्र शब्दों का इस्तेमाल कर दिया करते थे जिस कारण वे जनता की नजरों में आ जाते है।
प्रधानमन्त्री मोदी का यह दांव उनक बोल के हमले करने से भी ज्यादा कारगर सिद्ध हुआ है। मोदी अक्सर ऐसा ही दांव इस्तेमाल करते रहे है चाहे विरोधी दूसरे पार्टियों का हो या उनके खुद की पार्टी का। अब शत्रुघ्न सिन्हा को ही ले लीजिये जबसे मोदी प्रधानमंत्री बने है शत्रुघ्न सिन्हा को पूरी उम्मीद थी की उन्हें मंत्री पद दिया जायेगा लेकिन मोदी तो मोदी है चौंकाने वाले फैसलों के लिए ही जाने जाते है। उन्होंने अपना कैबिनेट खुद से तय किया जूनियर सीनियर से ज्यादा कार्यकुशलता और परफॉरमेंस के सहारे मंत्री पद बांटे गए। ऐसे में मोदी से सिन्हा की नाराजगी लाजमी थी लेकिन यह नाराजगी के स्वर जल्द ही विरोध में बदलने लगे।
शत्रुघ्न सिन्हा खुलकर करते है प्रधानमंत्री मोदी, सरकार और सरकार की नीतियों का विरोध
अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा हैं तो बीजेपी के सांसद, लेकिन इन दिनों उनके ‘शब्दों की शॉट गन’ मोदी सरकार की नीतियों पर ही ज्यादा बरसती नजर आ रही है। ‘अपनों पे सितम, गैरों पे करम’ की तर्ज पर शत्रुघ्न सिन्हा विरोधी दल कांग्रेस की तारीफ करते भी नजर आते है। बता दे की शत्रुघ्न सिन्हा ने हाल ही में पीएम मोदी, वित्तमंत्री अरुण जेटली और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर तीखी टिप्पणी की थी । एक कार्यक्रम में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अगर एक वकील वित्तीय मामलों पर बोल सकता है, टीवी एक्ट्रेस एचआरडी मंत्री बन सकती है और एक चायवाला बड़ी उपलब्धियों को हासिल कर सकता है तो हम नोटबंदी और जीएसटी पर क्यों नहीं बोल सकते? दरअसल, शत्रुघ्न सिन्हा समय-समय पर जीएसटी और नोटबंदी का विरोध करते रहे हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा देश के हर गर्म मुद्दे पर बात करना चाहते है और किसी न किसी बहाने मोदी और सरकार पर हमला करने से नहीं चूकते है। हाल ही में संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती पर चल रहे विवाद पर बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने मांग कि पद्मावती फिल्म पर चल रहे हंगामे पर फिल्म कलाकारों से पहले प्रधानमंत्री मोदी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।
शत्रुघ्न सिन्हा ने सरकार का ही नहीं, मंत्री और पार्टी अध्यक्ष का भी जमकर बनाया मजाक
भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रियों का भी मजाक उड़ाया है। गुरुवार को उन्होंने कहा है कि कैबिनेट के 90 फीसद मंत्रियों को कोई नहीं जानता है । जबकि, बचे हुए 10 फीसद मंत्रियों की कोई इज्जत नहीं करता है। इस दौरान बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि देश में इस वक्त केवल “वन मैन शो” और “टू मैन आर्मी” काम कर रही है।
शत्रुघ्न सिन्हा कभी पाकिस्तान तो कभी कन्हैया का समर्थन करते नजर आते है
सिन्हा यही नहीं रुकते उन्होंने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद की रिहाई के मुद्दे पर बोलते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि पाकिस्तान के साथ हर हाल में बातचीत जारी रहनी चाहिए। जबकि वे जानते है इस विषय में सरकार का पक्ष स्पष्ट है। उन्होंने एक ट्वीट में कन्हैया कुमार का भी समर्थन करते हुए लिखा था, ‘‘माननीय अदालत द्वारा कन्हैया को जमानत प्रदान करने को लेकर प्रसन्न हूं और खुशी है कि उसे जेल से रिहा कर दिया गया है।’’ यानी वो सरकार का हर मुद्दे पर विरोध ही करना चाहते है। लेकिन उनकी यह नीति उन्हें जनता की नजरों में और कमजोर कर देती है क्योंकि कहीं न कहीं पाकिस्तान हो या कन्हैया और जेएनयु वाले मुद्दे पर जनता भी सरकार के पक्ष से सहमत नजर आती है।
इंदिरा जिंदा होतीं, तो कांग्रेस में होता
अब शत्रुघ्न सिन्हा को कांग्रेस पार्टी में भी टैलेंट नजर आने लगा है। सिन्हा अब लालू, नितीश और कजरी से होते हुए अब कांग्रेस और राहुल की भी तारीफों के पूल बंधने से नहीं चुक रहे है। कांग्रेस की तारीफ करते हुए शत्रुघ्न ने कहा, ‘ये बात तो माननी पड़ेगी कि कांग्रेस में टैलेंट पूल जबरदस्त हैं। मनमोहन सिंह ज्ञानी आदमी हैं। शत्रुघ्न ने इंदिरा गांधी को देश की बेहतरीन प्रधानमंत्री बता दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर इंदिरा गांधी आज जिंदा होतीं, तो वे शायद कांग्रेस में होते। उनका ऐसा कहना पार्टी का अपमान करने जैसा ही है। शत्रुघ्न ने आगे कहा, ‘स्टार होते हुए भी वो स्टार कैंपनेर नहीं हैं, लेकिन आप जानते हैं कि मैं कितना लोकप्रिय हूं? लोग मुझे कितना मानते हैं, लेकिन पार्टी को इसकी कीमत नहीं है।’
यह वही मोदी है जिनके नाम का सिर्फ विरोध करते करते कई नेता और पत्रकारों की लाइफ बन गयी है। मोदी ने जो अनदेखी की सिन्हा साहब की जनाब की जबान को लगाम नहीं लगी। और होता यूँ है की जब आपको जवाब नहीं मिलता तो ऐसे लोग और ज्यादा आक्रामक होने लगते है वैसे ही शत्रुघ्न सिन्हा बडबोले नेताओं में से है। फिर इन्होंने प्रधानमंत्री पर हमले और तीखे कर दिए अब खुल के हमले करने लगे। उनके सुर विरोधियों से मेल खाने लगे है। कही न कहीं उन्हें ये लगने लगा है जनता उन्हें अगली बार संसद में भेजने के मूड में नहीं है और इसी का अंदाजा उन्हें हो गया तो अब वे चाहते है की इसी बहाने सही प्रधानमंत्री भी उनपर पलटवार करें तो वे इसको मुद्दा बनाये और जनता की सहानुभूति ले पाएं ताकि आने वाला चुनाव अपने दम पर जीता जा सके।
शत्रुघ्न सिन्हा को जब भी मौका मिलता बड़े मंच पर वे मोदी और उनके मंत्रिमंडल का विरोध करने से नहीं चुकते। कभी वे लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री का दावेदार बता देते कभी नितीश कुमार की तारीफ करने लगते कभी लालू से मिल जाते तो कभी कांग्रेस की बातों को सही ठहरा देते। यह पहली बार नहीं है जब सिन्हा ने प्रधानमंत्री या उनके मंत्रियों पर हमला किया हो इसके पहले बिहार चुनाव में भी जब उनका नाम प्रचारक में नदारद था तब भी उन्होंने बीजेपी पर हमला किया था और बीजेपी को इस चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। लेकिन तब से लगातार शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी पर हमलावर होते रहे है लेकिन इधर प्रधानमंत्री उनके खिलाफ एक शब्द नहीं बोल रहे और न ही पार्टी कोई एक्शन लेने के मूड में है तो ऐसे में शॉटगन और तिलमिलाए से नजर आने लगे है और विरोधी खेमे के साथ गलबहियां करते नजर आते है| अब सिन्हा साहब ये भूल गए की वे जितना हमला प्रधानमंत्री पर हमले करेंगे मोदी उतना ही पसंद किये जायेंगे और जनता के सामने सिन्हा हीरो नहीं विलेन नजर आयेंगे।

































