“मैंने गलती की है, गुजरात के मतदाता ये गलती नहीं करेंगे”
भारत में बहुत कम ही ऐसे राजनेता हैं जिनमें गलती करने के बाद यह कहने का विश्वास है जिससे उनकी चुनावी महत्वाकांक्षाएं खतरे में पड़ सकती हैं, लेकिन वह बीजेपी अध्यक्ष और अमित शाह हैं जिन्होंने ऐसा किया। उन्होंने ऐसा न सिर्फ कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान में की गयी गलती के लिए ऐसा किया बल्कि विपक्ष को साफ़ चेतावनी भी दी कि उन्हें हलके में लेने की भूल ना करे!
इस करिश्माई राजनेता के लिए पिछले कुछ हफ्ते सुखद नहीं रहे। बीजेपी ने त्रिपुरा में जीत का स्वाद चखा ही था और मेघालय और नागालैंड में गठबंधन सरकार बनी ही थी, कि फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। ये उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पूर्व सीटें थीं। इस हार ने विपक्ष में उम्मीद की लहर को जगा दिया।
ऐसे वातावरण में कर्नाटक के चुनाव से पहले रैलियों में हुई दो बड़ी गलतियों ने बीजेपी के घाव पर नमक लगाने का काम किया, जैसा की नीचे दिया गया है:
पहली गलती: प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कर्नाटक में होने वाले चुनावों की घोषणा के बाद अमित शाह की जुबान फिसल गयी थी जिसमें उन्होंने सिद्धारमैया की जगह अपने उम्मीदवार बी.एस येदियुरप्पा सरकार को भ्रष्ट बता दिया था।
दूसरी गलती: इस गलती के बाद अमित शाह को रैली के दौरान एक और शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी, जब उन्होंने अपनी टिप्पणी में कांग्रेस की आलोचना करते वक्त कहा, ‘पीएम मोदी के अंतर्गत बीजेपी देश को बर्बाद कर देगी।’ पिछली गलती की तरह इस बार उनकी यहां पूरी गलती नहीं थी, क्योंकि उन्होंने यह बात भाषण के लिए दिए गए लिखित पत्र से कही थी जिसे हिंदी से कन्नड़ में अनुवाद किया गया था ताकि लोग आसानी से इसे अपनी भाषा में समझ कर उनसे जुड़ सकें।
विपक्ष के लिए अमित शाह द्वारा की गयी जुबानी गलती निशाना बनाने के लिए पर्याप्त थी। पार्टी का नेतृत्व करने वाले गलतियों के मास्टर कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया:
Now that the BJP IT cell has announced Karnataka elections, time for a sneak preview of our top secret campaign video!
Gifted to us by the BJP President, our campaign in Karnataka is off to a fabulous start. He says Yeddyurappa ran the most corrupt Govt ever…
True. pic.twitter.com/UYqGDZuKyR
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 27, 2018
राजकुमार के मैदान में कूदते हीं, उनके सिपहसलार भी मैदान में कूद पड़े
Who knew @AmitShah could also speak the truth- we all concur with you Amit ji @BSYBJP is the most corrupt! pic.twitter.com/GFbTF3Mg7H
— Ramya/Divya Spandana (@divyaspandana) March 27, 2018
The #ShahOfLies finally speaks truth. Thank you @AmitShah pic.twitter.com/WczQdUfw5U
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) March 27, 2018
एक सार्वजानिक वक्ता के लिए जुबान फिसलना असामान्य घटना नहीं है ये कभी कभी ये परिस्थितियों को बिगाड़ देतीं हैं परन्तु अमर्यादित आलोचना पार्टी के संस्कारों को दर्शाती है, और वैसे भी राहुल गांधी अपनी फिसलू-जुबान के लिए कुख्यात रहे हैं, गरीबी के संदर्भ में उनका हाल ही में दिया आलू को सोने में बदलने का बयान इसका एक उदाहरण है।
ऐसे परिदृश्य में जब अमित शाह ने सुत्तूर मठ की यात्रा के बाद मैसूर के शाही परिवार का दौरा किया, तब उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, ‘जुबान फिसल जाने से मैंने सिद्धारमैया की जगह येदियुरप्पा सरकार को भ्रष्ट बता दिया था, इसको लेकर कांग्रेसी बहुत खुश दिख रहे हैं, लेकिन कर्नाटक के लोग गलती नहीं करेंगे।
जॉर्ज ऑरवेल ने एक बात सही कही थी, “झूठ और धोखे के युग में सच बोलना क्रांतिकारी कार्य है।” इसीलिए जब कोई अपनी गलती को खुद स्वीकारता है और तब वह पूरे आत्मविश्वास से सकारात्मक परिणाम की बात करता है, तो ऐसे में उसकी क्षमताओं पर शक नहीं करना चाहिए। अमित शाह ने अपने इस एक बयान से जता दिया कि बीजेपी विपक्ष के धोखे के सामने नहीं झुकेगी और सुनिश्चित करेगी कि केंद्र सरकार को मिलने वाला लाभ हर घर तक पहुंचे।