फिर से वापस आ गया बॉलीवुड और हम बॉलीवुड के दिखावटी आक्रोश से थक चुके हैं

बॉलीवुड कठुआ

कठुआ रेप मामले में हमने जनता का आक्रोश तो देखा साथ ही समाज के स्वयं नियुक्त नैतिक संरक्षकों का झूठा आक्रोश भी देखा। हालांकि, किसी ने भी इस मामले में बॉलीवुड कलाकारों के हाथों में पोस्टर्स के साथ सोशल मीडिया पर साझा की गयीं तस्वीरों पर गौर नहीं किया। बॉलीवुड के बीते वर्षों को देखें तो बॉलीवुड का अपराध को लेकर रिकॉर्ड काफी खराब रहा है जिसमें अवैध हथियार रखने से लेकर विलुप्त हो रही प्रजाति की हत्या जैसे अपराध शामिल हैं। फिल्म में अच्छी भूमिका के लिए कलाकारों का शोषण करने से लेकर अपमानजनक संबंधो व महिलाओं के प्रति अपने खराब व्यवहार के लिए बॉलीवुड मशहूर रहा है।

हालांकि, उस समय बॉलीवुड में से किसी ने भी अपराधी और ऐसे शैतानो के प्रति अपनी आवाज नहीं उठायी।

बॉलीवुड ने जब भी आवाज उठाई है तब वो अक्सर ही समुदाय या धर्म से जुड़ा था। एक अभिनेत्री जिसने अपने बेटे का नाम एक ऐसे खूनी और क्रूर इंसान के नाम पर रखा जिसने महिलाओं का शोषण किया था, इसी अभिनेत्री ने कठुआ मामले में सोशल मीडिया पर पोस्टर शेयर किया। वहीं, दूसरी अभिनेत्री भी हैं जिन्होंने कठुआ मामले में एक पोस्टर शेयर किया जिसमें उन्होंने अपराध के प्रति आक्रोश को व्यक्त किया साथ ही अपने पोस्टर में हिंदू धर्म को भी लक्षित किया है। ये वही अभिनेत्री हैं जिनके पिता को सोशल मीडिया की एक तस्वीर में दाऊद के बगल में देखा गया था, वो दाऊद जिसे खतरनाक अंडरवर्ल्ड डॉन के रूप में जाना जाता है।

वहीं, इस मामले में कोएना मित्रा ने अपने सहयोगी फ़िल्मी सितारों को एक सटीक जवाब दिया है।

https://twitter.com/koenamitra/status/984383098161803264

बॉलीवुड की इन अभिनेत्रियों के खिलाफ कोएना का गुस्सा जाहिर है क्योंकि कठुआ रेप मामले में अपने आक्रोश को जाहिर करने के लिए इन अभिनेत्रियों ने एक धर्म को लक्षित किया है। कठुआ मामले सहित महिलाओं के प्रति होने वाला कोई भी अपराध इंडस्ट्री के लिए एक मौके की तरह होता है जिसका उपयोग वो अपने फिल्म प्रचार और अपनी छवि के लिए करते हैं। इंडस्ट्री के सितारे तभी किसी मुद्दे में हस्तक्षेप करते हैं जब वो किसी समूह से जुड़ा हो या धर्म से जुड़ा हो तभी तो वो इस मौके का फायदा अपने लाभ के लिए कर पाएंगे।

बॉलीवुड में लिंगभेद की समस्या अभी भी बड़ी है और इस उद्योग के दिखावटी और एक तरफे आक्रोश ने हमेशा ही मुख्य मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाया है, और इस बार भी बॉलीवुड ने कठुआ में हुए जघन्य अपराध का ध्रुवीकरण किया। फिल्म इंडस्ट्री के सितारे हमेशा जनता की नजरों में बने रहने की कोशिश करते हैं और उनसे ये बर्दाश्त नहीं हुआ कि मीडिया एक आठ वर्षीय बच्ची के साथ हुए बलात्कार की घटना को तवज्जो दे रही है। यही वजह है कि मीडिया का ध्यान अपनी ओर करने के लिए इन सितारों ने ऐसी नाजुक स्थिति में भी लोगों के विश्वास पर चोट करने का मौका नहीं छोड़ा ताकि इससे मीडिया की चमक दमक फिर से इनके इर्द-गिर्द घूम सके।

आधुनिक प्रोपेगंडा के पिता, एडवर्ड बर्नेज ने कहा था कि, ‘अमेरिकन सिनेमा आज की दुनिया में प्रोपेगंडा के लिए एक अचेतन वाहक है।’

डोनाल्ड ट्रम्प के शासन के बाद भी हॉलीवुड ऐसे प्रोपेगंडो से भरा पड़ा है और अब ऐसा लगता है कि बॉलीवुड में हमेशा ही ऐसा रहा है। जबसे पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की कमान संभाली है तबसे बॉलीवुड के प्रोपेगंडे और तेजी से बढ़े हैं। फिल्म उद्योग में इस तरह के प्रोपेगंडे तब ही नजर आते हैं जब इन सितारों को लगता है कि उनके इस प्रोपेगंडे को राजनीतिक पार्टियों द्वारा सराहा जायेगा लेकिन इन सितारों का दिखावटी आचरण आम लोगों की नजरों में आ ही जाता है। जाहिर है कि कठुआ मामले में सितारों की प्रतिक्रियाओं से कांग्रेस को मौका जरुर मिल गया कि वो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साध सके। कठुआ मामले में अपनी प्रतिक्रिया को जाहिर करने की इतनी जल्दी थी कि सितारों ने हिंदू-धर्म को ही अपने प्रचार में घसीट लिया। फ़िल्मी सितारों का ये प्रचार तो कठुआ मामले में इंसाफ के विपरीत नजर आता है जिन्हें इंसाफ से ज्यादा अपने प्रचार से मतलब होता है।

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